समीक्षा बैठक में कांग्रेस प्रत्याशियों का जमकर फूटा गुस्सा

संगठन पर लगाए मदद न करने के खुलकर आरोप, उठी नुकसान पहुंचाने वालों को बाहर करने की मांग.

भोपाल/मंगल भारत। बीते रोज बुलाई गई समीक्षा बैठक में कांग्रेस प्रत्याशियों का गुस्सा जमकर फूट पड़ा। विधानसभा चुनाव में मिली करारी हार को लेकर जहां प्रत्याशियों ने पदाधिकारी, संगठन और भीतरघात करने वालों पर जमकर हमला बोला, तो वहीं जीतकर आने वाले उम्मीदवारों ने कहा कि ईवीएम का रोना बंद कर भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट को समझें। प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह की मौजूदगी में सभी ने खुलकर अपनी बात रखी। इस दौरान अधिकांश नेताओं ने हार का गुबार निकाला। अहम बात यह है कि इस दौरान पार्टी द्वारा कराए गए तमाम सर्वे पर भी कई तरह के सवाल खड़े किए गए। इसके अलावा कई प्रत्याशियों ने चुनाव के दौरान पीसीसी से मदद न मिलने का आरोप भी संगठन पर लगाया। एक प्रत्याशी ने प्रचार में बड़े नेताओं का साथ न मिलने की बात भी कही। कमलनाथ ने बीते रोज विधानसभा चुनाव में, पार्टी के सभी हारे और जीते उम्मीदवारों के साथ बैठक की। इस बैइक में हार की समीक्षा की गई। उन्होंने सभी प्रत्याशियों से वन-टू-वन चर्चा की। इसके बाद कमलनाथ दिल्ली रवाना हो गए। वहां पर वे आज हेडक्वार्टर में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। अटकलें ये भी चल रही हैं कि वे, अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे सकते हैं। कमलनाथ ने कहा, मुझे कुछ विधायकों ने बताया है कि उन्हें अपने गांव में 50 ही वोट मिले। यह कैसे हो सकता है? जिसको पहले से परिणाम पता था, उसने एग्जिट पोल बनवाया होगा। एग्जिट पोल तो माहौल बनाने के लिए था। कांग्रेस नेताओं के ईवीएम हैक होने के दावे पर वे बोले, सभी की बात सुन लूं, फिर किसी फैसले पर आना सही होगा। आप भी जानते हैं कि क्या माहौल था, मुझसे नहीं, पब्लिक से पूछिए।
कमलनाथ पर भी साधा निशाना
नागौद क्षेत्र के पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह ने कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कांग्रेस की यह दुर्गति सिर्फ कमलनाथ के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि मेरा टिकट न काटी जाती तो शायद सतना जिले में ये हाल कांग्रेस का न हुआ होता। हालांकि टिकट नहीं मिलने के बाद बगावत कर बीएसपी से चुनाव लडऩे वाले यादवेंद्र खुद भी चुनाव हार गए हैं। दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह ने कहा, मैं ऐसा नहीं मानता कि ईवीएम में हेरफेर हुई। चुनाव में काले धन का इस्तेमाल हुआ है। भाजपा सरकार ने लोगों को शिक्षित नहीं होने दिया, इसलिए जैसा वो कहते गए, गरीब और अशिक्षित लोग वैसा करते रहे। हैंडपंप से बोतल में पानी भरा और कहा कि ये गंगाजल है। लोगों से गंगाजल के नाम पर हैंडपंप के पानी की कसम खिलवा ली। फिर अपने पक्ष में मतदान करा लिया। कांग्रेस विधायक उमंग सिंघार ने दिग्विजय सिंह से माफी मांगी है।
बोले शेरा, भीतरघातियों को हटाएं
बुरहानपुर से चुनाव हारने वाले सुरेंद्र सिंह उर्फ शेरा भैया ने कांग्रेस की समीक्षा बैठक में दो टूक कहा कि नुकसान पहुंचाने वालों को पहली फुर्सत में हटाया जाए। फिर चाहे कोई भी किसी का कितना अजीज क्यों न हो? उन्होंने कहा जिसने भी पार्टी को हराया है या जिस पदाधिकारी के बूथ पर हम हारे हैं, उसे तत्काल पार्टी से हटा दिया जाए। शेरा के इतना कहते ही मीटिंग हाल में तालियां बज गईं। उन्होंने कहा कि मैं कुछ नहीं कहना चाहता, लेकिन मेरा इतना निवेदन है, पार्टी इस पर तुरंत एक्शन ले।
अलावा के सुझाव का विरोध
मनावर से चुनाव जीतकर आए डॉक्टर हीरा अलावा ने समीक्षा बैठक में कहा कि हमें ईवीएम का रोना बंद करना होगा। कांग्रेस को भाजपा के माइक्रो मैनेजमेंट को समझने की जरूरत है। हमें आज मिनी माइक्रो मैनेजमेंट करना पड़ेगा। हमें भाजपा का गणित समझना चाहिए। ईवीएम को लेकर कही गई बात पर हारे हुए कई प्रत्याशियों ने अलावा का विरोध किया। जबकि कुछ ने उनका समर्थन जताया।
टिकट को लेकर भी जताया विरोध
हेमंत कटारे ने समीक्षा बैठक में कहा कि सर्वे के आधार पर मेहगांव विधानसभा सीट पर गलत टिकट दिया गया, जिसके कारण हम आसपास की भी सीटें हार गए। वहीं, शैलेंद्र पटेल ने कहा कि 130 सीट पर हम 20 हजार से ज्यादा वोटों से हारे हैं। हमें इसका विश्लेषण करना होगा। हम माहौल में आगे थे, लेकिन परिणामों में पीछे रहे गए। भाजपा हमारे 20 परसेंट वोट पर मैनेजमेंट कर लेती है। समीक्षा बैठक में एक प्रत्याशी ने कहा कि हमें अब एक-दूसरे का हाथ पकड़ कर चलना होगा। एक-दूसरे की मदद करनी होगी। एक-दूसरे के जिले में काम करना होगा। उन्होंने कहा कि हमें भाजपा और आरएसएस से सीखने की जरूरत है। वह किस तरह से एक दूसरे की मदद करते हैं। वहीं, एक प्रत्याशी ने सुझाव दिया कि लोकसभा चुनाव में 30 से 40 दिन पहले प्रत्याशी घोषित किए जाएं, ताकि प्रचार का और मैनेजमेंट का भरपूर समय मिल पाए।