डीन की भर्ती में ओबीसी को आरक्षण नहीं

एससी-एसटी को छोड़ सभी पद सामान्य …

भोपाल/मंगल भारत। भोपाल। प्रदेश की राजनीति में ओबीसी आरक्षण का मामला लगातार गर्माया हुआ है। कई भर्तियां और परीक्षा परिणाम ओबीसी आरक्षण की फांस में फंसी हुई है। इस बीच प्रदेश के मेडिकल कॉलेजों के लिए हो रही डीन की भर्ती में न तो ओबीसी और न ही महिलाओं को आरक्षण का प्रावधान किया गया है। इस संदर्भ में विभागीय अधिकारी की कुछ कहने से बच रहे हैं।
गौरतलब है कि चिकित्सा शिक्षा विभाग ने नए आरक्षण रोस्टर के जरिए जिन 18 पदों पर साक्षात्कार के जरिए भर्तियों के लिए आवेदन मांगे हैं, उनमें एससी-एसटी को छोड़ सभी पद सामान्य हैं। महिलाओं के लिए भी कोई पद आरक्षित नहीं है। मामले में ओबीसी संगठन से जुड़े पदाधिकारी अब कोर्ट की शरण में जाने और आंदोलन करने की तैयारी में हैं। डायरेक्टोरेट ऑफ मेडिकल एजुकेशन (डीएमई)डॉ. अरुण श्रीवास्तव का कहना है कि यह विभागीय स्तर से नहीं हुआ, शासन स्तर से हुआ है। मुझे इसका आइडिया नहीं है कि ड्रीन की भर्ती के लिए आरक्षण का कौन सा रोस्टर लगा है।
18 पदों पर होनी है भर्ती…
जानकारी के अनुसार 6 फरवरी को चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने अधिष्ठाता के 18 पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया है। संचालित 13 मेडिकल कॉलेजों के लिए और स्वीकृत हो चुके पांच मेडिकल कॉलेजों के लिए डीन नियुक्त किए जाएंगे। 18 पदों में एसटी-एससी के लिए 3-3 पद आरक्षित रखे गए हैं। बाकी 12 पद सामान्य हैं। विभाग ने विधानसभा चुनाव से पहले ईडब्ल्यूएस श्रेणी में भी पद आरक्षित किया था, जबकि डीन के पद के लिए कोई भी प्रोफेसर आवेदन करता तो ईडब्ल्यूएस प्रमाण-पत्र ही नहीं बनता, क्योंकि प्रोफेसर का वेतन ही एक से डेढ़ लाख रुपए प्रतिमाह होता है। डीन के लिए जरूरी योग्यता स्नातकोत्तर चिकित्सा डिग्री होनी चाहिए। प्रोफेसर/एसोसिएट के रूप में 10 वर्ष का अनुभव जरूरी। कम से कम पांच साल विभाग में प्रोफेसर रहे हों। 1 जनवरी 2024 की स्थिति में उम्र 65 वर्ष पूरी न की हो। प्रांताध्यक्ष पिछड़ा वर्ग विकास मोर्चा महेंद्र सिंह का कहना है कि पूर्व के विज्ञापन में ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान था। नए विज्ञापन में ऐसा नहीं है। यह अन्य पिछड़ा वर्ग की 52 प्रतिशत आबादी के साथ अन्याय है। मध्यप्रदेश अनुसूचित जाति जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्गों के आरक्षण अधिनियम 1994 की धारा 6 के तहत इस प्रकार की मनमानी के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई का भी प्रावधान है। पिछड़ा वर्ग के सभी सामाजिक संगठन प्रदेश में आंदोलन करेंगे।