मंगल भारत।मनीष द्विवेदी। मप्र के विधानसभा चुनाव के लिए
17 नवंबर को वोटिंग होगी, लेकिन भाजपा और कांग्रेस ने अभी तक सभी 230 सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है। हालांकि दोनों पार्टियों ने मंथन के बाद शेष बची सीटों पर प्रत्याशियों का नाम तय कर दिए हैं। गौरतलब है कि दोनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं ने बीते दो दिनों में दिल्ली में इस पर मंथन किया है। भाजपा के 94 और कांग्रेस के 86 प्रत्याशियों के नाम तय होना बाकी है। संभावना जताई जा रही है की आज-कल में कभी भी प्रत्याशियों की सूची आ सकती है।
कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बुधवार को आयोजित बैठक में शेष 86 सीटों को लेकर चर्चा की गई। देर रात तक चली बैठक के बाद ज्यादातर नामों पर सहमति बन गई। बड़े शहरों में इंदौर के नामों पर खींचतान जारी थी। वहीं पहली सूची में दूसरे दलों से आए नेताओं को टिकट देने और नहीं देने के बाद मचे बवाल के बाद पार्टी ने अगली सूची के लिए सतर्कता बरती है। भाजपा और कांग्रेस की अगली सूची आज-कल में आ सकती है। दोनों पार्टियों की जारी होने वाली सूची में चौंकाने वाले नाम हो सकते हैं। भाजपा के संदर्भ में सूत्रों का कहना है कि करीब डेढ़ दर्जन विधायकों और तीन मंत्रियों के टिकट पर संकट है। इनके स्थान पर पार्टी नए चेहरे उतार सकती है। गौरतलब है कि भाजपा इससे पहले चार सूचियां जारी कर 136 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी है। पार्टी ने तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को चुनाव मैदान में उतारा है। वहीं कांग्रेस के प्रत्याशियों की एक सूची आज या कल जारी की जा सकती है। इस सूची में कुछ विधायकों का टिकट काटकर पार्टी नए चेहरे पर दांव लगा सकती है। जिन स्थानों पर दो या इससे अधिक दावेदार हैं, वहां जातीय समीकरणों को ध्यान में रखकर टिकट दिया जा सकता है।
कांग्रेस के अधिकांश नाम फाइनल
सूत्रों की मानें तो बैठक में खातेगांव सीट से दीपक जोशी, शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी, दतिया से अवधेश शर्मा, इंदौर विस क्षेत्र 4 पर टिकट को लेकर ज्यादा देर तक चर्चा चली। शिवपुरी से कांग्रेस ने वरिष्ठ विधायक केपी सिंह को प्रत्याशी बनाया है। पिछोर से शैलेंद्र सिंह की उम्मीदवारी तय की गई है तो, कोलारस से बैजनाथ यादव को टिकट दिया गया है। यादव भी वरिष्ठ भाजपा नेता रहे हैं और हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं। ऐसे में कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी का टिकट अटक गया है। रघुवंशी के टिकट को लेकर ही पीसीसी चीफ कमलनाथ ने उनके समर्थकों से कहा था कि दिग्विजय सिंह और जयवर्धन सिंह के कपड़े फाड़ो। मामला राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित होने पर सीईसी की बैठक में भी बात हुई। छिंदवाड़ा की 6 सीटों में से चौरई पर पेंच फंसा था। सांसद नकुलनाथ तीन सीटों परासिया से सोहन वाल्मीक, पांढुर्णा से नीलेश उइके और अमरवाड़ा से कमलेश शाह के नाम की घोषणा कर चुके हैं। सौंसर और जुन्नारदेव सीट से वर्तमान विधायकों को हरी झंडी मिल चुकी थी। सूत्रों का कहना है कि अब एआईसीसी अगर शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट देती है तो केपी सिंह कक्काजू को पिछोर से उम्मीदवार बनाया जा सकता है। कक्काजू पिछोर से छह बार के विजेता हैं। वहीं पिछोर से प्रत्याशी घोषित शैलेंद्र सिंह को प्रदेश संगठन में पद दिया जा सकता है। वहीं भाजपा से कांग्रेस में आए पूर्व मंत्री दीपक जोशी को खातेगांव से चुनाव लड़ाने की तैयारी थी, लेकिन वहां खातेगांव में उनके विरोध के पोस्टर लग गए थे।
