मध्यप्रदेश में 6 से 7 सीटें जीतेगी कांग्रेस!

एग्जिट पोल के रुझान के बाद…कांग्रेस को विश्वास.

भोपाल/मंगल भारत। लोकसभा के चुनाव के आखिरी चरण के मतदान के बाद बाद एग्जिट पोल के रुझान सामने आ गये हैं। इन रुझानों में कांग्रेस को पूरे प्रदेश में एक से दो सीटें जीतने की उम्मीद जताई जा रही है। लेकिन कांग्रेस को भरोसा है कि वह मप्र में 6 से 7 सीटें जीतेगी। दरअसल, लोकसभा चुनाव परिणाम से पहले कांग्रेस की दिल्ली में हुई बैठक में मप्र के नेतृत्व ने आलाकमान के सामने 6 से 7 सीटें जीतने का दावा किया है। जबकि 4 से 5 सीटों पर कड़ा मुकाबला होने की बात कही है। गौरतलब है कि बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़ेे, राहुल गांधी, समेत लोकसभा के सभी प्रत्याशियों, सभी राज्यों के पीसीसी चीफ, नेता प्रतिपक्ष मौजूद रहे। जिसमें सभी नेताओं से फीडबैक लिया गया। इस दौरान मप्र के प्रदेश प्रभारी भंवर जितेंद्र सिंह ने 6 से 7 सीटें जीतने का दावा किया। कांग्रेस नेतृत्व ने सभी पीसीसी चीफ से पूछा गया कि किस राज्य में कितनी सीट आ रही है। गौरतलब है कि एग्जिट पोल आने के बाद तीसरी बार भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए की सरकार बनने का अनुमान है। अब एग्जिट पोल को लेकर इंडिया ब्लॉक के नेताओं कई तरह के दावे कर रहे हैं। मप्र की बात करें तो वैसे तो अधिकतर सीटों पर भाजपा को स्पष्ट रूप से बढ़त मिलती नजर आ रही है, लेकिन 7 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जिन पर सभी की निगाहें टिकी हैं। छिंदवाड़ा, राजगढ़, गुना, धार, रतलाम, मंडला व मुरैना में भाजपा और कांग्रेस में कड़े मुकाबले के बीच उलटफेर देखने को मिल सकता है। कांग्रेस इन सीटों को अपने फेवर में मान रही है। चुनाव परिणाम के लिहाज से इन सीटों को हॉट सीट माना जा रहा है। इंदौर और खजुराहो सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नहीं होने से यहां भाजपा को वॉकओवर की स्थिति है।
29 सीटों पर 66.28त्न वोटिंग
प्रदेश की 29 सीटों पर शुरुआती चार चरणों में वोटिंग हुई थी। मप्र में आखिरी चरण की वोटिंग 13 मई को हुई थी। एमपी की 29 सीटों पर औसत 66.28 प्रतिशत वोटिंग हुई है। पिछले 20 दिन से लोगों को चुनाव परिणाम का बेसब्री से इंतजार है। भोपाल में भाजपा के आलोक शर्मा और कांग्रेस प्रत्याशी अरुण श्रीवास्तव के बीच मुकाबला है। यहां आलोक शर्मा का पलड़ा भारी दिख रहा है। 2019 के लोकसभा चुनाव में मप्र में भाजपा ने 29 में से 28 सीटों पर जीत दर्ज की थी। एकमात्र छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस चुनाव जीती थी। इंदौर से अधिकृत कांग्रेस प्रत्याशी अक्षय कांति बम द्वारा ऐन मौके पर नाम वापस लेने के कारण इस सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नहीं था। कांग्रेस ने इंदौर में नोटा पर वोट देने की अपील की थी। नोटा के समर्थन में कांग्रेस व अन्य संगठनों ने अभियान भी चलाया था। इस कारण लोगों की नजर इंदौर सीट पर है। इंदौर में नोटा क्या गुल खिलाएगा, यह मंगलवार को सामने आएगा।
यहां कांग्रेस को बड़ी उम्मीद
प्रदेश की कुछ ऐसी सीटें हैं जहां कांग्रेस को जीत की उम्मीद है। इनमें एक सीट छिंदवाड़ा भी है। छिंदवाड़ा सीट पर कांग्रेस प्रत्याशी नकुल नाथ और भाजपा उम्मीदवार बंटी साहू के बीच सीधा मुकाबला। 2019 के चुनाव में मप्र में छिंदवाड़ा एकमात्र सीट थी, जहां कांग्रेस ने जीत दर्ज की थी। कांग्रेस से इस सीट को छीनने के लिए भाजपा ने चुनाव प्रचार में पूरी ताकत झोक दी थी। वहीं राजगढ़ में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और भाजपा प्रत्याशी रोडमल नागर के बीच सीधा मुकाबला है। दिग्विजय ने अकेले दम पर चुनाव प्रचार किया, जबकि रोडमल नागर के लिए भाजपा के साथ आरएसएस पूरी ताकत से चुनाव मैदान में थी। मंडला लोकसभा सीट पर छह बार के सांसद भाजपा प्रत्याशी फग्गन सिंह कुलस्ते और तीन बार के विधायक कांग्रेस प्रत्याशी ओमकार सिंह मरकाम के बीच कड़ा मुकाबला। दोनों ही पार्टियां इस सीट पर जीत के दावे कर रही है। वहीं रतलाम-झाबुआ सीट पर दिग्गज कांग्रेस नेता पूर्व केंद्रीय मंत्री व प्रदेश सरकार में मंत्री रहे कांतिलाल भूरिया और भाजपा की युवा नेत्री अनिता सिंह ह चौहान के बीच मुकाबला है। अनीता के पति नागर सिंह चौहान मप्र सरकार में मंत्री है। दोनों नेताओं के बीच कड़ी टक्कर है।
यहां उलटफेर की संभावना
कांग्रेस को सतना, धार और मुरैना सीट पर उलटफेर की संभावना है। सतना लोकसभा सीट पर त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट पर भाजपा प्रत्याशी गणेश सिंह, कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ कुशवाहा और बसपा प्रत्याशी नारायण त्रिपाठी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस सीट पर चुनाव परिणाम क्या रहेगा, यह मंगलवार को सामने आएगा। धार सीट पर पूर्व सांसद व भाजपा प्रत्याशी सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के युवा नेता राधेश्याम मुवेल के बीच मुकाबला है। धार लोकसभा सीट की 8 विधानसभा सीटों में से 5 पर कांग्रेस का कब्जा है और मुवेल आदिवासियों के बीच सक्रिय है, इसलिए इस सीट पर कड़े मुकाबले के आसार है। मुरैना सीट पर भाजपा प्रत्याशी शिवमंगल सिंह तोमर और कांग्रेस प्रत्याशी सत्यपाल सिंह सिकरवार के बीच मुकाबला है। दोनों ही क्षत्रिय नेता है। शिवमंगल तोमर के लिए चुनाव प्रचार में मप्र विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर ने खूब मेहनत की, जबकि सत्यपाल सिकरवार अपने तगड़े पॉलिटिकल बैकग्राउंड के चलते भाजपा प्रत्याशी को टक्कर देते दिख रहे हैं। उनके भाई सतीश सिकरवार विधायक और भाभी शोभा सिकरवार ग्वालियर महापौर हैं।