अमरवाड़ा में हिंदु संगठन के लोग भी उतरे विरोध में सडक़ों पर.
मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। जैसे-जैसे दवा दी वैसे ही वैसे रोग बढ़ता ही गया, यह कहावत इन दिनों प्रदेश भाजपा में पूरी तरह से लागू होती दिख रही है। इसकी वजह है, पार्टी प्रत्याशियों के विरोध में पार्टी कार्यकर्ताओं का अब खुलकर विरोध में आ जाना। हालत यह है कि अब कार्यकर्ता ही विरोध में रैली तक निकालने से परहेज नहीं कर रहे हैं, तो वहीं तीसरी सूची में एक मात्र घोषित प्रत्याशी मोनिका बट्टी को लेकर तो सनातनी, हिंदू संगठन और पार्टी कार्यकर्ता सडक़ों तक पर उतर गए हैं। दरअसल मोनिका को और उनके पूरे परिवार की छवि हिंदू और सनातनी विरोधी है। ऐसे में पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने विरोध के अलावा कोई दूसरा चारा नहीं बचा है। पार्टी ने उन्हें सदस्यता दिलाकर आनन-फानन में प्रत्याशी तक घोषित कर दिया है। पार्टी कार्यकर्ताओं का कहना है कि पार्टी के इस कदम से पूरे इलाके में कार्यकर्ताओं के सामने नया धर्म संकट खड़ा हो गया है। उधर, कई अन्य इलाकों से भी खुलकर विरोध की खबरें आ रही हैं।
हद तो यह है कि विरोध से परेशान प्रदेश संगठन व सरकार मिलकर उसे शांत कराने का प्रयास कर रही है, लेकिन वह कम होने की जगह बढ़ता ही जा रहा है। यही वजह है , कि भोपाल प्रदेश कार्यालय में हर दिन घोषित उम्मीदवारों में से कई के विरोध में क्षेत्र की जनता द्वारा प्रदर्शन और वरिष्ठ नेताओं से टिकट बदलने की मांग को लेकर मुलाकात करने से नजर आ रही है। पहली सूची आने पर जहां, सोनकच्छ विधानसभा सीट से राजेश सोनकर को टिकट देने पर पूर्व विधायक राजेन्द्र वर्मा के समर्थकों द्वारा पार्टी कार्यालय पर नारेबाजी करके बाहरी होने के चलते क्षेत्र की जनता द्वारा स्वीकार नहीं होने पर टिकट बदलने की मांग पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रदेश अध्यक्ष से की गई, सोनकर इंदौर ग्रामीण के जिला अध्यक्ष हैं, वहीं राजेन्द्र वर्मा पिछली बार सोनकच्छ से पार्टी के प्रत्याशी थे, लेकिन वे कांग्रेस के सज्जन सिंह वर्मा से पराजित हो गए थे। दूसरी और गुना जिले की चाचौड़ा सीट से ममता मीणा का टिकट काटकर प्रियंका मीणा को टिकट देने पर स्वयं ममता मीणा द्वारा विरोध करते हुए उन्हें पैराशूट उम्मीदवार बताया था। आखिरकार ममता मीणा ने भाजपा से इस्तीफा देकर आम आदमी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली। इसी प्रकार महेश्वर सीट से उम्मीदवार घोषित किए गए पूर्व विधायक राजकुमार मेव का भी क्षेत्र में काफी विरोध हो रहा है। हालांकि वर्ष 2013 में यहां से पार्टी के टिकट पर विधानसभा का चुनाव जीत चुके हैं। पार्टी द्वारा विगत 25 सितंबर को दूसरी सूची जारी करने के बाद जिन लोगों को टिकट दिया गया उसमें भी कई के खिलाफ विरोध के स्वर उठ रहे है। मंगलवार को बैतूल जिले की मुलताई सीट से पार्टी के प्रत्याशी चंद्रशेखर देशमुख के खिलाफ क्षेत्रीय लोगों ने प्रदेश कार्यालय आकर जमकर नारेबाजी की और टिकट बदलने की मांग की। वहीं रायसेन जिले की उदयपुरा विधानसभा सीट से पार्टी ने नरेन्द्र शिवाजी पटेल को प्रत्याशी बनाया है। उनके खिलाफ भी क्षेत्र के पार्टी नेताओं ने विरोध शुरू कर दिया है। पार्टी के पूर्व विधायक रामकिशन पटेल ने उनका विरोध करते हुए बुधवार को पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से प्रदेश कार्यालय पहुंचकर अपनी नाराजगी जताई है। इस दौरान उनके साथ पार्टी के एक विधायक एवं पूर्व मंत्री भी पहुंचे थे।