भाजपा की पांचवीं सूची तैयार
भाजपा सूत्रों का कहना है कि भाजपा की पांचवीं सूची तैयारी है। इसमें करीब 70 नामों की घोषणा की जा सकती है। हालांकि भाजपा की पार्लियामेंट्री बोर्ड और केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में सभी 94 सीटों पर सिंगल नाम भेजे गए थे। केंद्रीय नेतृत्व ने इनमें से कुछ सीटों पर अपनी तरफ से नाम जोडक़र उन पर मंथन किया गया। सूत्रों के मुताबिक, जिन 8 मंत्रियों के टिकट होल्ड पर रखे गए थे, उनमें से ज्यादातर को हरी झंडी मिल गई है। केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के समर्थक मंत्री महेंद्र सिंह सिसोदिया, सुरेश धाकड़ और बृजेंद्र सिंह यादव के नाम फाइनल हैं। मंत्री रामखेलावन पटेल का टिकट भी तय है। वहीं, मंत्री गौरीशंकर बिसेन की जगह उनकी बेटी मौसम चुनाव लड़ सकती हैं। सिंधिया खेमे के मंत्री ओपीएस भदौरिया का टिकट कटना भी तय हो गया है। मंत्री इंदर सिंह परमार और उषा ठाकुर की भी अब सीट नहीं बदलेगी। इंदर सिंह शुजालपुर और उषा महू से ही चुनाव लड़ेंगी। भाजपा ने 10 से 15 विधायकों को छोडक़र बाकी विधायकों को हरी झंडी दे दी है। पवई सीट से मौजूदा विधायक प्रहलाद लोधी का नाम आगे है, जबकि संजय नगाइच ने भी मजबूत दावेदारी की हुई है। उज्जैन उत्तर में वर्तमान विधायक पारस जैन दावेदारों में सबसे आगे हैं, लेकिन पार्टी ने अनिल जैन कालूहेड़ा का नाम केंद्रीय संगठन को भेजा है। पारस जैन पूर्व मंत्री व वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए निर्णय केंद्रीय संगठन ही लेगा। भोपाल दक्षिण-पश्चिम विधानसभा सीट पर पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता, भाजपा के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी, जिलाध्यक्ष सुमित पचौरी को लेकर पेच फंसा है। सूत्रों का कहना है कि सारे सीनियर नेताओं को टिकट मिल रहा है तो पूर्व मंत्री गुप्ता की दावेदारी यहां सबसे मजबूत है। ग्वालियर पूर्व से पूर्व मंत्री माया सिंह, भिंड से नरेंद्र कुशवाहा, ग्वालियर दक्षिण से पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, इंदौर-5 से महेंद्र हार्डिया, टीकमगढ़ से राजेन्द्र तिवारी, मंडीदीप से सुरेंद्र पटवा, होशंगाबाद से सीतासरन शर्मा के नाम चौंका सकते हैं।
कांग्रेस की घोषित कुछ सीटों पर पुर्नविचार के आसार
कांग्रेस ने नवरात्र के पहले दिन 144 प्रत्याशियों की सूची जारी कर दी है, लेकिन इसके बाद विरोध और बगावत शुरू हो गई है। इस बीच, पूर्व सीएम कमलनाथ और दिग्विजय सिंह का द्वंद्व भी सामने आ गया। प्रदेश कांग्रेस के टिकट को लेकर नरयावली, उज्जैन ग्रामीण, शिवपुरी, दतिया, सिंगरौली और बुदनी के कार्यकर्ता नाराज हैं। यहां टिकट कटने से कई नेताओं ने दूसरी पार्टी ज्वाइन कर ली है। वहीं, कुछ ने पार्टी को दोबारा विचार करने के लिए समय दिया है। इस बीच चर्चा है कि शिवपुरी, पिछोर, दतिया सीट पर पार्टी प्रत्याशियों को लेकर दोबारा विचार कर सकती है। प्रदेश कांग्रेस में भाजपा छोडक़र कांग्रेस में शामिल होने वाले कोलारस विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट नहीं देने को लेकर पीसीसी चीफ कमलनाथ और पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह की लड़ाई कपड़े फाडऩे के बयान तक आ पहुंची। दरअसल, वीरेंद्र रघुवंशी शिवपुरी से टिकट की मांग कर रहे थे। यहां से कांग्रेस ने पिछोर से विधायक केपी सिंह को टिकट दे दिया। इसका विरोध करने वीरेंद्र रघुवंशी के समर्थक भोपाल पहुंच गए। इसके बाद कांग्रेस के दोनों बड़े नेताओं के बीच नोकझोंक का मामला सामने आया। अब चर्चा है कि कांग्रेस शिवपुरी समेत दो से तीन सीटों पर दोबारा विचार कर सकती है।