मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र में भाजपा ने तीन सूचियों के
माध्यम से अपने 79 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है। लेकिन कई प्रत्याशियों को जमकर विरोध हो रहा है, वहीं कई टिकटों के कारण असंतुलन की स्थिति बनी हुई है। सूत्रों का कहना है कि टिकट वितरण के बाद भाजपा आलाकमान ने इन क्षेत्रों की वर्तमान स्थिति का आंकलन करा लिया है। जिन प्रत्याशियों का सबसे अधिक विरोध हो रहा है उनका टिकट कट सकता है, वहीं संतुलन बनाने के लिए कई प्रत्याशियों के क्षेत्र बदले जा सकते हैं। वहीं आज दिल्ली में होने वाली बैठक में उमा भारती के चुनाव लडऩे पर चर्चा हो सकती है। गौरतलब है कि उमा भारती ने सोमवार को भोपाल में यह कहकर चुनाव लडऩे का दावा ठोक दिया कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा अधिकांश भाजपा नेताओं और मंत्रियों को शुगर की बीमारी है। मुझे भी कोरोना के बाद शुगर होने की जानकारी चिकित्सकों ने दी है। ऐसे में जब शुगर से पीडि़त नेता चुनाव लड़ सकते हैं, तो मैं क्यों नहीं। मैं स्वस्थ्य हूं और लगातार मैदान में सक्रिय हूं। बताया गया है कि उमा के इस तरह की बयानबाजी और दावे पर केंद्रीय नेतृत्व आज दिल्ली में प्रस्तावित बैठक में चर्चा कर सकता है।
गौरतलब है कि भाजपा ने 230 में से 79 प्रत्याशियों की सूची जारी कर बाजी तो मार ली है, लेकिन कई सीटों पर प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। ऐसे में भाजपा ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है और कई सीटों पर प्रत्याशियों को बदलने की तैयारी की है। उधर, सूत्रों का कहना है कि भाजपा अपने अन्य प्रत्याशियों की सूची पर आज मोहर लगा सकती है। दिल्ली में मध्यप्रदेश को लेकर भाजपा चुनाव समिति की बैठक में 56 से ज्यादा प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लग सकती है। सूत्रों की मानें तो इस सूची में कुछ दिग्गज विधायकों के क्षेत्र बदले जा सकते हैं। तो कुछ विधानसभा क्षेत्रों में नए चेहरे बदलकर मौजूदा विधायकों को चुनाव लड़वाने के लिए मैदान में उतरने के निर्देश मिल सकते हैं।
तेजी से निपटाए जा रहे काम
अक्टूबर माह लगते ही विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने की सुगबुगाहट शुरू हो गई है। ऐसे में सत्ता में बैठी भाजपा अपने सरकारी कामकाज और घोषणाओं को पूरा करने में जुट गई है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आने वाले दो तीन दिन बेहद व्यस्त रहने वाले हैं। वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का 5 अक्टूबर को एक बार फिर से प्रदेश का दौरा होना है। 6 अक्टूबर को पांच राज्यों के चुनावों को लेकर चुनाव आयोग ने बैठक बुलाई है, जिसमें तारीखों के बारे में फैसला हो सकता है। ऐसा माना जा रहा है कि प्रधानमंत्री के मध्यप्रदेश प्रवास और केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह की भोपाल में संभावित संगठनात्मक बैठक के बाद आचार संहिता लग सकती है।
भाजपा इससे पहले अपने प्रत्याशियों की एक और सूची जारी कर सकती है। बताया गया है कि 1 अक्टूबर को मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों को लेकर भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने बैठक बुलाई थी, जिसमें तकरीबन 56 नामों पर चर्चा पूरी हो चुकी है। इनके 80 दूसरें नामों पर भी प्रथम चरण मंथन हुआ है। अब 3 अक्टूबर के बैठक होनी है, जिसमें केन्द्रीय मंत्री अमित शाह के अलावा मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान सहित दूसरे दिग्गज नेताओं को बैठक के लिए बुलाया जा सकता है। इसके बाद केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक में होगी, जिसमें दोनों सूचियों पर मोहर लग सकती है।
