लोकसभा चुनाव: कांग्रेस महिला नेत्रियों को भूली

महज एक महिला को ही बनाया उम्मीदवार.

मप्र के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने नारा दिया था किलडक़ी हूं लड़ सकती । कांग्रेस ने उप्र के विस चुनाव में इस नारे को लेकर खूब शोर मचाया था। लेकिन जब सियासी लड़ाई की बात आयी, तो कांग्रेस ने इस नारे को ही पूरी तरह से भुला दिया है। यही वजह है कि प्रदेश के घोषित सभी 28 प्रत्याशियों में महज एक महिला के नाम को ही शामिल किया गया है। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस ने सभी 28 सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर दिया है। कांग्रेस ने अपने 28 प्रत्याशियों में एक महिला को टिकट दिया है। वहीं, पांच वर्तमान विधायक, एक सांसद और एक राज्यसभा सांसद को प्रत्याशी बनाया है। यह बात अलग है कि कांग्रेस भी प्रदेश में कुछ और सीटों पर लोकसभा चुनाव में महिलाओं को उम्मीदवार बनाना चाहती थी, लेकिन कई कांग्रसी नेत्रियों ने अपनी व्यक्तिगत वजह बताकर चुनाव में उतरने से ही मना कर दिया। इसकी वजह से कांग्रेस में महिला नेताओं की तलाश बड़ी समस्या बन गई थी। ऐसे में कांग्रेस ने पुरुष उम्मीदवारों पर ही दांव लगाना मुनासिब समझा । यह बात अलग है कि खंडवा सीट पर जरुर दो महिला नेत्रियों सामने आयी थीं, लेकिन दनके दावों को पार्टी ने खारिज कर दिया। इसकी वजह से अब कांग्रेस महिलाओं की उपेक्षा के आरोपों का भी सामना करने पर मजबूर हो गई है। भाजपा भी इस मामले को प्रचार के दौरान उठाने से नहीं चूके रही है।
कहां से किसे मिला टिकट
भोपाल– यहां से भोपाल जिला ग्रामीण के अध्यक्ष अरुण श्रीवास्तव को प्रत्याशी बनाया गया है। मध्य प्रदेश की पहली महिला जिला पंचायत अध्यक्ष भोपाल विमला श्रीवास्तव के बेटे हैं। पुराने कांग्रेसी हैं और ग्रामीण क्षेत्र में ज्यादा सक्रिय हैं। भाजपा ने पूर्व महापौर आलोक शर्मा को टिकट दिया है।
इंदौर– कांग्रेस ने अक्षय कांति बम को अपना प्रत्याशी बनाया है। अक्षय का नाम कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने ही आगे बढ़ाया है। अक्षय कांति बम आर्थिक रूप से सक्षम हैं। युवा नेता के रूप में उनकी पहचान है। वे जैन समाज से आते हैं, ऐसे में जैन समाज का उनको समर्थन मिलना तय है। वहीं, भाजपा ने वर्तमान सांसद शंकर लालवानी को फिर से मैदान में उतारा है।

