आधा दर्जन भाजपा नेताओं ने संभाली चुनाव प्रचार की कमान

भोपाल/मंगल भारत। भाजपा व कांग्रेस में टिकट वितरण का


काम लगभग पूरा हो चुका है। ऐसे में जहां भाजपा का चुनाव प्रचार तेजी पकड़ने लगा है, वहीं कांग्रेस में अब शुरु होने का इंतजार किया जा रहा है। इसकी वजह है कांग्रेस के दोनों बड़ो नेता कमलनाथ व दिग्विजय सिंह को खुद असंतोष का थामने के मोर्चा पर काम करना पड़ रहा है, जबकि भाजपा के बड़े चेहरे चुनावी सभाओं में उतर चुके हैं। इस बार चुनाव में भाजपा के आधा दर्जन नेताओं के पास चुनावी प्रचार की कमान है।
यह बात अलग है कि इनमें से अधिकांश नेता खुद भी विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। इन नेताओं ने अपने क्षेत्र का जिम्मा परिजनों व कार्यकर्ताओं को सौंप दिया है। इन नेताओं में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के अलावा केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, ज्योतिरादित्य सिंधिया ,प्रहलाद पटेल, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा और प्रभात झा शामिल हैं। यह वे नेता हैं, जिनके पुत्र भी इस बार चुनावी मैदान में उतरने को तैयार नजर आ रहे थे , लेकिन पार्टी ने उनके अरमानों पर पानी फेर दिया है। दरअसल इस बार कांग्रेस से बेहद कड़ी चुनौती मिल रही है, जिसकी वजह से पार्टी किसी भी तरह का कोई जोखिम लेने को तैयार नही है। यही वजह है कि पार्टी ने इन दिग्गजों को ही चुनावी मैदान में उतारने का तय कर लिया है। दरअसल पार्टी द्वारा कराए गए सर्वे में सामने आया था कि इस बार प्रदेश में होने वाले विधानसभा बेहद कठिन है। दरअसल बीते चुनाव में कांग्रेस ने न केवल भाजपा को बेहद कड़ी चुनौती दी थी , बल्कि प्रदेश में डेढ़ दशक बाद सरकार भी बना ली थी। इसकी वजह से इस बार भी प्रदेश में भाजपा नेताओं के पुत्रों की लांचिग नहीं हो सकी है। ऐसे में अब महज आधा दर्जन नेता ही भाजपा के प्रचार की कमान संभालेंगे। गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने जब प्रत्याशियों के चेहरों की तलाश शुरू की थी, तब दिग्गज नेताओं के पुत्रों के नाम भी सामने आए थे। इनमें से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर के पुत्र देवेन्द्र सिंह, सरकार में मंत्री गोपाल भार्गव के पुत्र अभिषेक भार्गव, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष प्रभात झा के पुत्र तुष्मुल झा प्रमुख हैं, जिन्हें उनके पिता इस चुनाव में वकायदा अपने उत्तराधिकारी के रूप में मैदान में उतारना चाहते थे। किन्तु पार्टी की सर्वे रिपोर्ट ने भाजपा के रणनीतिकारों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि इस बार पार्टी के लिए चुनावी लड़ाई काफी कठिन है। ऐसे में उन सीटों पर पार्टी को अपनी पूरी ताकत झोंकनी होगी, जहां पर कांग्रेस मजबूत है और पिछला चुनाव जीत चुकी है। बताया गया है कि जब कांग्रेस की मजबूत सीटों का आंकलन किया गया, तो भाजपा के लिए खराब स्थिति वाली वे सीटें सामने आई, जहां से नेता पुत्र टिकट की मांग कर रहे थे। ऐसे में शीर्ष नेतृत्व के निर्देश पर भाजपा ने अपने तीन केन्द्रीय मंत्रियों समेत सात सांसदों को मैदान में उतार दिया। इसमें मुरैना की दिमनी सीट से केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर को टिकट दिया जबकि ग्वालियर से अपने पुत्र को टिकट दिलाना चाहते थे। इसी तरह राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को कांग्रेस के कब्जे वाली इंदौर-1 से भाजपा ने मैदान पर उतारा