प्रोफेसर साहब फसे जातीय समीकरण के जाल में.सीधी.

संजय गांधी महाविद्यालय सीधी में पदस्थ प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह के घर प्रचार के लिए गए चार लोगों में दो ब्राह्मणों के द्वारा उनका पैर न पड़ने पर उन्होंने घोर निंदनीय टिप्पणी फेसबुक पर पोस्ट किया था।

मेरे द्वारा उक्त संबंध में वाट्स एप पर ब्राह्मण एवं क्षत्रिय समाज के एक हजार लोगों को एवं फेसबुक पर प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह की टिप्पणी के संबंध में जानकारी दी लेकिन दुर्भाग्य से पचास लोगों ने ही प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह के कृत्य की निंदा कर मेरा मनोबल बढ़ाया।
ब्राह्मण समाज के साथ गैर ब्राह्मणों के द्वारा व्यापक स्तर पर अनाचार, अत्याचार, भेदभाव किया जा रहा है लेकिन ब्राह्मण समाज के समर्थवान व्यक्ति एवं जनप्रतिनिधि मौन हो जातें हैं आखिर सोते हुए ब्राह्मण समाज का क्या होगा?
ब्राह्मण समाज के साथ हो रहे अनाचार, अत्याचार, भेदभाव एवं अधिकारों के लिए क्या अन्य समाज के लोगों द्वारा आवाज उठाई जायेगी।
ब्राह्मण समाज के लोगों को राजनैतिक दल इसलिए टिकट देते हैं कि ब्राह्मण समाज के हित के लिए आवाज उठायेंगे,कार्य करेंगे लेकिन दुर्भाग्य से ब्राह्मण समाज के जनप्रतिनिधि समाज के बजाय स्वयं के हित तक केंद्रित रहते हैं जो दुर्भाग्य पूर्ण है।
प्रोफेसर अनिल कुमार सिंह के द्वारा ब्राह्मणों से पैर पड़वाने की अपेक्षा और उक्त संदर्भ में उनके द्वारा फेसबुक पर अमर्यादित, असंसदीय टिप्पणी की गई जो भारतीय संविधान,सिविल सेवा आचरण नियम एवं भारतीय दंड विधान में निहित प्रावधानों के प्रतिकूल है जिस संदर्भ में कल 15 अप्रैल को मुख्यमंत्री, उच्च शिक्षा मंत्री, उच्च शिक्षा सचिव, संयुक्त संचालक को संबोधित ज्ञापन कलेक्टर सीधी को सौंपा जायेगा।