मझधार में फंसे कांग्रेस के डेढ़ दर्जन से अधिक विधायक

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। कांग्रेस की चार सूची जारी होने


के बाद काफी सोच-विचार के बाद कांग्रेस ने अपने 144 प्रत्याशियों की सूची जारी की है। इस सूची में पार्टी ने अपने 96 विधायकों में से 69 पर विश्वास जताते हुए टिकट दिया है, वहीं 6 विधायकों का टिकट काट दिया है। पार्टी के इस रूख को देखते हुए शेष बचे 21 विधायकों को टिकट कटने का डर सताने लगा है। गौरतलब है कि पीसीसी अध्यक्ष कमलनाथ पहले ही कह चुके हैं कि केवल जीतने वाले प्रत्याशी को ही टिकट दिया जाएगा। ऐसे में 21 विधायक अपने आप को मझधार में फंसा महसूस कर रहे हैं।
गौरतलब है कि 144 उम्मीदवारों की सूची घोषित करने के बाद कांग्रेस में बाकी 86 सीटों पर मंथन शुरू हो गया है। केंद्रीय चुनाव समिति की 18 अक्टूबर को दिल्ली में बैठक होने वाली है। इसमें इन सीटों के लिए नामों को हरी झंडी मिल सकती है। कांग्रेस ने कई सीटों पर टिकट रोके हैं। सभी सीटों के अलग-अलग कारण हैं। राजधानी भोपाल की दक्षिण-पश्चिम सीट की बात करें तो यहां से पीसी शर्मा विधायक हैं। कमलनाथ सरकार में मंत्री भी रहे हैं, ज्यादातर पूर्व मंत्रियों को टिकट मिल गया है, लेकिन इनका टिकट रोका है। इस सीट से संजीव सक्सेना की भी दावेदारी है। उम्मीद है कि दूसरी सूची में इस सीट के लिए उम्मीदवार घोषित हो जाएगा। इसी तरह पार्टी ने छह अन्य विधायकों के टिकट भी काटे हैं। अन्य सीटों पर भी गंभीरता से विचार हो रहा है। प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि जल्द ही शेष सीटों पर उम्मीदवारों के नाम घोषित कर दिए जाएंगे।
ये विधायक कसौटी पर
कांग्रेस ने उम्मीदवारों की पहली सूची में 69 मौजूदा विधायकों के टिकट घोषित कर दिए हैं। साथ ही 6 सिटिंग एमएलए के टिकट काटे गए हैं। इस तरह 96 मौजूदा विधायकों में से कांग्रेस ने 75 विधायकों के राजनीतिक भविष्य का फैसला कर दिया है। बाकी बचे 21 सिटिंग एमएलए इस सूची में जगह नहीं बना पाए। इन विधायकों पर टिकट कटने की तलवार लटक रही है। यानी सर्वे में इनकी रिपोर्ट बेहतर नहीं आई है इसीलिए जीत की संभावना के आधार पर विचार चल रहा है। कमलनाथ ने कहा कि सारे बिंदुओं के आधार पर विचार कर उम्मीदवारों की अगली सूची जारी की जाएगी। कांग्रेस में टिकट के लिए सर्वे ही सर्वे-सर्वा है। ऐसे में शेष बचे विधायकों को अपना टिकट कटने का डर सता रहा है। ये 21 विधायक हैं- सुमावली से अजब सिंह कुशवाहा, मुरैना से राकेश मावई, दिमनी से रविंद्र सिंह तोमर, गोहद से मेवाराम जाटव, दमोह से अजय टंडन, कोतमा से सुनील सराफ, निवास से डॉ. अशोक मर्सकोल, गाडरवारा से सुनीता पटेल, जुन्नारदेव से सुनील उइके, अमरवाड़ा से कमलेश प्रताप शाह, चौरई से सुजीत मेर सिंह, सौंसर से विजय चौरे, परासिया से सोहनलाल बाल्मीकि, पांढुर्ना से नीलेश उइके, भोपाल उत्तर से आरिफ अकील, भोपाल दक्षिण पश्चिम से पीसी शर्मा, ब्यावरा से रामचंद्र दांगी, सेंधवा से ग्यारसीलाल रावत, पानसेमल से चंद्रभागा किराडे, मनावर से डॉ. हीरालाल अलावा, बडनग़र से मुरली मोरवाल।
सबको टिकट देना मुमकिन नहीं
कांग्रेस की पहली सूची के बाद विरोध के सुर उठने लगे हैं। कई दावेदार टिकट न मिलने से नाराज हैं। प्रदेश में विरोध प्रदर्शन का सिलसिला चल पड़ा है। कमलनाथ कहते हैं कि चार हजार लोगों ने टिकट मांगा था और सभी ने जीतने की गारंटी ली थी लेकिन सबको टिकट देना मुमकिन नहीं है। जीत की सबसे ज्यादा संभावना वाले बेहतर उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। कमलनाथ से जब पूछा गया कि उनके सामने उतरे भाजपा के कैंडिडेट बंटी साहू को कितनी चुनौती मानते हैं तो कमलनाथ ने कहा कि आप पता कर लीजिए कि बंटी साहू कितना बड़ा आइटम हैं। वहीं बुदनी उम्मीदवार पर बोले कि विक्रम मस्ताल कलाकर हैं, लेकिन शिवराज सिंह चौहान भी कलाकार हैं। लेकिन कलाकारी के मुकाबले में विक्रम से शिवराज जीत जाएंगे। प्रदेश में सपा और कांग्रेस के गठबंधन की भी चर्चा चल रही है। खबर ये है कि सपा ने अपने लिए पांच सीटें मांगी हैं , जिस पर सहमति नहीं बन पा रही है। कमलनाथ ने कहा कि अखिलेश यादव से उनकी बात हुई है, वे बीजेपी को हराने के लिए कांग्रेस के साथ हैं। उन्होंने कहा कि सभी बिंदुओं पर विचार चल रहा है। छिंदवाड़ा से लडऩे के सवाल पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि न मुझे चुनाव लडऩे का शौक है और न डए। सभी ने कहा लडि़ए, मैं चुनाव लड़ रहा हूं। छिंदवाड़ा की 6 सीटों पर उम्मीदवार घोषित न करने पर कहा कि घोषणा नकुलनाथ करेंगे, वह वहीं पर हैं। घोषणा पहले छिंदवाड़ा में होगी फिर दिल्ली से। बसपा से गठबंधन पर कहा, मायावती से मेरी कोई बात नहीं हो रही है। सीएम फेस पर नाथ बोले कि शिवराज को भाजपा सीएम फेस घोषित क्यों नहीं कर देती। 45 साल के राजनीतिक जीवन में कभी ऐसे चुनाव का सामना नहीं किया। यह प्रदेश के भविष्य का चुनाव है। दूसरी सूची में नाम अटकने के साथ ही मौजूदा विधायकों की सांसें भी अटक गई हैं। टिकट का इंतजार कर रहे इन विधायकों ने फिर से अपने-अपने आकाओं के यहां फेरी लगानी शुरू कर दी है। पहली सूची में छिंदवाड़ा के विधायकों के नाम भी नहीं आ पाए हैं। कमलनाथ ने कहा कि छिंदवाड़ा का फैसला नकुलनाथ करेंगे। पहले उम्मीदवारों की घोषणा छिंदवाड़ा में होगी फिर प्रदेश में होगी।