कांग्रेस विधायक वानखेड़े सहित 6 लोगों को सजा.
विधि विरुद्ध जमाव कर शासकीय कार्य में बाधा उत्पन्न करने के आरोप में विशेष अपर सत्र न्यायाधीश (एमपीएमएलए) जयंत शर्मा की अदालत ने बीते रोज आगर मालवा क्षेत्र के कांग्रेस विधायक विपिन वानखेड़े सहित छह आरोपियों को दोषी ठहराते हुए एक साल के कारावास के साथ दो हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है। अभियोजन पक्ष की ओर से विशेष लोक अभियोजक अधिकारी कमल वर्मा ने पैरवी की। बता दें कि वर्ष 2011 का है जब छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा का घेराव किया था। जहांगीराबाद पुलिस ने अलग-अलग धाराओं में विपिन वानखेड़े, विवेक त्रिपाठी, विकास नंदवाना, महक नागर, संजय वर्मा और गौरव उईके के खिलाफ शासकीय कार्यों में बाधा पहुंचाने व शासकीय संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया था। न्यायालय ने उक्त मामले को सही पाते हुए सजा सुनाई है। उल्लेखनीय है कि उस समय वानखेड़े और विवेक त्रिपाठी एनएसयूआई कार्यकर्ता थे जिनके नेतृत्व में सैंकड़ों छात्रों ने विधानसभा कूच किया था। पुलिस ने इन्हें रोकने के लिए बैरिकेडिंग की थी, जिसे नुकसान पहुंचा था।
अब एसीपी ने दिया इस्तीफा
बीते रोज इंदौर पुलिस टीम में उस समय हडक़ंप मच गया जब, हीरानगर एसीपी धैर्यशील येवले ने पुलिस कमिश्नर को वीआरएस का आवेदन देकर नौकरी नहीं करने की मंशा जता डाली। उनके आवेदन को लेकर चर्चा है कि कुछ राजनेताओं से विवाद के बाद दुखी होकर उन्होंने वीआरएस का आवेदन दिया है। सूत्रों का कहना है कि सांवेर रोड में एक बड़े मामले को लेकर उनका कुछ राजनेताओं से पूर्व में विवाद हुआ था और बाद में नेताओं ने कमिश्नर को येवले की शिकायत कर दी थी। इसके बाद अफसरों ने उन्हें फटकार लगाई जिसके बाद से वह अफसरों के रवैये से असंतुष्ट थे। बताया जा रहा है कि अफसरों और कुछ जनप्रतिनिधियों के दबाव के चलते वह सही ढंग से काम नहीं कर पा रहे थे और इससे उनका मन काफी दुखी था। एसीपी येवले 1987 बैच के सब इंस्पेक्टर पर चयनित अधिकारी हैं।
पटवा के खिलाफ लगे पोस्टर
पूर्व मंत्री भोजपुर विधानसभा के विधायक सुरेंद्र पटवा के खिलाफ सुल्तानपुर जोड़ से लेकर विनेका तक अज्ञात लोगों ने पोस्टर लगा दिए हैं। इस पर लिखा है। भाजपा से बैर नहीं, पटवा तेरी खैर नहीं। इस मामले में मंडल अध्यक्ष हेमराज मीणा ने थाना सुल्तानपुर में आवेदन देकर पोस्टर लगाने वालों पर एफआईआर की मांग की है। उन्होंने आवेदन में कहा कि विधायक की विरुद्ध असामाजिक तत्वों द्वारा द्वेष भावना रखते हुए उनकी एवं पार्टी की छवि को खराब करने का षड्यंत्र रचा जा रहा है। ब्लॉक कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष जयंत दुबे ने कहा कि इस तरह की पोस्टर बाजी ठीक नहीं है। विधायक के खिलाफ इस तरह के पोस्टर लगाना उचित नहीं है इसकी में कड़े शब्दों में निंदा करता हूं ।
क्यों है सुरजेवाला नाराज
खबर है कि कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला इन दिनों पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव से नाराज चल रहे हैं। इस नाराजगी की जो वजह बताई जा रही है उसके मुताबिक यादव विधानसभा की तीन सीटों खरगापुर, बंडा और भोपाल की गोविंदपुरा सीट से अपने समर्थकों को टिकट दिलाना चाहते हैं। उन्होंने सर्वे रिपोर्ट पर चर्चा के दौरान खरगापुर में सर्वे में आए चंदारानी गौर और बंडा में तरबर लोधी की जगह अजय यादव को और तरबर लोधी को बंडा छोडक़र बड़ा मलेहरा से चुनाव लड़ाने का सुझाव दे डाला। यादव असल में बंडा से लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर के पक्ष में थे। यही नहीं यादव ने गोविंदपुरा से दीप्ति सिंह का भी नाम भी सामने रख दिया। यह देख मप्र कांग्रेस के प्रभारी महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला के अलावा नेता प्रतिपक्ष प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह भी नाराजगी के तेवर में आ गए। दरअसल चंदारानी गौर नेता प्रतिपक्ष की बेहद करीबी रिश्तेदार हैं और वे टिकट की सबसे मजबूत दावेदार भी हैं