रामायण जलाने वालों को भाजपा से टिकट देने की तैयारी

पूरे परिवार की छवि है सनातन विरोधी पिता रहा है रावण का उपासक.

हिन्दुत्व की पक्षधर भाजपा के कुछ नेता रामायण जलाने वाले एक दूसरे दल के नेता की बेटी को पार्टी में लाकर उसे चुनाव लड़वाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। ऐसे में चुनाव के दौरान महाकौशल अंचल में भाजपा के हाथ से सनातन का मुद्दा जाना तय माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस ने भी इस मामले को जोर- शोर से उठाने की तैयारी कर ली है। यह मामला है छिंदवाड़ा जिले की आदिवासी बाहुल अमरवाड़ा विधानसभा क्षेत्र का। दरअसल भाजपा के कुछ नेताओं ने यहां पर आपसी गुटबाजी के चलते एक ऐसी महिला को टिकट दिलाने की मुहिम चला रखी है, जिसके पूरे परिवार को न केवल सनातन विरोधी माना जाता है , बल्कि उसके परिवार पर रामायण जैसा धार्मिक ग्रंथ तक जलाने का मामला लंबित है। यही नहीं हाल ही में उसके द्वारा इलाके में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री का सार्वजनिक विरोध तक किया जा चुका है, जिसकी वजह से उससे इलाके के ही नहीं आसपास के हिंदुओं में भी गहरी नाराजगी बनी हुई है। यह महिला नेत्री है,मोनिका बट्टी। उनके पिता स्व मनमोहन शाह बट्टी गोगापा के नेता रहे हैं और उनके द्वारा रामायण जैसे हिन्दुओं के पवित्र ग्रंथ रामायण को सार्वजनिक रूप से जलाया गया था। इस मामले में पुलिस ने उनके खिलाफ मामला दर्ज कर जली हुई रामायण को जप्त भी किया था। यही नहीं उनके द्वारा अपने गृह ग्राम देवरी में रावण का मंदिर तक बनाया गया है और उनके पूरे परिवार द्वारा न केवल रावण की पूजा की जाती है बल्कि, इलाके में दशहरा के अवसर पर रावण जलाने का विरोध भी किया जाता है। हद तो यह है कि इस परिवार के द्वारा आदिवासी इलाकों में हिन्दू विरोधी साहित्य को भी बंटवाया जाता है। इनमें एस कुमार लिखित रावण को मत जलाओ और कार्तिक उरांव लिखित आदिवासी हिंदू नहीं नामक पुस्तक शामिल है। इस पूरे परिवार की छवि इलाके में हिंदु विरोधी मानी जाती है। इस मामले में अहम बात यह है कि इसी साल में जब इस इलाके में बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री की कथा थी तब उनका यह कहते हुए विरोध किया गया था कि वे माइंड रीडिंग करते हैं।
बागेश्वर धाम का विरोध
मोनिका ने उस समय बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेन्द्र शास्त्री को लेकर कहा था कि वे दिखावा करते हैं , जादू टोना है, ऐसा कुछ नहीं होता। सब माइंड रीडिंग होती है। लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। हम आदिवासी केवल बड़ा देव को मानते है, हमारे लिए बड़ादेव ही सबकुछ है। इस तरह के संतों ने समाज को कई भागों में विभाजित कर दिया है। इस तरह की कोई शक्ति को मैं नहीं मानती। लोगों की बीमारियां या फिर उनके बारे में एंथेटिक जानकारी केवल ट्रिक से ही पता की जा सकती है और उसी ट्रिक का प्रयोग वे करते है, लोग अंधविश्वास में अपना जीवन बर्बाद कर रहे है। सत्य सनातन धर्म को मैं नहीं मानती। हम केवल अपने बड़ादेव का ही पूजन करते है और हमारे लिए वे ही महत्वपूर्ण होते है। बाकी सब तो बेकार की बातें है। आदिवासियों को भडक़ाया जा रहा है, लेकिन हम आदिवासी किसी के कहने या फिर बहकावे में नहीं आने वाले। आदिवासी सीधे और सरल होते है, उनके क्षेत्रों में जाकर कोई भी रामकथा कर ले इससे आदिवासियों को कोई फर्क नहीं पडऩे वाला। लोग चाहे कुछ भी कर ले। वे वहीं करेंगे जो उनके हित में होगा। राम केवल एक पात्र है। उनका नाम लेकर रामकथा करने से कुछ नहीं होने वाला। आदिवासियों को कोई भी बहला फुसला नहीं सकता। उन्हें भी अपने अधिकारों के बारे में अच्छी तरह से मालूम है। मैं ऐसे किसी भी संत को नहीं मानती हूं। मैं किसी भी सत्य सनातन धर्म को नहीं मानती हूं, हम आदिवासियों को बांटा जा रहा है। आदिवासियों के बीच में जाकर रामकथा करने से क्या हो जाएगा जो जैसा है वैसा ही रहेगा। हम आदिवासियों को कोई भी बेवकूफ नहीं बना सकता है। अब हम लोगों में भी जागृति आ गई है। कोई भी संत महात्मा कहीं भी जाकर अपने प्रवचन कर सकता है, लेकिन आदिवासियों को बहला-फुसला नहीं सकता। मैं तो इसका पुरजोर विरोध करती हूं।
तो भाजपा को होगा बड़ा नुकसान
यह वो इलाका है , जहां कांग्रेस का प्रभाव माना जाता है , लेकिन हिंदुओं के विरोध की वजह से अब इलाके का आदिवासी भाजपा के पक्ष में खड़ा हुआ दिखता है। इस हालात में अगर भाजपा अमरवाड़ा सीट पर हिंदु विरोधी मोनिका बट्टी को टिकट देती है तो आदिवासियों के साथ ही हिंदुओं का साथ भाजपा को मिलना मुश्किल हो जाएगा।