डैमेज कंट्रोल में… जुटी कांग्रेस

रूठों को मनाएंगे सुरजेवाला और दिग्विजय.

कांग्रेस ने 230 सीटों पर अपने प्रत्याशियों की घोषणा तो कर दी है, लेकिन करीब 3800 से अधिक दावेदार नाराज हो गए हैं। प्रदेश की 4 दर्जन से अधिक सीटें ऐसी हैं, जहां के दावेदार जमकर बवाल काट रहे हैं। कांग्रेस की दूसरी सूची के बाद से शुरू हुआ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है। पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग विधानसभाओं से आए कार्यकर्ता प्रदेश कांग्रेस कार्यालय और पीसीसी चीफ के बंगले का घेराव कर रहे हैं। बड़ी संख्या में कार्यकर्ता भोपाल में ही डेरा डाले हुए हैं। जिलों से लेकर राजधानी तक मचे बवाल पर कांग्रेस की जमकर फजीहत हो रही है। ऐसे में पार्टी को चुनावी समीकरण बिगाड़ने का डर सताने लगा है। यही वजह है कांग्रेस के दिग्गज नेता अब डैमेज कंट्रोल करने में जुट गए हैं। कल तीन बंगलों पर दिनभर बैठकों का दौर चलता रहा। रूठों को मनाने की जिम्मेदारी प्रदेश प्रभारी रणदीप सुरजेवाला और पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सौंपी गई है।
टिकट बंटवारे के बाद मचे बवाल के बीच प्रदेश प्रभारी सुरजेवाला पिछले दो दिन से भोपाल में मोर्चा संभाले हुए हैं। सोमवार को भी 74 बंगले स्थित नकुल नाथ के बंगले पर सुरजेवाला ने नाराज नेताओं से मुलाकात की। 48 से ज्यादा सीटों पर घोषित प्रत्याशियों का विरोध हो रहा है। विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं से सुरजेवाला ने मुलाकात की। दिग्विजय सिंह ने भी अपने बंगले पर कार्यकर्ताओं को बुलाकर समझाईश दी। करीब 15 कार्यकर्ताओं को लेकर वे कमलनाथ के बंगले पर भी गए थे। पीसीसी चीफ कमलनाथ पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं। कम से कम चार सीटों पर प्रत्याशियों के बदले जाने की तैयारी हो चुकी है। सबसे ज्यादा विरोध वाली शुजालपुर, बडऩगर सीट पर प्रत्याशी बदले जाएंगे। निवाड़ी, समिरिया और मैहर पर भी चर्चा हो गई है। केपी सिंह कक्काजू के टिकट में एक बार फिर परिवर्तन कर उन्हें पिछोर भेजा जा सकता है। भाजपा से कांग्रेस में आए विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को शिवपुरी से प्रत्याशी बनाया जा सकता है। बुरहानपुर में भी टिकट बदली जा सकती है। इस सीट पर सवा लाख मुस्लिम आबादी है। ऐसे में पूर्व विधायक हामिद काजी अपने बेटे नूर काजी को टिकट दिलाना चाहते हैं। कांग्रेस ने निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा को प्रत्याशी बनाया है। उनके विरोध में 25 पार्षद इस्तीफा देने आए थे। सुरजेवाला ने उन्हें समझाइश दी है।
सबको टिकट नहीं दे सकते
दिग्विजय ने कहा कि इस बार कांग्रेस ने जो प्रक्रिया अपनाई, वो बहुत ही पारदर्शी है। पूरी छानबीन करके निष्पक्षता से टिकट दिए गए हैं। उन्होने कहा कि हमारी सहानुभूति उनके साथ है जो टिकट न मिलने से नाराज हैं और हमारी सरकार बनती है, जो अगर किसी के साथ कुछ अन्याय हुआ भी है तो उनका पूरा ख्याल रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि सबसे खराब काम उम्मीदवारी चयन करना है। 4 हजार दावेदार थे, सब आकर कहते है 25 हजार से जीतूंगा। उन्होंने कहा कि सभी को टिकट नहीं दे सकते। उम्मीदवारों का नाराज होना स्वाभाविक है। अब तक के मेरे करियर में सबसे पारदर्शी तरीके से चयन किया गया है। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस के गठबंधन को लेकर दिग्विजय ने कहा कि समाजवादी पार्टी के लोग हमारे पास आए थे, वे हमसे 6 सीट चाहते थे। 