दलों के साथ ही आयोग पर अधिक मतदान की चुनौती

तीसरे चरण का मतदान कल, इस चरण में हैं सर्वाधिक मतदाता.

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। प्रदेश में तीसरे चरण का मतदान कल मंगलवार को होने जा रहा है। इस चरण में प्रदेश की नौ लोकसभा सीटें शामिल हैं। यह ऐसा चरण है, जिसमें सर्वाधिक मतदाता हैं। इसके साथ ही राजनैतिक दलों के साथ ही आयोग के सामने सबसे बड़ी चुनौती मतदान बढ़ाने की है। पहले दो चरणों में औसत मतदान 2019 के चुनाव की तुलना में कम रहा है। यही वजह है कि चुनाव आयोग से लेकर दोनों प्रमुख दल भाजपा और कांग्रेस भी मतदाताओं से घर-घर संपर्क कर उन्हें मतदान करने के लिए प्रेरित करने में जुटी हुई है। अगर बीते चुनाव की बात करें तो इन नौ सीटों पर औसत मतदान 66.63 प्रतिशत रहा था। इसमें सबसे कम भिंड में 54.42 प्रतिशत रहा, जो मप्र में सबसे कम था। इसी तरह से ग्वालियर में 59.78 रहा था। राजगढ़ में 79.46 प्रतिशत मतदान हुआ था, जो प्रदेश में छिंदवाड़ा के बाद सर्वाधिक था, जबकि भोपाल में 74.39 प्रतिशत मतदान हुआ था। पहले दो चरण में 12 सीटों के लिए मतदान हो चुका है। पांच माह पूर्व हुए विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने जिस तरह से बढ़-चढक़र मतदान किया था, उससे सबको आशा थी कि 2019 के 71.16 प्रतिशत से मतदान भले ही अधिक न हो पर इससे कम भी नहीं रहेगा पर ऐसा नहीं हुआ। पहले चरण की छह सीटों पर 67.75 प्रतिशत मतदान रहा। इसमें छिंदवाड़ा, मंडला और बालाघाट ऐसी सीटें रहीं, जहां मतदान 70 प्रतिशत से अधिक रहा। बालाघाट लोकसभा क्षेत्र तो ऐसा था जहां, पुरुषों की तुलना में महिला मतदाताओं ने अधिक मतदान किया। कम मतदान को देखते हुए चुनाव आयोग और राजनीतिक दल सक्रिय बने हुए हैं। दरअसल, कम मतदान से आयोग के मतदाता जागरुकता अभियान पर प्रश्न उठे। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने समीक्षा की तो जिला निर्वाचन अधिकारियों ने यह बताया कि विवाह और गर्मी के कारण मतदान प्रभावित हुआ। भाजपा ने दावा किया कि कांग्रेस का मतदाता अपने नेतृत्व को लेकर उदासीन हो गया, इसलिए मतदान के लिए नहीं निकला। दूसरे चरण के लिए जमकर तैयारियां की गईं पर इसमें मतदान प्रतिशत और घट गया, जिसने सबको सोचने पर विवश कर दिया। तीसरे चरण में ऐसी स्थिति न बने, इसके लिए नौ सीटों के सभी 20 हजार 456 मतदान केंद्र पर एक मई को चलें बूथ की ओर अभियान चलाया तो भाजपा ने पन्ना और अर्द्ध पन्ना प्रभारियों को मतदाताओं से संपर्क करने के लिए मैदान में उतार दिया। इस चरण में भिंड, ग्वालियर और मुरैना सीट ऐसी हैं, जहां तुलनात्मक रूप से कम रहता है।
सर्वाधिक मतदाता है इस चरण में
खास बात यह है कि तीसरे चरण में सबसे ज्यादा एक करोड़ 77 लाख 52 हजार 583 मतदाता अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे। पहले चरण में 1.13 करोड़ से ज्यादा और दूसरे चरण में 1.11 करोड़ से ज्यादा मतदाता थे। पहले दो चरणों में 12 सीटों पर हुई वोटिंग में औसत मतदान 2019 के चुनाव की तुलना में कम रहा था। 2019 के चुनाव की तुलना में पहले चरण में 7.48 और दूसरे चरण में मतदान 9.03 प्रतिशत कम रहा है।
शादी-गर्मी के कारण कम हुई वोटिंग
दूसरे चरण की वोटिंग के बाद मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी अनुपम राजन ने समीक्षा की, तो जिला निर्वाचन अधिकारियों ने बताया कि विवाह और गर्मी के कारण मतदान प्रभावित हुआ, जबकि भाजपा ने दावा किया था कि कांग्रेस का मतदाता अपने नेतृत्व को लेकर उदासीन हो गया, इसलिए मतदान के लिए नहीं निकला। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि मतदान में अधिक समय न लगे। वेबकास्टिंग के माध्यम से निगरानी करें और जहां भी लाइन लगी दिखे, वहां चर्चा कर तेजी से मतदान प्रक्रिया पूरी कराएं।
सुबह ही अधिक मतदान कराने की तैयारी
भाजपा और कांग्रेस के उम्मीदवारों ने गर्मी को देखते हुए सुबह 11 बजे तक अधिक से अधिक मतदान कराने की तैयारी की है। कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे सुबह से ही सक्रिय हो जाएं और शुरुआती दौर में ही अधिक से अधिक मतदाताओं को मतदान केंद्र पहुंचने के लिए प्रेरित करें। मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय ने भी जिला निर्वाचन अधिकारियों से कहा है कि यह सुनिश्चित करें कि मतदान में अधिक समय न लगे। वेबकास्टिंग के माध्यम से निगरानी करें और जहां भी लाइन लगी देखे वहां चर्चा कर तेजी से मतदान प्रक्रिया पूरी कराएं।
इन सीटों पर सबकी नजर
तीसरे चरण की नौ सीटों में से राजगढ़, गुना और विदिशा सीट पर सबकी नजर है। राजगढ़ से दिग्विजय सिंह, विदिशा से शिवराज सिंह चौहान और गुना से ज्योतिरादित्य सिंधिया चुनाव लड़ रहे हैं। तीनों नेताओं ने मतदाताओं को घर से निकालने के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय किया है। इन तीनों सीटों पर होने वाले मतदान से इस चरण के औसत मतदान का निर्धारण होगा।
कहां, किसके बीच मुकाबला
लोस सीट भाजपा कांग्रेस
भोपाल आलोक शर्मा अरुण श्रीवास्तव
राजगढ़ रोडमल नागर दिग्विजय सिंह
विदिशा शिवराज चौहान प्रतापभानु शर्मा
गुना ज्योतिरादित्य राव यादवेंद्र सिंह
सागर लता वानखेड़े चंद्रभूषण बुंदेला
भिंड संध्या राय फूल सिंह बरैया
मुरैना शिवमंगल तोमर सत्यपाल
ग्वालियर भारत सिंह कुशवाहा प्रवीण पाठक
बैतूल दुर्गादास उइके रामू टेकाम