बैठक में यह भी तय किया जाएगा कि सूची कब जारी होनी है। दरअसल 4 से लेकर 6 अक्टूबर तक प्रदेश में कई विकास कार्यों का या तो लोकार्पण किया जाना है या भूमिपूजन होना है। इनमें अधिकांश वे विकास कार्य हैं, जिन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने कार्यक्रमों में घोषित कर चुके हैं। 6 अक्टूबर को सीएम उन समस्त विकास कार्यों का लोकार्पण या भूमिपूजन करेंगे, जो उनके द्वारा घोषित किए गए हैं। 5 अक्टूबर के प्रधानमंत्री मोदी द्वारा भी मध्यप्रदेश के दौरे में कई सौगात प्रदेशवासियों को दी जाएंगी। सूत्रों की मानें तो सोमवार को मध्यप्रदेश के प्रत्याशियों के नाम तय करने को लेकर जो बैठक हुई है, उसमें सूबे के कई मंत्रियों पर चर्चा हुई है। इनमें से कुछ मंत्रियों के विधानसभा क्षेत्र बदलने के प्रस्ताव है, तो कुछ मंत्रियों के स्थान पर नए चेहरे उतारे जाएंगे और उन मंत्रियों से उन्हें जिताने को कहा जाएगा, यानि कि टिकट से वंचित मंत्री पार्टी प्रत्याशियों को चुनाव जिताने मैदान में दिखाई देंगे।
डैमेज कंट्रोल को लेकर चिंतन
भाजपा इस बार हर हाल में चुनाव जीतना चाहती है। पार्टी ने जितने टिकट घोषित कर दिए है, अब उनको लेकर भी मंथन भी हो रहा है। सूत्रों का कहना है कि भाजपा में कुछ बड़े चेहरों के टिकट कट या बदल सकते हैं। इसके चलते पार्टी के बड़े नेता चिंतन-मनन में जुटे हैं। सोमवार को पीएम मोदी के दौरे के ठीक बाद दो अहम बैठकें हुईं। पहली बैठक भोपाल एयरपोर्ट पर ही सीएम शिवराज सिंह, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा के बीच हुई। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर में प्रधानमंत्री मोदी के कार्यक्रम के उपरांत मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और केन्द्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ग्वालियर चंबल में पार्टी प्रत्याशियों को लेकर विचार विमर्श किया है। बताया गया है सीएम चौहान ग्वालियर से सिंधिया के साथ उनके चार्टर विमान से भोपाल लौटे। इस दौरान उनके साथ प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा, मंत्री तुलसीराम सिलावट, मंत्री प्रभुराम चौधरी और मंत्री राजेन्द्र शुक्ल भी मौजूद रहे। सूत्रों का कहना है कि ग्वालियर से भोपाल की यात्रा के दौरान सीएम, प्रदेशाध्यक्ष और सिंधिया की अकेले में प्रत्याशियों को लेकर चर्चा की गई है। चर्चा में सिंधिया समर्थक मंत्रियों और कुछ विधायकों की रिपोर्ट पर चर्चा हुई है। माना जा रहा है कि कुछ टिकटों को लेकर रणनीतिक कदम तय करने यह बैठक की गई। शिवराज- सिंधिया व वीडी शर्मा ने आपस में चर्चा की। करीब पंद्रह मिनट बाद सिंधिया ने शिवराज-वीडी को छोड़ा और दिल्ली रवाना हो गए। वहीं सोमवार देर रात सीएम हाउस पर शिवराज, वीडी के अलावा केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, अश्विनी वैष्णव व संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने मंथन किया। सूत्रों के मुताबिक आगामी सूची को लेकर रणनीतिक कदमों पर चर्चा हुई। जहां टिकट कट सकते हैं, वहां डैमेज कंट्रोल को लेकर चिंता की स्थिति है। इन्हीं नेताओं को इस पर काम करना है।