आदेश जारी… अगर सेवानिवृत्ति में 6 महीने बचे, तो नहीं लगेगी चुनाव ड्यूटी

रिटायरमेंट के करीब शासकीय सेवक असमंजस में.

भोपाल/मंगल भारत। लोकसभा चुनाव में उन शासकीय सेवकों के लिए यह अच्छी खबर है, जिनकी सेवानिवृत्ति में महज छह महीने या उससे कम समय बचा है। इसके बाद भी जिला निर्वाचन अधिकारी ने उनकी ड्यूटी चुनाव कार्य में लगा दी है। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय मप्र ने सभी कलेक्टरों को पत्र जारी कर तत्काल ऐसे शासकीय सेवकों की ड्यूटी हटाने को कहा है। आयोग ने स्पष्ट तौर पर कहा कि चुनाव कार्य में ड्यूटी लगाते वक्त भारत निर्वाचन आयोग के स्टैंडिंग आर्डर को ध्यान में रखकर ही कार्रवाई करें। इस आर्डर में ऐसे शासकीय सेवकों को छूट दी गई है। दरअसल, प्रदेश के साथ ही साथ भोपाल जिले में ही ऐसे शासकीय सेवकों की ड्यूटी चुनाव कार्य में लगा दी गई है, जिनकी सेवानिवृत्ति महज कुछ महीने ही बचे हैं। इसमें जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय ने आयोग के निर्देशों का पालन नहीं किया।
इसकी वजह से ऐसे शासकीय सेवकों के सामने असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है। इसमें से कई तो ऐसे हैं, जो बीमार हैं या फिर उनके परिवार में कोई न कोई अस्वस्थ है। यहां तक की उम्र अधिक होने से वे ड्यूटी कर पाने में भी लगभग असमर्थ हैं। पर जिला निर्वाचन अधिकारी कार्यालय इसे मानने के लिए तैयार नहीं हैं। इससे उनकी परेशानी बढ़ी हुई है। अब शासकीय सेवकों ने चुनाव आयोग से अपने ही आदेश का पालन नहीं करने पर ध्यान आकृष्ट कराया है। साथ में आयोग के स्टैंडिंग ऑर्डर की प्रति लगाकर उनकी ड्यूटी तत्काल निरस्त करने की मांग की है।
यह है आदेश में
उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी संजय कुमार श्रीवास्तव ने 4 अप्रैल 24 को एक आदेश जारी कर सभी कलेक्टर व जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि वे आयोग के दिशा निर्देशों का पालन करने का कष्ट करें। किसी भी शासकीय सेवक की ड्यूटी उस स्थिति में नहीं लगाएं, जब उसकी सेवानिवृत्ति के महज छह महीने या उससे भी कम बचा हो। इस संबंध में राज्य कर्मचारी संघ ने भी पत्र देकर ड्यूटी निरस्त करने की मांग की है