अब बच्चों को हर माह करना होगा परीक्षा का सामना

बच्चों के सीखने की क्षमता का आंकलन करने की कवायद.

भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश का स्कूली शिक्षा विभाग इस नए सत्र से नया प्रयोग करने जा रहा है, जिसके तहत प्रदेश के सरकारी स्कूलों में पढऩे वाले पहली से आठवीं कक्षा के विद्यार्थियों को अब हर माह परीक्षा का सामना करना होगा। यह पूरी कवायद बच्चों के सीखने की प्रवृत्ति के सत्त मूल्याकंन के लिए की जा रही है। परीक्षा के माध्यम से हर माह यह कवायद की जाएगी। इसके आधार पर कमजोर विद्यार्थियों का पता लगाकर उन पर विशेष फोकस किया जाएगा। दरअसल सरकारी स्कूलों का परीक्ष परिणाम बीते कई सालों से बेहद कमजोर आ रहा है, जिसमें सुधार के लिए इस तरह का प्रयोग पहलेी बार किया जा रहा है। इसके तहत पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों का मूलभूत साक्षरता एवं संख्यात्मक (एफएलएन) आधारित साप्ताहिक विषयवार किया जाएगा। इसमें बच्चों को अभ्यास पुस्तिका भी दी जाएगी।
इसमें किए गए कार्योंं के आधार पर ही उनका आंकलन किया जाएगा। इसी तरह से तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों का मासिक मूल्यांकन होगा। इस संबंध में राज्य शिक्षा केंद्र ने लिए दिशा-निर्देश जारी कर दिए है। इसमें प्रत्येक विषय के लिए 10-10 अंकों के लर्निंग आउटकम्स आधारित गुणवत्ता युक्त प्रश्नपत्र दिया जाएगा। इसमें मौखिक प्रश्नों को शामिल किया जाएगा।
दिया जाएगा ग्रेड
इसके तहत मासिक मूल्यांकन अगस्त, सितंबर, दिसंबर व जनवरी में किया जाएगा। इसमें विद्यार्थियों के प्राप्तांकों के आधार पर ग्रेड दिया जाएगा। इसमें मासिक मूल्यांकन की उत्तर पुस्तिकाओं का प्रश्नवार एवं छात्रवार विश्लेषण कर लर्निंग गैप्स की पहचान कर उसे दूर करने के लिए विशेष कक्षाएं लगाकर कमियों को पूरा कराया जाएगा। इसके अलावा विद्यार्थियों के शैक्षिक के साथ-साथ व्यक्तिगत एवं सामाजिक गुणों का मूल्यांकन भी होगा। इसमें अनुशासन, साफ-सफाई, कक्षा में शिक्षकों व दोस्तों से व्यवहार सहित अन्य गतिविधियों का भी आकलन किया जाएगा। इसका उल्लेख बच्चों के समग्र प्रगति पत्रक पर किया जाएगा, जिसमें मासिक मूल्यांकन के ग्रेड को भी लिखा जाएगा।
छमाही परीक्षा भी होगी
पहली व दूसरी कक्षा के बच्चों के लिए छमाही परीक्षा में छूट दी गई है , जबकि तीसरी से आठवीं तक के बच्चों की छमाही परीक्षा नवंबर के अंत में ली जाएगी। इसमें प्रत्येक विषय में लिखित पेपर 60 अंक का होगा और 40 अंक का प्रोजेक्ट वर्क का होगा। इसके प्रश्नपत्र राज्य शिक्षा केंद्र द्वारा तैयार किए जाएंगे। इसके बाद पहली से चौथी और छठवीं व सातवीं कक्षा का वार्षिक मूल्यांकन भी होगा। इसमें 33 प्रतिशत अंक लाना जरुरी होगा।
इस तरह से बनेगा परीक्षा परिणाम
तीसरी व चौथी और छठवीं व सातवीं का रिजल्ट विषयवार मासिक टेस्ट में अधिकतम अंक 40 का अधिभार 10 अंक, छमाही परीक्षा (अधिकतम अंक 60) अधिभार 20 अंक और वार्षिक लिखित परीक्षा (अधिकतम अंक 60) के प्राप्तांक और प्रोजेक्ट कार्य (अधिकतम अंक 40) का अधिभार 10 अंक को जोडक़र तैयार किया जाएगा