कुंडली के ग्रहों के हिसाब से तीन अंक का है बड़ा महत्व.
भोपाल.मंगल भारत.
मप्र में इस बार कर्नाटक जैसी स्थिति बनी हुई है। प्रदेश सरकार को लेकर जारी एंटी इंकम्बेंसी का अहसास पार्टी हाईकमान को भी है। यही वजह है कि इस बार पार्टी का केन्द्रीय नेतृत्व मैदानी स्तर से लेकर ज्योतिष तक पर काम कर रही है। इसकी बानगी अब तक जारी पार्टी की दोनों सूचियों पर दिखाई दी है। अंक ज्योतिष का ही असर है कि पार्टी द्वारा दोनों ही सूचियों में 39-39 नामों की घोषणा की गई है। अब हम बात यह है कि इस दूसरी सूची के नामों ने तो सियासी स्तर पर सभी को बेहद चौंकाया है। एक के बाद दूसरी सूची में 39-39 नाम होने की वजह से इसको लेकर कयास लगाए गए, तो पता चला कि ऐसा अंक ज्योतिष की वजह से किया गया है। कहा जा रहा है कि पार्टी के रणनीतिकारों का मानना है कि मैदानी स्तर पर काम करने के साथ ही ज्योतिष पर भी अमल किया जाए, जिससे की सत्ता के साकेत पर एक बार फिर से पार्टी का परचम फहराया जा सके। इसकी वजह है ज्योतिष के हिसाब से भाजपा के लिए यह अंक बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है। इस मामले में जानकारों का कहना है कि कुंडली के हिसाब से भाजपा के लिए यह अंक बेहद अहम है। इसकी वजह है भाजपा की कुंडली के ग्रहों की स्थिति।
गुरू कृपा से जीत का दांव
उत्थान ज्योतिष संस्थान के निदेशक डॉ पं दिवाकर त्रिपाठी के मुताबिक भाजपा की मूल कुंडली मिथुन लग्न की होने से उसके राज्य भाव का कारक ग्रह देवगुरु बृहस्पति हैं। देवगुरु बृहस्पति का अंक ज्योतिष के हिसाब से तीन का अंक आता है। इस कारण से देवगुरु बृहस्पति के अंक की संख्या में प्रत्याशियों के नाम की घोषणा अंक ज्योतिष के हिसाब से सकारात्मक है, क्योंकि देवगुरु बृहस्पति की अंक ज्योतिष में मूल संख्या तीन मानी जाती है। इस कारण से ही 39 के अंकों का जोड़ 12 होगा तथा 12 का जोड़ तीन हो जाएगा, जो देव गुरु बृहस्पति का अंक होता है। इसी तरह से ज्योतिषाचार्य पंडित अरविंद तिवारी का कहना है कि भाजपा की जन्म कुंडली मिथुन लग्न और वृश्चिक राशि की है। लग्न का नंबर 3 है। भाजपा की कुंडली में गुरु दशम भाव यानी कर्म का स्वामी गृह है। 9 नंबर का स्वामी मंगल है। भाजपा को गुरू और मंगल की बेहद आवश्यकता। राजनीति में गुरु, शुक्र और मंगल का बहुत महत्व है। राजनीति में सफल होने के लिए गुरु का प्रबल होना जरूरी है। मंगल लीडरशिप का घोतक है।
अंक ज्योतिष में तीन का महत्व
ज्योतिष के अनुसार 3 का आंकड़ा सौर मंडल में प्रमुख ग्रहों सूर्य, चंद्रमा और बृहस्पति (बृहस्पति को मजबूत करने के उपाय) की संख्या है। कुंडली में भी 3 ही ग्रह प्रमुख माने जाते हैं, जो भाग्य को प्रभावित करते हैं। धर्म के आधार पर यह तो प्रमाणित होता है कि 3 का आंकड़ा शुभ है। इसके पीछे का कारण यह है कि सृष्टि 3 मूलभूत स्तंभों पर ही आधारित है और वो स्तंभ हैं त्रिदेव। ब्रह्मा, भगवान विष्णु और भगवान शिव के कारण सृष्टि के संचार से लेकर उसके विनाश तक का संपूर्ण चक्र पूरा होता है। वहीं, त्रिदेवियों अर्थात माता लक्ष्मी, माता सरस्वती और माता पार्वती के कारण सृष्टि में संतुलन स्थापित होता है। इसके अलावा, जब बात परिक्रमा या आरती की आती है, तब भी 3 का आंकड़ा फलदायी माना जाता है , क्योंकि परिक्रमा लगाने का मुख्य अंक 3 है और भगवान की आरती भी 3 बार उतारी जाती है। भगवान शिव के त्रिशूल के ऊपर का हिस्सा भी 3 भागों में बटा हुआ है। यहां तक कि भगवान शिव को लगाया जाने वाला त्रिपुंड तिलक भी 3 लकीरों से बनता है।
विज्ञान में 3 का महत्व
विज्ञान के अनुसार, 3 एक बेजोड़ अंक है। इसके पीछे का कारण यह है कि बेजोड़ होने के बाद भी इसके भीतर 2 और 1 अंक का मिश्रण होता है। इस कारण यह अन्य अंकों के मुकाबले ज्यादा शुभता प्रदान करता है।