अंसतुष्टों की तिकड़ी की डिनर पॉलिटिक्स
अमरवाड़ा में निकली रैली के बाद मंगलवार को सोशल मीडिया में एक तस्वीर तेजी से वायरल हुई, जिसने खासी सुर्खियां बटोरी। दरअसल इस तस्वीर में परासिया के पूर्व विधायक ताराचंद बावरिया, अमरवाड़ा के पूर्व प्रत्याशी उत्तम सिंह ठाकुर एवं जुन्नारदेव के पूर्व प्रत्याशी आशीष ठाकुर डिनर करते नजर आ रहे है। इस बार तीनों ही अपने विधानसभा क्षेत्रों में प्रबल दावेदार थे, लेकिन परासिया एवं अमरवाड़ा में नए चेहरे को उतारने एवं जुन्नारदेव में एक बार फिर नत्थन शाह पर दांव लगाने के कारण अब तीनों असंतुष्ट परासिया में बावरिया निवास पर एक साथ भोजन के बहाने मंत्रणा करते नजर आए। साथ ही माना जा रहा है कि संगठन को एक विशेष संकेत भी देते नजर आए। अब इस तिकड़ी की क्या खिचड़ी पकी । इसे लेकर कयास लगाए जा रहे है। हालांकि इस भोजन का स्वाद किसे अच्छा लगेगा और किसे बुरा, यह तो चुनाव परिणाम ही बताएंगे।
अमरवाड़ा में लग रहा है हार का दांव
अमरवाड़ा भाजपा में अब प्रत्याशी को लेकर असंतोष किस कदर है और मतदाता कितने नाराज हैं, इससे ही समझा जा सकता है कि, अभी से इस सीट पर मोनिका की हार को लेकर दांव लगाया जा रहा है कि , वे कितने मतों से हार सकती हैं। इसकी वजह है, रविवार को यहां हजारों लोगों द्वारा उनके विरोध में रैली का निकाला जाना। अहम बात यह है कि इस रैली में भाजपा कार्यकर्ताओं के अलावा विहिप, बजरंग दल, हिन्दू धर्म सेना, हिन्दू उत्सव समिति, हिन्दू जागरण मंच, रामकृष्ण मंदिर समिति, राम मंदिर समिति सहित अन्य संगठनों से जुड़े लोग शामिल हुए थे। रैली में शामिल लोग भाजपा के दावेदार रहे उत्तम ठाकुर का समर्थन और घोषित प्रत्याशी के सनातन विरोधी होने का आरोप लगा रहे थे। यही नहीं अमरवाड़ा सहित हर्रई, बटकाखापा, सुरलाखापा, सिंगोड़ी सहित विधानसभा के अन्य गांवों के करीब 942 लोगों ने हस्ताक्षर कर सामूहिक इस्तीफा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष को प्रेषित किया है। 24 पेज के इस्तीफा पत्र में भाजपा के कई पूर्व पदाधिकारी भी शामिल बताए जा रहे हैं।
सुशील मोदी व रवि को भी मिली निराशा
भाजपा की रणनीति के तहत छिंदवाड़ा जिले की विधानसभा सीटों के प्रभारी राज्यसभा सांसद सुशील मोदी हों या फिर भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव सी टी रवि। उनके द्वारा जिले की परासिया, जुन्नारदेव एवं अमरवाड़ा विधानसभा सीट में टिकट नहीं मिलने पर प्रबल दावेदारों के साथ गुप्त बैठक कर उन्हें मनाने की कोशिश की गई, लेकिन इस बार दूसरे चेहरे को प्रत्याशी बनाए जाने का विरोध इस कदर हावी है, कि असंतुष्ट मानने को तैयार नहीं है। जिस कारण अपने तीन दिवसीय प्रवास पर छिंदवाड़ा पहुंचे बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी को बैरंग ही वापस लौटना पड़ा। माना जा रहा है कि अब वे अपनी रिपोर्ट आलाकमान को सौंपेंगे। जिसके बाद आगे की रणनीति तय की जाएगी। हालांकि यह भी दावा किया जा रहा है कि प्रदेश में चौथी बार भाजपा सरकार बनाने के लिए असंतुष्टों को मनाने के लिए हर स्तर पर प्रयास करेगी। जिसका नजारा आगामी समय में नजर आ सकता है।