बोले कैलाश- हार गए तो काम लेकर मेरे पास मत आना
कांग्रेस की परंपरागत गंधवानी सीट से भाजपा ने जिला पंचायत अध्यक्ष सरदार मेड़ा को मैदान में उतारा है, लेकिन वहां पार्टी में अंदरुनी कलह खत्म होने का नाम नहीं ले रही है। यही वजह है गुरुवार भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय गंधवानी पहुंचे और इस सीट से टिकट मांग रहे 10 दावेदारों से बंद कमरे में वन टू वन चर्चा की। उन्होंने पहले नाराज नेताओं व कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। कहा- चुनाव सिर पर हैं। आपस में लडऩे का वक्त नहीं है। यदि आप सब आपस में लड़ते रहे तो यह सीट फिर से भाजपा के हाथ से निकल जाएगी। यदि फिर से सीट हार गए तो फिर मेरे पास काम लेकर मत आना। सरकार तो बन रही है, लेकिन यदि सीट हार गए तो फिर विकास के काम कैसे कराएंगे ?
पूर्व भाजपा सांसद के बेटे सुधीर ने छोड़ी पार्टी
भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य और पूर्व सांसद लक्ष्मीनारायण यादव के बेटे सुधीर यादव ने भाजपा से इस्तीफा दे दिया है। सुधीर बंडा से टिकट मांग रहे थे। टिकट नहीं मिलने के बाद से ही उनके बागी तेवर हो गए थे। सुधीर का कहना है कि मेरा बंडा से चुनाव लडऩा तय है। उनका कहना है कि भाजपा में नेतागीरी किसी से कराते हैं और टिकट दूसरों को देते हैं। मैंने 2020 के उपचुनाव में सुरखी से पार्टी को जिताने में पुरजोर मदद की। उसके बाद मेरे ही ऊपर फर्जी मुकदमा हुआ, जिसमें पार्टी ने कोई मदद नहीं की। उरअसल यादव ऐसे नेता है, जिन्हें पार्टी ने दूसरे दल से लेकर अपने नेताओं की अनदेखी कर सांसद का टिकट देकर जिताया था, अब यही निर्णय पार्टी को भारी पड़ रहा है।
भाजपा विधायक थाम सकते हैं कांग्रेस का हाथ
मैहर से भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी के कांग्रेस में शामिल होने की अटकलें तेज हो गई हैं। भाजपा ने मैहर सीट से त्रिपाठी का टिकट काटते हुए श्रीकांत चतुर्वेदी को प्रत्याशी बनाया है। इसके बाद से ही संभावना जताई जा रही थी कि त्रिपाठी कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। बताया जा रहा है कि त्रिपाठी के नाम पर पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह भी सहमति दे चुके हैं। दरअसल, विधायक त्रिपाठी अपने बयानों को लेकर चर्चा में रहते हैं। वो कई बार अपनी पार्टी के खिलाफ ही खड़े नजर आए। इसके बाद से ही पार्टी से इनकी दूरी बढऩे लगी थी। सूत्रों की मानें तो नारायण त्रिपाठी नवरात्र में कांग्रेस की सदस्यता ले सकते हैं। ऐसा होता है तो विंध्य में इतिहास दोहराने के लिए बेताब कांग्रेस को मजबूती मिलेगी।
दिग्विजय का फिर बड़ा हमला
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने प्रदेश के भाजपा नेताओं द्वारा अर्जित की गई संपत्तियों को लेकर गंभीर सवाल उठाए हैं। सिंह ने आरोप लगाया है कि पिछले 18 साल में भाजपा नेताओं द्वारा भ्रष्टाचार के पैसों से करोड़ों की जमीन दूसरों के नाम पर खरीदी और उन्हें अब दान के रूप में हस्तांतरित कराई जा रही है। उन्होंने बीजेपी विधायकों और मंत्रियों के परिजनों को दान में मिली करोड़ों रुपए की संपत्तियों की जांच की मांग की है। इस संबंध में उन्होंने लोकायुक्त को पत्र भी लिखा है। पूर्व सीएम ने जारी किये बयान में कहा कि अभी एक ताजा मामला पूर्व मंत्री सुरेंद्र चौधरी ने उनके संज्ञान में लाया है, जिसमें सागर जिले के नरयावली विधानसभा क्षेत्र के विधायक प्रदीप लारिया द्वारा अपनी पत्नी व पुत्र के नाम पर बेशकीमती जमीन दान पत्र द्वारा वसीयत कराई गई है।