सीएम की सख्ती का असर, रद्द होगा सोम का लाईसेंस?

तीन दिन में मांगा जवाब, एक तरफा कार्रवाई की चेतावनी

भोपाल/मंगल भारत। रायसेन जिले में स्थित शराब आसवनी सोम डिस्टलरीज प्राइवेट लिमिटेड विवादों की आसवानी बन चुकी है। शायद ही कोई साल ऐसा जाता हो कि जब यह आसवानी विवादों में नहीं रहती हो।
पूर्व की सरकारों और अफसरों की मेहरबानी की वजह से कभी भी इस पर सख्त कार्रवाई होती नहीं दिखी है। यही वजह है कि इस आसवानी के संचालकों द्वारा नियमों का उल्लंघन करना आम बात बनी हुई है। फिर मामला अवैध रुप से टैंकों के निर्माण का हो या फिर नाबालिग बच्चों से काम कराने का। कर चोरी की बात तो अलग है ही, लेकिन अब बच्चों से काम कराए जाने के मामले का खुलासा होने के बाद मुख्यमंत्री डां. मोहन यादव की सख्ती का असर दिखना शुरु हो गया है, जिसके चलते आबकारी महकमे के तीन अफसरों को निलंबित कर दिया गया है। उधर, सोम आसवानी के मालिक अरोरा बंधुओं पर भी किसी तरह का कोई प्रकरण दर्ज नहीं होने से अब तक की गई कार्रवाई पर सवाल खड़े हो रहे हैं। इस मामले में मामले में राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा की गई कार्रवाई के बाद पहली बार सोम कंपनी के खिलाफ कुछ हद तक सख्त कार्रवाई होती दिख रही है। दरअसल मामला बेहद गंभीर है, लेकिन शासन प्रशासन की इसमें अब तक जो भूमिका रही है उसकी भी बड़े स्तर पर जांच की जरुरत महसूस हो रही है। इसके बाद अब आबकारी विभाग ने भी आसवनी का लाइसेंस निलंबित/निरस्त किए जाने को लेकर कारण बताओ नोटिस दिया है। इसका तीन दिन में जवाब नहीं मिलने पर एक पक्षीय कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। उल्लेखनीय है कि राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग की टीम ने शनिवार को रायसेन स्थित सोम डिस्टलरीज पर छापा मारा था। वहां पर टीम को कुल 59 बच्चे काम करते मिले। इन बच्चों के हाथ की त्वचा भी एल्कोहल एवं खतरनाक रसायनों के संपर्क में आने से गल गई और संक्रमण फैल गया। इस मामले में रायसेन कलेक्टर ने आबकारी आयुक्त को भी सूचना पत्र भेजा कलेक्टर के सूचना पत्र के आधार पर आबकारी आयुक्त ने रविवार को सोम डिस्टलरीज को यह कारण बताओ नोटिस जारी किया है। कारण बताओ नोटिस में निविदा शर्तों के उल्लंघन को स्पष्ट रूप से उल्लेखित कर कहा गया है कि मप्र आबकारी अधिनियम के अंतर्गत तय शर्त या आबकारी अधिनियम के उल्लंघन अथवा आबकारी आयुक्त द्वारा जारी किसी आदेश के उल्लंघन पर यह अनुज्ञप्ति निलंबित अथवा रद्द की जा सकेगी। आपके द्वारा इन शर्तों का स्पष्ट उल्लंघन किया है। स्पष्ट किया गया है कि विनिर्माणी इकाई में शराब से संबंधित कार्य नाबालिग बालक बालिकाओं से कराया जाना मप्र आबकारी अधिनियम के अंतर्गत बने नियमों, देशी मदिरा टेंडर तथा लायसेंस शर्तों तथा इस कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों का स्पष्ट उल्लंघन है।
सोम डिसलरी का विवादों से नाता
सोम डिस्टलरीज एन्ड बेवरेज लिमिटेड के रसूख का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है, की सोम के संचालक बिना सरकार की परमिशन लिए खुलेआम कहीं भी कोई भी निर्माण कर लेते हैं और आबकारी विभाग के अधिकारी चाह कर भी कोई कठोर कार्रवाई नहीं कर पाते। इसका सबसे बड़ा कारण है कि सोम डिस्टलरीज के संबंध सभी राजनैतिक दलों के नेताओं से हैं। साल 2014 में सोम डिस्टलरीज के संचालकों ने रायसेन गैरतगंज में अपनी शराब फैक्ट्री में वेस्ट मटेरियल के निष्पादन के नाम पर बगैर परमिशन स्प्रिट के 20 अवैध टैंकर बना लिए थे। जिसमें सोम डिस्टलरीज अवैध स्प्रिट का भंडारण करने लगी। ये स्प्रिट प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में बनने वाली अवैध देशी शराब के लिए स्मगल की जाती थी। जब इस बात की जानकारी आबकारी विभाग को लगी तो सोम डिस्टलरीज पर कार्यवाई की गई। पहले एक साल तक फैक्ट्री को सील भी रखा गया। लेकिन फिर मात्र 2 लाख रुपये का मामूली जुर्माना लगाकर फैक्ट्री को चालू करा दिया गया। 24 फरवरी 2021 को ये मामला मध्यप्रदेश विधानसभा में भी गूंजा था। तब आबकारी मंत्री जगदीश देवड़ा ने विधानसभा में ये तो माना कि सोम डिस्टलरीज ने 20 अवैध टैंकरों का निर्माण किया है, और इसमें अवैध स्प्रिट का भंडारण हो रहा है।
निविदा शर्तें ठेंगे पर
आबकारी आयुक्त द्वारा सोम डिस्टलरीज को भेजे गए सूचना पत्र में स्पष्ट किया है कि देशी मदिरा थोक प्रदाय हेतु जारी निविदा सूचना में प्रावधान किया गया है कि सफल निविदादाता द्वारा बॉटलिंग संयंत्र और भाण्डागार में कार्य हेतु कर्मचारियों की नियुक्ति पुलिस सत्यापन के बाद ही की जाएगी एवं अपराधिक पृष्ठभूमि का कोई भी व्यक्ति कार्य पर नियुक्त नहीं किया जाएगा। इस घटना से स्पष्ट है कि मेसर्स सोम डिस्टलरीज प्रा.लि. द्वारा उनकी इकाई में नियुक्त कर्मचारियों/बच्चों को पुलिस सत्यापन कराए बिना ही कार्य नियुक्त किया गया। अन्यथा बच्चों को कार्य हेतु नियुक्त किए जाने की अनुमति किसी स्थिति में प्राप्त नहीं होती। सामान्य अनुज्ञप्तियों की शर्तों में भी प्रावधानित किया गया है कि स्पष्टत: 21 वर्ष से कम आयु के किसी भी. व्यक्ति को और किसी पागल व्यक्ति को अनुज्ञप्ति परिसर/दुकान में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। अत: इकाई द्वारा सामान्य अनुज्ञप्तियों की शर्तों के नियम 11 (2) का उल्लंघन किया है।