एमपी के मन में मोदी…

मप्र का सबसे ज्यादा दौरा करने वाले पीएम बने नरेंद्र मोदी

मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 5 अक्टूबर के बाद चुनाव आचार संहिता लग सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 5 को ही जबलपुर दौरा है। पीएम मोदी जबलपुर में रानी दुर्गावती स्मारक और लोक का भूमि पूजन, जबलपुर संभाग की जल जीवन मिशन की परियोजनाओं का भूमि पूजन और लोकार्पण करेंगे। उसके बाद चुनाव तारीख की घोषणा हो सकती है। तारीख का ऐलान होते ही आचार संहिता लग जाएगी। अगर प्रधानमंत्री के करीब पांच माह की चुनावी सक्रियता को देखा जाए तो यह तस्वीर दिखती है की पीएम के रडार पर मप्र रहा है। अभी तक उन्होंने प्रदेश में 9 दौरे किए हैं। दसवां दौरा जबलपुर में होने वाला है। मप्र सहित राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा के चुनाव होने हैं पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा की सर्वोच्च प्राथमिकता में मध्य प्रदेश है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अप्रैल से अब तक प्रधानमंत्री की आठ जनसभाएं प्रदेश के अलग-अलग जिलों में हो चुकी हैं। किसी अन्य राज्य में उन्होंने इतनी सभाएं नहीं की हैं। नौवीं जनसभा जबलपुर में पांच अक्टूबर को प्रस्तावित है।
दस साल में 34 बार आ चुके हैं मोदी
मोदी, मध्य प्रदेश का सबसे ज्यादा दौरा करने वाले प्रधानमंत्री साबित हुए हैं। चुनावी साल में वह आठ बार आ चुके हैं। अब 5 अक्टूबर को जबलपुर पहुंचेंगे, जहां वीरांगना रानी दुर्गावती की 500 वीं जयंती समारोह में शिरकत करेंगे। उनके आगमन की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी बीते दस साल में के कार्यकाल में 34 बार एमपी आ चुके हैं। जबलपुर का दौरा कई मायनों में बेहद अहम माना जा रहा हैं। शहडोल प्रवास के दौरान उन्होंने रानी दुर्गावती की 500वीं जयंती धूमधाम के साथ मनाने का ऐलान किया था। इसके साथ ही मप्र विधानसभा चुनाव के मोड पर हैं। गोंड आदिवासियों के प्रेरणा स्त्रोत क्रांतिकारी, अमर शहीदों को याद कर भाजपा अपने वादे भी पूरी कर रही हैं। इस बहाने दिग्गज आदिवासी वोट बैंक को पार्टी के पक्ष में साधने की जुगत में ताकत झोंक रहे हैं। 5 अक्टूबर को पीएम मोदी जबलपुर की कैंट विधानसभा में स्थित सेना के गैरिसन ग्राउंड में एक विशाल आमसभा करेंगे। इसके साथ पश्चिम विधानसभा में स्थित मदन महल की पहाड़ियों पर 100 करोड़ रुपयों की लागत से बनने वाले रानी दुर्गावती स्मारक निर्माण का शिलान्यास करेंगे।
यहां कर चुके हैं आठ दौरे
चुनावी साल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अभी तक 8 दौरे कर चुके हैं। पीएम ने 11 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से भोपाल में आयोजित ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट को संबोधित किया। एक अप्रैल को भोपाल में वंदे भारत ट्रेनों को शुभारंभ किया। 24 अप्रैल को रीवा में पंचायती राज दिवस के कार्यक्रम में शामिल हुए। 27 जून को भोपाल में मेरा बूथ सबसे मजबूत कार्यक्रम में शामिल हुए। एक जुलाई को शहडोल में राष्ट्रीय सिकल सेल एनीमिया उन्मूलन मिशन का शुभारंभ किया। 12 अगस्त को सागर में संत रविदास स्मारक स्थल का भूमिपूजन किया। 14 सितंबर को सागर में बीना रिफायनरी में पेट्रोकेमिकल्स परिसर सहित विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया । 25 सितंबर को भोपाल में कार्यकर्ता महाकुंभ को संबोधित किया और दो अक्टूबर को ग्वालियर में जनसभा की।
मिशन 23 और 24 साथ-साथ
दरअसल, प्रधानमंत्री के दौरे और जनसभाओं को विधानसभा के साथ ही लोकसभा चुनाव की तैयारी से भी जोड़कर देखा जा रहा है। पिछले लोकसभा चुनाव में प्रदेश में कुल 29 सीटों में से अकेले छिंदवाड़ा में कांग्रेस जीती थी। बाकी भाजपा के कब्जे में आई थीं। पीएम मोदी के अलावा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह व भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का भी प्रदेश में खूब ध्यान है। गौरतलब है कि राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। भाजपा यहां सत्ता परिवर्तन के लिए पूरी ताकत से जुटी है। यहां प्रधानमंत्री जनवरी से अब तक सात बार पहुंचे हैं। कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ में उनकी सिर्फ तीन सभाएं हुई हैं। कर्नाटक में चुनाव होने की वजह से उन्होंने जनवरी से मई के बीच 13 सभाएं कीं, पर मध्य प्रदेश में चुनाव की घोषणा के पहले ही उनकी नौ जनसभाएं हो जाएंगी। चुनावी वर्ष होने के चलते प्रधानमंत्री की जनसभाएं सुनियोजित तरीके से प्रदेश के अलग-अलग अंचलों में हुईं। इन सभाओं के माध्यम से हर वर्ग को साधने की कोशिश की गई। आदिवासियों में होने वाली सिकल सेल एनीमिया बीमारी के उन्मूलन का अभियान शुरू करने के लिए उन्होंने मध्य प्रदेश को चुना। इससे आदिवासी वर्ग खुश है। इसी प्रकार संत रविदास मंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में शामिल होकर उन्होंने एससी वर्ग को खुश करने की कोशिश की। प्रदेश में विधानसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले कार्यकर्ता महाकुंभ के लिए भोपाल को चुना गया। यहां प्रदेश भर के हर वर्ग के लोग शामिल हुए। अंचल के हिसाब से देखें तो ग्वालियर, महाकौशल, मध्य भारत, विंध्य अंचल में उनकी सभाएं हो चुकी हैं। अभी मालवा-निमाड़ क्षेत्र छूटा है। चुनाव के पहले यहां भी उनकी जनसभाएं होने की उम्मीद है। अन्य राज्यों की बात करें तो केरल, बंगाल, तमिलनाडु, ओडिशा और असम में इस वर्ष उनकी एक-एक सभा ही हुई है। पीएम मोदी की तेलंगाना में तीन, हरियाणा और महाराष्ट्र में चार-चार सभाएं हुई हैं।