तीसरी बार भी मोदी सरकार में होगा मप्र का दबदबा

शिवराज, सिंधिया, वीडी होंगे कैबिनेट में !

लोकसभा चुनाव में भाजपा ने मप्र में क्लीन स्वीप किया है। आलाकमान ने प्रदेश की सभी 29 सीटों को जीतने का लक्ष्य रखा था, जिसे पूरा कर लिया गया है। यही नहीं भाजपा के कई नेताओं ने ऐतिहासिक जीत दर्ज की है। ऐसे में केंद्र में बनने वाली नई एनडीए सरकार में मप्र का दबदबा देखने को मिलेगा। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा का नाम भी चर्चा में आगे है। वहीं रोडमल नागर को भी मंत्री बनाया जा सकता है। हालांकि, मंत्री पद की कतार में अन्य नेताओं के नाम भी हैं, लेकिन चूंकि भाजपा को पूर्ण बहुमत नहीं मिला है, इसलिए इनके मंत्री बनने की राह में एनडीए के सहयोगी दलों की हिस्सेदारी का पेंच फंस गया है।
चुनाव में एनडीए को सरकार बनाने के लिए बहुमत का आंकड़ा मिल चुका है। मप्र में विधानसभा और नगरीय निकाय चुनाव के बाद लोकसभा में भी रिकॉर्ड सफलता के बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा को बड़ी जिम्मेदारी मिल सकती है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान को केंद्रीय कैबिनेट में महत्वपूर्ण जवाबदारी मिलना तय माना जा रहा है। शिवराज को दिल्ली ले जाने के संदर्भ में पीएम नरेंद्र मोदी सार्वजनिक ऐलान कर चुके हैं। सिंधिया केंद्र में मंत्री हैं और नई सरकार में भी इन्हें मंत्री बनाने की पूरी संभावना है। वहीं एससी-एसटी वर्ग से नए चेहरे भी सामने आ सकते हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा संसदीय सीट से 8.21 लाख मतों से जीत हासिल की है। देश में सर्वाधिक वोट से जीतने वाले नेताओं में शिवराज सिंह चौहान शामिल हुए है। चार बार के मुख्यमंत्री रहे शिवराज सिंह चौहान छठवीं बार विदिशा से सांसद चुने गए। शिवराज सिंह चौहान की प्रदेश और देश में मामा के रूप में पहचान है। शिवराज सिंह चौहान की लाडली लक्ष्मी योजना, मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं को दूसरे राज्यों ने अपनाया है। अब मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना को भी पिछले विधानसभा चुनाव में भाजपा को बहुत लाभ मिला है। शिवराज सिंह चौहान ओबीसी वर्ग से आते हैं। उनको केंद्र में बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय माना जा रहा है। इसके संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार के दौरान हरदा की रैली में ही दे दिए थे। उन्होंने जनता को संबोधित करते हुए कहा था कि उनको जिताएं मैं उनको साथ ले जाना चाहता हूं। ऐसे में एनडीए गठबंधन की सरकार बनने पर शिवराज सिंह चौहान को केंद्र सरकार में कृषि मंत्री बनाया जा सकता है।
आधा दर्जन नेता मंत्री पद के दावेदार
केंद्र में भी लगातार तीसरी बार एनडीए की सरकार बनना लगभग तय है। मप्र में नवनिर्वाचित सांसदों में से आधा दर्जन नेता ऐसे हैं, जो केंद्र में मंत्री बनने के प्रबल दावेदार है। इनमें शिवराज सिंह चौहान, ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा, गणेश सिंह और रोडमल नागर शामिल हैं। हालांकि भाजपा जातिगत समीकरणों के आधार पर किसी नए चेहरे को केंद्र में मंत्री पद देकर चौका भी सकती है। पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने विदिशा सीट से बंपर जीत दर्ज की है। चौहान यहां से पहले भी तीन बार सांसद रहे हैं और वर्तमान में बुधनी से विधायक हैं। शिवराज सिंह केंद्रीय मंत्री पद के प्रमुख दावेदार है। उन्हें कोई बड़ा विभाग मिलेगा। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा ने खजुराहो सीट से दूसरी बार चुनाव जीता है। उनके अध्यक्ष रहते नवंबर में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी ने बंपर जीत दर्ज कर प्रदेश में सरकार बनाई और अब पार्टी ने लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटों पर जीत दर्ज की। पार्टी केंद्र में मंत्री बनाकर उन्हें चुनावों में जीत का तोहफा दे सकती है। रोडमल नागर राजगढ़ सीट से चौथी बार सांसद निर्वाचित हुए। उन्होंने पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह को चुनाव में हराया। इस सीट पर मुकाबला कड़ा माना जा रहा था। वरिष्ठता के आधार पर वह केंद्र में मंत्री पद के दावेदार है। गणेश सिंह सतना से पांचवी बार सांसद चुने गए। वे विंध्य क्षेत्र में भाजपा का बड़ा ओबीसी चेहरा है। वह पिछली बार मंत्री बनते-बनते रह गए थे। इस बार वे मंत्री पद की दौड़ में प्रमुखता से शामिल है। वहीं, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने इस चुनाव में 5.40 लाख वोटों से जीत दर्ज की है। पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर वह भाजपा के केपी यादव से चुनाव हार गए थे। उनके भाजपा में शामिल होने के बाद उनको राज्यसभा भेजा गया और केंद्रीय मंत्री बनाया गया। उनको कद पार्टी में लगातार बढ़ाया गया। इस बार भी सरकार में उनको बड़ी जिम्मेदारी मिलना तय है।
कुलस्ते और खटीक की जगह कोई नया चेहरा
मोदी कैबिनेट में अभी फग्गन सिंह कुलस्ते और वीरेंद्र कुमार भी शामिल हैं। इनकी आगामी भूमिका क्या होगी यह स्पष्ट नहीं है। आदिवासी वर्ग से कुलस्ते और अजा वर्ग से वीरेंद्र के स्थान पर नए चेहरे लाने की चर्चा है। विधानसभा चुनाव तक नरेंद्र सिंह तोमर और प्रहलाद पटेल भी केंद्र में मंत्री रहे। लेकिन विधानसभा चुनाव के बाद तोमर विधानसभा अध्यक्ष और पटेल प्रदेश में मंत्री बन चुके हैं। नागर का कद भी बढ़ सकता है। केंद्र सरकार में मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते ने मंडला लोकसभा सीट पर आठवीं बार जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस के ओमकार सिंह मरकाम को एक लाख से अधिक वोटों से हराया। कुलस्ते को अनुसूचित जनजाति वर्ग से आने के चलते फिर कैबिनेट में जगह मिल सकती है। वहीं, टीकमगढ़ से सांसद और वीरेंद्र खटीक को भी अनुसूचित जाति वर्ग से होने के चलते फिर मोदी सरकार में जगह मिल सकती है। इसके अलावा प्रदेश और देश में सबसे बड़ी 11 लाख 75 हजार वोटों से जीतने वाले शंकर लालवानी को भी इस बार मौका मिल सकता है। वह एकमात्र सिंधी वर्ग से आने वाले सांसद है। परफॉरमेंस के आधार पर इस बार पार्टी उन्हें ड्रॉप कर दलित वर्ग से किसी अन्य चेहरे को केंद्र में मंत्री बना सकती है। ऐसे ही मंडला सीट से सातवीं बार निवाचित फग्गन सिंह कुलस्ते को भी पार्टी इस बार ड्रॉप कर सकती है। उनके स्थान पर आदिवासी वर्ग से किसी दूसरे नेता को केंद्र में मंत्री पद दिया जा सकता है।