दो आईएएस अफसर दिग्विजय सिंह के निशाने पर आए
विधानसभा चुनाव की मतगणना के तीन दिन पहले पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह ने प्रदेश सरकार के दो आईएएस अधिकारियों पर बड़ा आरोप लगाया है। उन्होंने वित्त विभाग के अधिकारी आईएएस अजीत केसरी और ज्ञानेश्वर पाटिल की ईओडब्ल्यू से शिकायत की है। उन्होंने दोनों की वॉट्सएप चैट और आडियो सीडी भी उपलब्ध कराई गई है। उन्होंने दोनों पर एफआईआर कराने की मांग की है। शिकायत के अनुसार राज्य मंत्रालय में लागू आईएफएमएस सिस्टम का काम चहेती फर्म को देने के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों ने वित्त मंत्री को विश्वास में लेकर ढाई सौ करोड़ रुपये का घोटाला किया गया है। इसके लिए टेंडर में मनमानी शर्तें डालते हुए टीसीएस जैसी टाटा समूह की कंपनी को बाहर किया। इसके बाद टेरा टेक्नोलॉजी लिमिटेड गुड़गांव को ठेका देने की कार्यवाही शुरू कर दी गई है।
शिव की कैबिनेट बैठक पर कांग्रेस ने खड़े किए गंभीर सवाल
शिवराज कैबिनेट की आज हो रही बैठक पर पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा ने सवाल उठाए है। कांग्रेस का आरोप है कि यह कदम मतगणना को प्रभावित करने का प्रयास है। अफसरों पर दबाव डालने की कोशिश की जा रही है। लेकिन कल के बाद परसों भी आएगा। बीजेपी की हालत खस्ता है। बिना एजेंडे के बैठक बुलाने का मकसद यही है। शर्मा ने कहा कि मंत्रियों से कहा जाएगा कि प्रभार वाले क्षेत्रों में मतगणना प्रभावित करें। अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश की जा रही है, लेकिन इससे कुछ नहीं होगा। उनका कहना है कि कमलनाथ कह चुके हैं कि कल के बाद परसों भी आएगा। इसलिए भारतीय जनता पार्टी कुछ नहीं कर पाएगी। बिना मुद्दे के मीटिंग बुलाने का मकसद यही है, बीजेपी जानती है कि इनकी हालत खस्ता है।
आय से अधिक संपत्ति के केस खारिज
आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण (आईटीएटी) ने मध्य प्रदेश कैडर के आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी के खिलाफ आयकर विभाग के आय से अधिक संपत्ति केस को खारिज कर दिया है। यह निर्णय उनकी मौत के दो साल बाद आया है। आईटीएटी ने अपना निर्णय 7 नवंबर को सुनाया। आईटीएटी ने आईटी आयुक्त के द्वारा कार्रवाई में मांगे गए स्थगनों पर भी नाराजगी व्यक्त की। इसे आईटी विभाग के खिलाफ एक पक्षीय आदेश का दुर्लभ उदाहरण बताया जा रहा है। वहीं, आईटीएटी ने आईटी विभाग के अधिकारियों की कार्रवाई में अनुपस्थिति पर भी चिंता जताई। आईएएस अधिकारी अरविंद जोशी और उनकी पत्नी आईएएस अधिकारी टीनू जोशी के भोपाल स्थिति आवास पर आईटी विभाग ने फरवरी 2010 में छापा मारा था। यहां से आईटी विभाग को बेहिसाब संपत्ति मिली थी, जिसका आकलन करीब 360 करोड़ रुपए किया गया था।
अब प्रमोटी आईएएस ने भी उठाए सवाल
बालाघाट में डाक मतपत्रों को लेकर खड़ा हुआ विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब इस मामले में एक प्रमोटी आईएएस ने सवाल खड़े कर दिए हैं। 2009 बैच की आईएएस शैलबाला मार्टिन ने एक ट्वीट को रीट्वीट करते हुए लिखा है कि आपकी सारी बातों से सहमत, लेकिन ये छटनी, डाक मतपत्रों को स्ट्रांग रूम में रखने के पहले की जाती है। स्ट्रांग रूम खुलने की जानकारी जिला निर्वाचन अधिकारी के संज्ञान में ना होना गंभीर विषय है, जो सीधी भर्ती के आईएएस अधिकारी की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगाता है। मार्टिन के इस सवाल ने प्रमोटी और डायरेक्ट आईएएस के बीच चलने वाले कोल्ड वॉर को भी हवा दे दी है। हालांकि इस पूरे मामले में चुनाव आयोग अब तक दो लोगों को निलंबित कर चुका है, लेकिन बालाघाट के स्ट्रांग रूम में हुए घटनाक्रम पर लगातार सवाल उठाए जा रहे हैं।