चुनावी साल खुला विकास का द्वार

गांवों की सडक़ और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हुए काम में आएगी तेजी.

मनीष द्विवेदी। मंगल भारत। प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण सरकार ने विभागों के खर्च पर पहरा लगा दिया था। लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए सरकार ने विकास के द्वार खोल दिए हैं। विभागों पर खर्च का जो बैरियर था, उसे हटा दिया गया है। जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले राज्य सरकार ने 120 योजनाओं के क्रियान्वयन में होने वाले खर्च पर लगी रोक हटा दी है। ये योजनाएं 31 विभागों की हैं, जिनमें अब वित्त विभाग की तय नीति के हिसाब से राशि खर्च की जा सकेगी। जानकारी के अनुसार लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने तीन विभागों के लिए सबसे अधिक खजाना खोला है। सरकार ने तीन विभागों की महीने की खर्च की लिमिट को बढ़ा दिया है। वित्त विभाग में तीनों विभागों के बजट में संशोधन किया है। इससे मध्य प्रदेश में गांवों की सडक़ और इंफ्रास्ट्रक्चर से जुड़े हुए काम में तेजी आएगी। सबसे ज्यादा पीडब्ल्यूडी विभाग की रकम बढ़ाई गई है। 15 फरवरी को सरकार ने 1200 करोड़ रुपए जारी किया था, लेकिन अब 1700 करोड़ कर दिया है। यानी की 500 करोड़ रुपये अधिक सरकार ने पीडब्ल्यूडी विभाग को दिए हैं। इसी तरह पंचायत और ग्रामीण विभाग को 197 करोड़ रुपए दिए गए थे। जिसे बढ़ाकर 349 करोड़ रुपए कर दिया गया है। पंचायत और ग्रामीण विभाग के महीने के बजट 152 करोड़ रुपए अतिरिक्त दिए गए हैं।
विधायकों से मांगी विकास कार्यों की सूची
सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले विधायकों से क्षेत्र में विकास कार्यों के संबंध में सूची मांगी थी। इसमें करोड़ों रुपए का खर्च होना था। अधिकांश विधायकों ने इंफ्रास्ट्रक्चर और गांव के विकास के संबंध में सुझाव प्रस्ताव दिए थे। जिस पर सरकार ने पहले आर्थिक बोझ का हवाला देते हुए इनकार कर दिया था, लेकिन पिछले दिनों रिव्यू बैठक के दौरान बजट जारी करने पर फैसला हुआ। इसके बाद वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिया है। नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 412 नगरीय निकायों के लिए 878 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस राशि से अधोसंरचना विकास के चल रहे काम निकायों में बनने वाली सडक़ों का निर्माण काम शुरू हो सकेगा। इसके साथ ही नगरपालिकाओं में पेयजल योजनाओं के कामों के लिए दिए गए हैं। प्रदेश में सडक़ों की मरम्मत और नए निर्माण पर 2055 करोड़ रुपए खर्च होंगे, जिसमें से 1200 करोड़ रुपए इसी महीने में खर्च किए जाने हैं। 52 जिलों में भोपाल में बरखेड़ी देव मंदिर परिक्रमा पथ (11 किमी) पर 11 करोड़ रुपए, तरावली मंदिर मां हरसिद्धी पथ निर्माण (2 किमी) पर 2 करोड़ रुपए, रोढिया जाफराबाद सडक़ (4 किमी) पर 4 करोड़ रुपए और बम्होरी दमीला जोड़ मार्ग पर 6 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
31 मार्च तक खर्च होंगे 30 हजार करोड़
31 मार्च तक 30 हजार करोड़ रुपए खर्च होंगे। 7300 करोड़ में से लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 2400 करोड़ रुपए दिए जाएंगे। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में विकास किया जाएगा। सरकार ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 2400 करोड़, नर्मदा घाटी विकास को 1320 करोड़, लोक निर्माण 1200 को करोड़, नगरीय विकास एवं आवास को 878 करोड़, जल संसाधन विभाग को 700 करोड़, पंचायत एवं ग्रामीण विकास को 197 करोड़, जनजातीय 27 को करोड़ , वन विभाग को 80 करोड़, चिकित्सा शिक्षा को 36 करोड़, स्कूल शिक्षा को 100 करोड़ और तकनीकी शिक्षा को 52 करोड़ रुपए आवंटित किया है।
25 करोड़ से ज्यादा की निकासी पर अभी रोक
वित्त विभाग ने 25 करोड़ रुपए से ज्यादा के खर्चे पर अभी भी रोक लगाई हुई है। यह रोक पिछले एक साल से लगी है। यह रोक इसलिए लगाई गई है कि विभाग बड़ी राशि निकाल तो लेते हैं, लेकिन खर्च नहीं कर पाते हैं। इसलिए उतनी ही राशि निकाली जाए जितनी खर्च हो सके। जनजाति कार्य विभाग को 21 करोड़ रुपए किए गए थे, जिसकी लिमिट बढ़ाते हुए 131 करोड़ रूपए जारी किए गए है। साथ ही मार्च में भी 177 करोड़ रूपए जनजाति कार्य में खर्च किए जाएंगे। कुल मिलाकर वित्त विभाग में 183 करोड़ रुपए अतिरिक्त विभागों को आवंटित कर दिए है। फरवरी महीने में 14 विमागों को सरकार ने खर्च की अनुमति दी थी, जिसमें 1323 करोड़ रुपए जारी किए गए थे। सबसे ज्यादा रकम लोक स्वास्थ्य यत्रिकी, नर्मदा घाटी विकास और लोक निर्माण विभाग को लिए दिए गए थे।
14 विभाग इस महीने खर्च करेंगे 7323 करोड़
चुनाव के पहले सरकार का फोकस अटल ज्योति योजना में 100 यूनिट बिजली 100 रुपए में दिए जाने, गोशालाओं के संचालन पर खर्च, गांव की बेटी और सरकारी कॉलेजों के भवन के निर्माण पर खर्च होने वाली राशि पर है। इसके साथ प्रदेश की 26 हवाई पट्टियों के विस्तार का काम शुरू हो सकेगा। सरकार के 14 बड़े विभाग इस महीने में 7323 करोड़ रुपए खर्च कर सकेंगे। 31 मार्च तक 30 हजार करोड़ रुपए खर्च किए जाना है। इसमें बड़ी राशि लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग को 2400 करोड़ रुपए दी गई है। इस राशि से ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल खासतौर पर बंद पड़ीं नल-जल योजनाओं के चालू करने, लोगों के घर पर नलों से पानी दिए जाने पर खर्च होंगे। यानी गर्मी में कहीं भी पेयजल की दिक्कत न हो, जिसका असर चुनाव पर पड़े। उज्जैन में होने वाले व्यापारिक मेले में उद्योगों को प्रोत्साहन देने और इस आयोजन पर 92 करोड़ रुपए खर्च होंगे। अब मध्यप्रदेश की 26 हवाई पट्टियों के विस्तार का काम शुरू हो सकेगा।