मप्र में महंगी होगी शराब

लाइसेंस फीस 15त्न तक बढ़ा सकती है सरकार…

मध्य प्रदेश में नई आबकारी नीति तैयार करने की कवायद शुरू हो गई है। नई नीति में इस बार बड़े बदलाव की संभावना कम है, क्योंकि प्रदेश में इस बार भी भाजपा की सरकार बनी है। प्रदेश में अहातों के बंद करने के कारण आबकारी के राजस्व पर असर पड़ा है और कानून व्यवस्था की दृष्टि से भी शिकायतें बढ़ीं हैं। नई नीति के लिए जो जिलों से सुझाव लिए गए हैं उनमें अहातों को दोबारा शुरू करने के सुझाव भी शामिल हैं, लेकिन इस पर अमल की संभावना न के बराबर ही है। फरवरी के आखिर में नई नीति जारी कर दी जाती है, क्योंकि मार्च में नए टेंडर होते हैं। अहाते बंद होने से प्रदेश में 10 से 20 प्रतिशत सेल में गिरावट आई है। ऐसे में सरकार लाइसेंस फीस 15 प्रतिशत तक बढ़ा सकती है। इससे शराब महंगी होने की संभावना है।
यहां बता दें कि पिछली बार भाजपा सरकार ने अहातों को बंद कर दिया था, जिससे शराब के सेवन को बढ़ावा न मिले, लेकिन कंपोजिट दुकानों के चलते देसी-विदेशी को एक साथ कर दिया गया, इससे शराब दुकानों की संख्या तो वही रही, लेकिन दुकानों का अनुपात बिगड़ गया। उधर नई आबकारी नीति में सरकार शराब की कीमतों में बढ़ावा करने जा रही है। शराब के शौकीनों के लिए अब कुछ ज्यादा रुपए खर्च करने पड़ेंगे। आगामी दिनों में प्रदेश में शराब महंगी होगी। आबकारी विभाग टैक्स बढ़ाने की तैयारी में है। टैक्स बढऩे के बाद शराब के दाम महंगे हो जाएंगे। दरअसल विभाग 10 प्रतिशत तक एक्साइज ड्यूटी बढ़ाने की तैयारी में है।
देसी शराब पर भी बढ़ेगा टैक्स
नई आबकारी नीति में इसका प्रावधान किया जा रहा है। जानकारी के अनुसार देसी शराब में एक्साइज ड्यूटी 6 फीसदी और विदेशी शराब में 10 फीसदी तक बढ़ाने की तैयारी है। बताया जाता है कि प्रदेश में देसी शराब की एक्साइज ड्यूटी 4 साल से बढ़ी नहीं है। इसी तरह विदेशी शराब में 2 साल से एक्साइज ड्यूटी नहीं बढ़ी है। एक्साइज ड्यूटी बढऩे से शराब के शौकीनों के जेब पर इसकी विपरीत असर पड़ेगा।
कोई बड़ा बदलाव नहीं
अब प्रदेश में शराब की कीमतें बढ़ाने संबंधी प्रस्ताव लगभग तैयार कर लिया गया है। नई आबकारी नीति को 6 फरवरी के कैबिनेट में मंजूरी मिली तो एक पाव में दस रुपए और बोतल में 40 रुपए तक दाम बढ़ सकते हैं। वहीं आबकारी विभाग ने प्रदेश में विभाग ने नई शराब दुकान तथा अहाता खोलने के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। ज्ञात हो कि पूर्व शिवराज सरकार 1 अप्रैल 2023 से प्रदेश शराब अहाते और शॉप बार बंद कर दिए थे। आबकारी विभाग कई साल बाद एक्साइज ड्यूटी भी बढ़ा सकता है और लाइसेंस फीस में 15 फीसदी तक बढ़ोतरी की जा सकती है। इससे अगले वित्तीय वर्ष में राजस्व लक्ष्य 15 हजार करोड़ से अधिक हो सकता है।
ठेकेदारों ने दिए कई सुझाव
नई नीति को लेकर मंत्रालय में मदिरा ठेकेदारों के साथ विभाग ने बैठक की। इस अवसर पर ठेकेदारों ने कई सुझाव दिए। जैसे कि नर्मदा किनारे पांच किलोमीटर के दायरे में शराब दुकान नहीं होने के निर्णय पर विचार हो। इस पर सहमति बनी है कि दायरा कम करते हुए दो से तीन किलोमीटर तक किया जा सकता है। 13.5 हजार करोड़ रुपए का राजस्व हासिल करना चुनौती इस साल आबकारी विभाग को साढ़े तेरह हजार करोड़ का राजस्व हासिल करने का लक्ष्य है। अभी तक करीब 10 हजार करोड़ राजस्व आ चुका है। आबकारी ठेकेदार डॉ. केपी सिंह का कहना है कि विभाग के अधिकारी कहते हैं कि दो माह में लक्ष्य पूरा कर लिया जाएगा। बैठक में सुझाव तो दिए हैं, पर देखना यह है कि सरकार कितना मानती है।