खुलेआम चल रही हत्या की सुपारी लेने की दुकान.
सुपारी किलर ने सोशल मीडिया में एक फोटो पोस्ट कर अपना मोबाइल नंबर डालकर लिखा कि जिस किसी को किसी का मर्डर करवाना हो तो इस नंबर पर संपर्क करें। इसके अलावा एक अन्य वीडियो में वह बेखौफ होकर खतरनाक हथियारों की दुकान सजाए दिख रहा है। इन सभी के बीच एक ऑडियो भी जमकर वायरल हुआ, जिसमें सुपारी किलर के द्वारा सोशल मीडिया में पोस्ट किए मोबाइल नंबर से संपर्क कर एक व्यक्ति उस से किसी की सुपारी देने की बात करते सुनाई दे रहा है। दरअसल, इंस्टाग्राम में किंग मिसाइल, 2222 और गैंगस्टर मिसाइल 2222 ब्लैक लवर नाम से आईडी बनाई गई है। इस मामले में पुलिस ने उसकी पहचान अभिसेष तिवारी ग्राम बंधरा के रूप में की है।
भाजपा नेता ने बुजुर्ग आदिवासी को खुलेआम चप्पल से पीटा
एक भाजपा नेता का आदिवासी बुजुर्ग को चप्पल से पीटते वीडियो वायरल होने के बाद सियासत गरमा गई है। यह मामला अनूपपुर जिले का है। बीते रोज सोशल मीडिया पर यह तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद पुलिस ने आरोपी नेता पर आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया है। मामला जिले के बैरीबांध और जमुडी के बीच अनूपपुर-अमरकंटक रोड का है। यहां पर एक पिकअप वाहन ने बाइक को टक्कर मार दी थी। सूचना मिलते ही स्थानीय ग्रामीणों के साथ भाजपा नेता जय गणेश दीक्षित मौके पर पहुंचा, उसने बुजुर्ग से पूछताछ की। जब वह जवाब नहीं दे पाया तो दीक्षित ने उसे चप्पल से पीटना शुरू कर दिया। बुजुर्ग के साथ मारपीट के मामले में दो आरोपी जितेंद्र कुशवाहा और गणेश दीक्षित के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट में केस दर्ज कर लिया गया है।
नेता प्रतिपक्ष पर 10 हजार रु. का जुर्माना
श्रीमंत के नामांकन से जुड़े नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के आवेदन को मप्र हाई कोर्ट की ग्वालियर बेंच ने खारिज करते हुए दस हजार का जुर्माना लगाया है। जस्टिस दीपक अग्रवाल ने कहा- हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी दायर की गई, जिसे खारिज कर दिया गया। इसके बाद हाई कोर्ट में आवेदन देते हुए याचिका की सुनवाई किसी अन्य कोर्ट में कराने की गुहार लगाइ गई थी। इससे साफ तौर पर ये प्रतीत होता है कि याचिकाकर्ता ने कोर्ट पर दबाव बनाने के लिए ये आवेदन प्रस्तुत किया और इसीलिए बेंच के खिलाफ झूठे आरोप लगाए गए। यदि याचिकाकर्ता, चुनाव याचिका की सुनवाई इस बेंच में कराने के इच्छुक नहीं थे, तो उन्हें ये आवेदन हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस के समक्ष प्रस्तुत करना चाहिए था।
मप्र के मूल निवासी ऑल इंडिया सर्विस के अफसरों ने बनाई एसोसिएशन
प्रदेश के मूल निवासी ऑल इंडिया सर्विस के देश भर में पदस्थ अधिकारियों ने एक एसोसिएशन का गठन किया है। इसे मप्र मूल निवासी अखिल भारतीय अधिकारी संघ नाम दिया गया है। इस एसोसिएशन से देश के अलग-अलग राज्यों में पदस्थ मप्र के मूल निवासी आईएएस, आईपीएस, आईएफएस को जोड़ा जा रहा है। इसका उद्देश्य अलग-अलग राज्यों में पदस्थ मप्र के निवासी ऑल इंडिया सर्विस के अफसरों को एक मंच पर लाकर दूसरे राज्य में पदस्थ किसी अधिकारी को दूसरे राज्य में बच्चों की पढ़ाई, इलाज या अन्य कोई व्यक्तिगत जरूरत पडऩे पर मदद करना है।
दिग्विजय ने फिर अफसरों को चेताया
पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह ने एक बार फिर से अफसरों को चेताया है। उन्होंने अब वित्त विभाग के अधिकारियों को सचेत रहने की चेतावनी दी है। सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा का एजेंडा पूरा करने के लिए आंकड़ों में बाजीगरी की जा रही है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर जांच कराएंगे और गड़बड़ करने वालों पर कार्रवाई की जाएगी, चाहे वो कितना भी वरिष्ठ ही क्यों न हो। सिंह ने ट्वीट किया है कि भाजपा के चुनावी एजेंडा को पूरा करने के लिए वित्त विभाग के आला अधिकारी आंकड़ों की बाजीगरी कर प्रदेश की पहले से डगमगाई वित्तीय हालत को और हानि पहुंचा रहे हैं।