भाजपा के पांच सांसदों के… रिकार्ड पर सभी की नजर

प्रदेश में चार चरणों में होने वाले लोकसभा चुनाव में भाजपा

के पांच प्रत्याशी ऐसे हैं, जिनकी जीत अभी से तय मानी जा रही है। अब इन नेताओं के जीत के रिकॉर्ड पर जरुर सभी की निगाहें बनी हुई है। यह वे प्रत्याशी हैं, जो नाम के साथ ही बीते चुनाव में बड़े अंतर से जीत दर्ज कर चुके थे। यह बात अलग है कि इसमें एक नाम ऐसा भी है, जो लगातार जीतने के बाद पिछली बार चुनाव हर गए थे, लेकिन अब वे इस बार भाजपा से चुनावी मैदान में हैं। वहीं दूसरे पहली बार चुनाव में उतरे हैं। दरअसल प्रदेश में इस बार चार चरणों में लोकसभा चुनाव होना है। पहले चरण की छह सीटों पर चुनाव प्रचार अब जोर पकड़ने लगा है। जबकि अन्य सीटों पर भी प्रत्याशी ताबड़तोड़ प्रचार में जुटे गए हैं। इस बार तो नेताओं के परिजन तक प्रचार में उतर चुके हैं। प्रदेश में विदिशा, गुना, खजुराहो, इंदौर, होशंगाबाद से प्रत्याशी जीत से ज्यादा रिकॉर्ड बनाने के लिए अधिक पसीना बहा रहे हैं। अभी तक देश में लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ी 6.89 लाख मतों की जीत गुजरात की नवसारी लोकसभा सीट से भाजपा सांसद सीआर पाटिल के नाम है। माना जा रहा है कि इस बार चुनाव में सबसे बड़ी जीत का रिकार्ड मप्र में बन सकता है। अहम बात यह है कि प्रदेश में जीत का कीर्तिमान स्थापित करने वाली सीटों पर ज्यादातर प्रत्याशी भाजपा से हैं। इनमें विदिशा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, खजुराहो से भाजपा प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा भी के नाम भी शामिल हैं।
शिव के नाम दर्ज हो सकती बड़ी जीत
प्रदेश की विदिशा सीट से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान लोकसभा प्रत्याशी हैं। उनकी गिनती प्रदेश के सबसे लोकप्रिय नेताओं में होती है। इस सीट पर पिछली बार भाजपा के रमाकांत भार्गव 5 लाख 3 हजार 84 वोटों से जीते। इस बार प्रत्याशी तय होते ही शिवराज गांव-गांव संपर्क कर रहे हैं। चूंकि शिवराज फिलहाल दूसरे क्षेत्रों में प्रचार के लिए नहीं निकले, इसलिए पूरा समय विदिशा में दे रहे हैं। कांग्रेस ने पूर्व सांसद प्रताप भानु शर्मा को उतारा है। शिवराज ने पहली बार इस सीट पर 1991 में जीत दर्ज की थी। उसके बाद वे यहां से 2004 तक लगातार पांच बार जीते हैं। 2005 में, उन्होंने मुख्यमंत्री बनने के बाद सीट छोड़ दी थी। इसके बाद भी भाजपा यहां से लगातार जीत रही है। इस सीट में शामिल आठ विस में से वर्तमान में सात पर भाजपा जीती है जबकि , कांग्रेस पार्टी के पास एकमात्र सीट है।
वीडी भी नही हैं पीछे
भाजपा प्रदेयााध्यक्ष वीडी शर्मा भी बड़ी जीत दर्ज करने की दौड़ में पीछे नही हैं। पिछले चुनाव में उन्होंने पहली बार खजुराहो से चुनाव लड़ा और 4 लाख 92 हजार वोटों से जीत का रिकॉर्ड बनाया था। इस बार तो उनके सामने कोई बड़ा चेहरा और कांग्रेस जैसे दल का नेता भी चुनाव में नही है। इसका फायदा वीडी को मिल सकता है। इस सीट पर बीजेपी का पलड़ा हमेशा भारी रहा है। इस सीट से भाजपा की उमा भारती नेे 4 बार लगातार लोकसभा चुनाव जीती हैं। यही नहीं लोकसभा के तहत आने वाली सभी आठों विस सीटों पर भाजपा के ही विधायक हैं। बीते चुनाव में भाजपा के वीडी शर्मा ने कांग्रेस की कविता सिंह को 4.92 लाख वोटों से करारी शिकस्त दी थी। इस चुनाव में 64.49 प्रतिशत वोट्स बीजेपी को मिले थ, जिसकी वजह से वीडी शर्मा को 8.11 लाख और उनकी निटकतम प्रतिद्वंद्वी कविता सिंह को 3.18 लाख वोट मिले थे।
जीत का रिकार्ड बनाने की तैयारी
गुना सीट पर पिछले चुनाव में ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस के टिकट पर भाजपा के केपी यादव से 1 लाख 25 हजार वोटों से हारे। इस बार भाजपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। उनका परिवार भी प्रचार में उतर गया है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद से ही सिंधिया चुनाव क्षेत्र में डटे हैं। इस बार उनकी कोशिश जीत का रिकॉर्ड बनाने की है। इस सीट की 8 विधानसभाओं से छह पर भाजपा व दो पर कांग्रेस के विधायक हैं। इस सीट पर पार्टी से ज्यादा राजघराने का वर्चस्व रहा है। इसलिए सिंधिया राजघराने के सदस्य ही यहां से अलग-अलग पार्टियों से चुनाव लड़ते रहे हैं और एक-दो बार को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर मौकों पर शानदार जीत दर्ज की है। 2002 में हुए उपचुनाव में सबसे पहली बार ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां से चुनाव लडक़र संासद बने थे। इसके बाद से वे 2019 तक सांसद बनते रहे। पिछले चुनाव में जरूर उन्हें भाजपा के केपी सिंह के हाथों हारना पड़ा था। सिंधिया के सामने भाजपा से कांग्रेस में गए यादवेन्द्र यादव हैं। उधर, इंदौर सीट पर पिछली बार भाजपा के शंकर लालवानी ने 5 लाख 47 हजार वोटों से रिकॉर्ड जीत दर्ज की थी। मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने इस बार 8 लाख से ज्यादा से जीत का ऐलान किया है। इसके लिए इंदौर में पूरी भाजपा जुटी है। लालवानी के सामने कांग्रेस ने युवा नेता अक्षय बम को उतारा है। इसी तरह से होशंगाबाद सीट पर पिछले चुनाव में भाजपा के उदय प्रताप सिंह ने 5 लाख 53 हजार वोटों के साथ प्रदेश में सबसे बड़ी जीत दर्ज की थी। इस बार चौधरी दर्शन सिंह भाजपा प्रत्याशी है। दर्शन के साथ जीत का रिकॉर्ड बरकरार रखने की चुनौती है। कांग्रेस ने यहां से पूर्व विधायक संजय शर्मा को प्रत्याशी बनाया है।