दावेदारों ने खोला विरोध में मोर्चा.
पहली सूची के बाद भाजपा में दूसरी सूची के प्रत्याशियों का विरोध तेज हो गया है। खासकर विंध्य क्षेत्र की सीटों पर सबसे तेज विरोध हो रहा है। इस सूची आने के बाद भाजपा में सतना, सीधी और मैहर में विरोध शुरू हो गया है। टिकट के दावेदारों ने ही प्रत्याशियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पार्टी ने दूसरी सूची में 7 सांसदों को टिकट दिया है। इनमें से सीधी की सांसद रीति पाठक का सबसे अधिक विरोध हो रहा है। विरोध का झंडा भाजपा विधायक केदारनाथ शुक्ला ने उठाया है। शुक्ला का कहना है कि सीधी से प्रत्याशी बनाई गई रीति पाठक प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की लोकप्रियता पर सवारी करती रही हैं। विधानसभा चुनाव में सारी बातें दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा। अपना टिकट कटने से खिन्न शुक्ला ने कहा कि पार्टी ने जिन्हें टिकट दिया है, वो 10 साल सांसद रही हैं। हमें बता दें किसी गांव में उन्होंने निर्माण कराने के नाम पर 100 रुपए खर्च किए हों। क्या किसी कार्यकर्ता की उनके द्वारा मदद की गई है। अब पार्टी के नाम पर चुनाव लडऩा अलग बात है। शुक्ला ने कहा कि पार्टी नेतृत्व को किसी ने मिसगाइड किया है। मैंने इस बात की जांच की मांग की है। यह क्यों हुआ, किसके प्रस्ताव पर उनका टिकट काटा गया। अगर पार्टी इसकी जांच कराएगी तो उसे अपनी गलती का एहसास हो जाएगा।
अगले कदम को लेकर विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि वे अपने कार्यकर्ताओं और शुभचिंतकों से चर्चा कर अगला कदम उठाएंगे। उन्होंने कहा है कि सभी कार्यकर्ताओं से मैंने कहा है कि अभी आप सभी एक सप्ताह तक ठंडे दिमाग से सोचें। सबसे बात करने के बाद कोई निर्णय लिया जाएगा।
असंतुष्ट नेताओं पर कांग्रेस की नजर
भाजपा से नाराज नेताओं पर कांग्रेस की नजर है। सूत्रों का कहना है कि जल्द ही इन नेताओं की कांग्रेस के निर्णयकर्ताओं से मुलाकात होगी और उसके बाद यह तय होगा कि नेताओं को किस आधार पर कांग्रेस में शामिल किया जा सकता है। गौरतलब है की विंध्य क्षेत्र के मैहर और सतना में भाजपा प्रत्याशी का सबसे अधिक विरोध हो रहा है। मैहर विधायक नारायण त्रिपाठी ने कहा कि जो नेता राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय रहते थे, उन्हें अब विधायक का चुनाव लड़ाया जा रहा है। विधायक बनने के बाद ये नेता मास्टर और पटवारी के तबादले तक सीमित हो जाएंगे और जिन्हें विधायक का टिकट नहीं दिया गया वे पंच, पार्षद और सरपंची का चुनाव लडऩे लगेंगे। ये दुर्भाग्य की बात है कि नेताओं का पतन हो रहा है। उन्होंने कहा कि वे विंध्य के अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं, जिसमें यहां के बच्चों के भविष्य सुरक्षित हो सके। सतना विधानसभा क्षेत्र से सांसद गणेश सिंह को टिकट दिए जाने से वहां के भाजपा कार्यकर्ता में भी असंतोष है। पार्टी के युवा नेता पंडित रत्नाकर चतुर्वेदी शिवा ने बताया कि वे जल्द ही पार्टी से इस्तीफा देंगे और सतना से सांसद गणेश सिंह को हराकर गणेश विर्सजन करेंगे।