शहडोल (एसटी) – फुंदेलाल मार्को तीसरे बार के विधायक हैं। वे आदिवासियों के बड़े नेता हैं। उनकी ताकत जमीनी और जनता से जुड़ा होना है। वे अधिकतर अपने बयानों से सुर्खियों में रहते हैं। भाजपा ने शहडोल से सांसद हिमाद्री सिंह पर दोबारा भरोसा जताया है।
उज्जैन-आलोट (एससी) – कांग्रेस ने तराना से दूसरी बार के विधायक महेश परमार को अपना प्रत्याशी बनाया है। परमार छात्र जीवन से ही राजनीति में सक्रिय हैं। वे उज्जैन महापौर का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि उनको हार का सामना करना पड़ा था। वहीं, भाजपा ने यहां से सांसद अनिल फिरोजिया को अपना प्रत्याशी घोषित किया है।
राजगढ़– कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह को टिकट दिया है। दिग्विजय सिंह राजगढ़ से दो बार सांसद रह चुके हैं। वे 33 साल बाद राजगढ़ से चुनाव लड़ेंगे। भाजपा ने यहां से दो बार के सांसद रोडमल नागर को प्रत्याशी बनाया है।
नर्मदापुरम– तेंदूखेड़ा से पूर्व विधायक संजय (संजू) शर्मा लंबे समय से नर्मदापुरम में काम कर रहे हैं। कमलनाथ के करीबी शर्मा का नर्मदापुरम सीट पर अच्छा प्रभाव और समर्थक हंै। यहां पर भाजपा ने किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष दर्शन सिंह को बनाया है।
रीवा- यहां से कांग्रेस ने नीलम मिश्रा को टिकट दिया है। नीलम मिश्रा भाजपा से विधायक रह चुकी हैं। अभी उनके पति कांग्रेस के टिकट पर सिमरिया से विधायक हैं। यहां पर भाजपा ने दो बार के सांसद जनार्दन मिश्र को प्रत्याशी बनाया है।

सागर – चंद्रभूषण सिंह बुंदेला उर्फ गुड्डू राजा कांग्रेस के पूर्व सांसद सुजान सिंह के बेटे हैं। गुड्डू राजा बुंदेला बसपा छोड़ पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे। उनको पार्टी ने कांग्रेस का प्रदेश महामंत्री बनाया है। बुंदेलखंड की राजनीति में बुंदेला परिवार का दबदबा रहा है। यहां पर कांग्रेस अरुणोदय चौबे को टिकट देने पर विचार कर रही थी, लेकिन उनके भाजपा में शामिल के बाद पार्टी को बड़े चेहरे की तलाश थी। भाजपा ने यहां से सांसद राजबहादुर सिंह का टिकट काट कर लता वानखेड़े को प्रत्याशी बनाया है।
रतलाम (एसटी) – कांग्रेस ने पूर्व केंद्रीय मंत्री, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और आदिवासी वर्ग के बड़े नेता कांतिलाल भूरिया को प्रत्याशी बनाया है। बता दें राहुल की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के समय ही भूरिया ने रतलाम से चुनाव लडऩे के संकेत दे दिए थे। इस सीट से भूरिया पांच बार सांसद रह चुके हैं। यहां पर भाजपा ने मौजूदा सांसद गुमान सिंह डामोर का टिकट काटकर अनिता नागर सिंह चौहान को प्रत्याशी बनाया है।
मंदसौर- कांग्रेस ने नागदा से पांच बार के विधायक दिलीप सिंह गुर्जर को टिकट दिया है। दिलीप सिंह गुर्जर 2023 का चुनाव हार गए। ओबीसी चेहरा हैं। यहां से भाजपा ने सांसद सुधीर गुप्ता को ही प्रत्याशी बनाया है।

जबलपुर- यहां से कांग्रेस ने 10 साल से जबलपुर जिला अध्यक्ष दिनेश यादव को प्रत्याशी बनाया है। यादव ओबीसी वर्ग से आते हैं। जबलपुर में कांग्रेस का बड़ा चेहरा हैं। पार्षद रह चुके हैं। पीसीसी के महामंत्री भी रहे हैं। वहीं, यहां से भाजपा ने आशीष सिंह को प्रत्याशी बनाया है। इस सीट से सांसद राकेश सिंह को विधानसभा का चुनाव लड़ाया। जिसके बाद राकेश सिंह ने लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
बालाघाट- कांग्रेस ने युवा नेता सम्राट सारस्वत को प्रत्याशी बनाया है। सम्राट जिला पंचायत बालाघाट के अध्यक्ष हैं। वे पूर्व विधायक अशोक सारस्वत के बेटे हैं। राजपूत समाज से आते हैं। क्षेत्र में सक्रिय हैं। यहां से भाजपा ने बालाघाट से सांसद डॉ. ढाल सिंह बिसेन का टिकट काटकर पार्षद भारती पारधी को दिया