1 सीट वे जीतकर आए थे और 2 पर अच्छे वोट लेकर आए थे। सपा को हम चार सीट देने को तैयार हो गए थे। सिंह ने कहा कि इस मामले को लेकर केंद्रीय लीडर से हमारी बात हुई, लेकिन उन्होंने समझौते के बारे में फैसले को राज्य पर छोड़ दिया। अखिलेश अच्छा लड़का है। ये चर्चा कहां बिगड़ी पता नहीं, लेकिन अखिलेश भाजपा के साथ नहीं जाएंगे ये पक्का है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि वे इवीएम से चुनाव कराने के पक्ष में हैं। लेकिन ईवीएम, वीवीपीएटी और काउंटिंग डिवाइस में चिप लगी होती है। जिसे टेंपर किया जा सकता है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि चुनाव आयोग को बताना चाहिए कि इन मशीनों में सॉफ्टवेयर किस कंपनी ने डाला है। सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएम जैसा नौटंकी करने वाला नहीं देखा, उनसे तो पीएम मोदी को भी खतरा होने लगा है।
दशहरे के बाद प्रत्याशी बदलने पर किया जाएगा फैसला
कांग्रेस के प्रत्याशियों में बदलाव होना तय हो गया है, लेकिन दशहरे के बाद ही नई सूची जारी होगी। सूत्रों का कहना है कि एआईसीसी के संगठन महासचिव वर्तमान में तेलंगाना में हैं, दशहरे के बाद वें दिल्ली पहुंचेंगे। इसके बाद प्रत्याशी परिवर्तन की सूची पर मुहर लग जाएगी। टिकटों के बंटवारे से उपजे बवाल के बाद कांग्रेस 3 सीटों पर उम्मीदवार बदलने पर विचार कर रही है। जिस शिवपुरी से वीरेंद्र रघुवंशी का टिकट न होने पर कमलनाथ का दिग्विजय और जयवद्र्धन के कपड़ा फाड़ो का बयान वायरल हुआ था, उस पर वीरेंद्र सिंह रघुवंशी को उतारा जा सकता है। वहां से वर्तमान में उम्मीदवार केपी सिंह के लिए तीसरी बार पिछोर का टिकट बदला जा सकता है। 15 अक्टूबर को जारी पहली सूची में शैलेंद्र सिंह को पिछोर से टिकट दिया गया। 22 अक्टूबर को शैलेंद्र का टिकट ड्राप कर अरविंद सिंह लोधी को टिकट दे दिया गया। केपी इस सीट से 6 बार से विधायक हैं। इधर, सुमावली सीट से विधायक अजब सिंह कुशवाह का टिकट काट कर कुलदीप सिंह सिकरवार को उम्मीदवार बनाया गया गया था। इसके बाद से चल रहे बवाल को थामने के लिए अजब सिंह कुशवाह को वापस टिकट दिया जा सकता है। उधर, सोमवार को दिग्विजय सिंह ने संकेत दिए कि कमलनाथ और मैने वीरेंद्र रघुवंशी को टिकट देने का वादा किया था। इस बारे में हम आगे विचार भी कर रहे हैं। मप्र प्रभारी रणदीप सिंह सुरजेवाला एक दो दिन में दिल्ली जाएंगे, उसके बाद ये बदलाव होंगे।
दिग्विजय ने माना गलती हुई
दावेदारों और उनके समर्थकों के विरोध को देखते हुए असंतुष्टों को मनान के लिए दिग्विजय सिंह मैदान में उतर गए है। प्रदर्शन कर रहे दावेदारों को सलाह देते हुए उन्होंने कहा कि दिल्ली भोपाल आने-जाने से टिकट नहीं मिलता है। उन्होंने टिकट बंटवारे में कुछ सीटों पर गलती स्वीकारते हुए कहा कि चार अलग-अलग एजेंसियों ने सर्वे किया है। थोड़ी बहुत टिकट वितरण में गड़बड़ी हुई है, लेकिन 90 फीसदी सही दिए गए हैं। दिग्विजय ने कहा कि सुरजेवाला और उन्हें नाराज नेताओं को मनाने की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मेरे पांच राजनीतिक सिद्धांत है। संपर्क, संवाद, समन्वय, सामंजस्य और सकारात्मक सोच और इन्हीं पर मेरा जीवन चला है। रूठे हुए लोगों को मनाने का क्या फार्मूला है? इस सवाल के जवाब में उन्होंने एक बार फिर मुस्कुराते हुए कहा- विष पीना। उन्होंने कहा कि आप सबने कमलनाथ जी का और मेरा संवाद सुना है। जिसके टिकट न मिले वो दिग्विजय सिंह के कपड़े फाड़ो..तो फाड़ो। हम खड़े हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा कि रुस्तम सिंह उनके समय पर चहेते अधिकारी रहे हैं। उन्हें हमेशा प्राइम पोस्टिंग दी है। श्रीनिवास तिवारी के पोते के भाजपा में जाने पर कहा कि भाजपा ने उनके परिवार के लिए क्या-क्या कहा है। फिर भी सिद्धार्थ ने भाजपा ज्वाइन कर ली। क्या वो टिकट मिलने के बाद जीत पाएगा?