2 लाख सरकारी पदों पर होगी भर्ती

हर साल सरकार पर बढ़ेगा 2000 करोड़ का खर्च…

भोपाल. मंगल भारत। भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने विभिन्न सरकारी विभागों में 2 लाख पदों पर भर्ती की प्रक्रिया जल्द शुरू करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, उन्होंने राजस्व विभाग में संविदा पटवारी और संविदा राजस्व निरीक्षक की नियुक्ति को भी मंजूरी दी है। इससे मप्र में रोजगार की बहार आएगी। मुख्यमंत्री ने बताया कि हाल ही में एक जुलाई को लागू किए गए तीन नए कानूनों की जानकारी आम जनता को देने के लिए थाना स्तर तक गोष्ठियां और सेमिनार आयोजित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि जल्द ही प्रदेश में 7,500 पुलिसकर्मियों की भर्ती होगी और रिक्त 2 लाख पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया आरंभ होगी। लेकिन सवाल उठता है कि क्या ये भर्तियां समय पर हो जाएंगी। अगर ऐसा होता है तो सरकार पर सालाना 2000 करोड़ रूपए का भार पड़ेगा। दरअसल, तत्कालीन सीएम शिवराज ने दो चरणों में डेढ़ लाख सरकारी पदों पर भर्ती का ऐलान किया था। उन्होंने पहली बार 15 अगस्त, 2022 को घोषणा की कि एक साल के भीतर एक लाख सरकारी रिक्त पदों पर भर्ती होगी। इन पदों पर भर्ती प्रक्रिया चल ही रही थी कि शिवराज सिंह ने 31 जुलाई, 2023 को 50 हजार रिक्त पदों पर और भर्ती की घोषणा कर दी। उनकी घोषणा को करीब दो साल होने को हैं, लेकिन सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी सिर्फ 67 हजार पदों पर भर्ती की जा सकी है। ये भर्तियां राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से की गई थीं। जानकारी के मुताबिक प्रदेश में सरकारी विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती मप्र राज्य लोक सेवा आयोग और कर्मचारी चयन मंडल के माध्यम से की जाती है। सबसे पहले जीएडी की ओर से विभिन्न विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मंगाई जाती है। विभागवार रिक्त पदों के संकलन करने के बाद कानूनी पहलुओं का अध्ययन किया जाता है। इसके बाद एमपीपीएससी और कर्मचारी चयन मंडल को भर्ती का विज्ञापन निकालने के लिए प्रस्ताव भेजे जाते हैं। भर्ती परीक्षा के बाद परिणाम जारी किया जाता है। फिर अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र प्रदान किए जाते हैं।
हर साल 70 हजार पदों पर भर्ती की चुनौती
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दो लाख पदों पर भर्ती की घोषणा करते हुए युवाओं को जानकारी और प्रशिक्षण देकर आवेदन प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए प्रेरित किए जाने की बात कही है। इस तरह आने वाले चार साल में विभागों द्वारा 2 लाख 83 हजार रिक्त पदों पर भर्तियां की जाएंगी। यानी सरकार के सामने हर साल 70 हजार से ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती की चुनौती होगी। यदि सरकार हर साल 70 हजार रिक्त पदों पर भर्ती करती है, तो उसे कर्मचारियों को वेतन, भत्तों के भुगतान के लिए बड़ी राशि की व्यवस्था करना होगी। 70 हजार कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पर सालाना करीब 2000 करोड़ रुपए खर्च होगे। कर्मचारियों की वरिष्ठता बढऩे के साथ ही उनके वेतन, भत्तों पर होने वाला खर्च भी बढ़ता जाएगा। वर्तमान में सरकार सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्तों पर हर महीने 7000 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च करती है। जीएडी के अधिकारियों का कहना है कि तत्कालीन सीएम शिवराज की घोषणा के बाद विभिन्न विभागों से रिक्त पदों की जानकारी मंगाई गई थी। विभिन्न विभागों ने करीब एक लाख पांच हजार रिक्त पदों की जानकारी जीएडी को भेजी थी। इनमें से 67 हजार पदों पर भर्ती की जा चुकी है। स्कूल शिक्षा और जनजातीय कार्य विभाग में सबसे ज्यादा रिक्त पदों पर भर्ती की गई। मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि गुरुवार को मुख्यमंत्री डॉ. यादव की रिक्त पदों पर भर्ती की घोषणा के साथ ही सामान्य प्रशासन विभाग के अधिकारी हरकत में आ गए हैं। शुक्रवार को इस संबंध में जीएडी के उच्च अधिकारियों के बीच चर्चा हुई। जल्द ही जीएडी सभी विभागों से रिक्त पदों की जानकारी संकलित करेगा। इसके बाद नए सिरे से भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
25 लाख से ज्यादा बेरोजगार पंजीकृत
मप्र में बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या है। एमपी रोजगार पोर्टल पर कुल 25 लाख 82 हजार 759 आवेदक पंजीकृत है। इनमें पुरुष आवेदकों की संख्या 15.90 लाख और महिला आवेदकों की संख्या 9.92 लाख है। भोपाल में 1.12 लाख पुरुष आवेदक और 59 हजार से ज्यादा महिला आवेदक पंजीकृत हैं। यह जानकारी हाल में कांग्रेस विधायक बाला बच्चन के एक सवाल के लिखित जवाब में कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम गं टेटवाल ने विधानसभा में दी थी। प्रदेश में संचालित मुख्यमंत्री सीखो कमाओ योजना युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में कारगर साबित नहीं हुई है। मप्र में योजना के अंतर्गत कुल 9.26 लाख अभ्यर्थी पंजीकृत है। इनमें से 20 हजार 118 अभ्यर्थी प्रशिक्षणरत हैं। योजना में पंजीकृत संस्थाओं की संख्या 23 हजार 51 है। यह जानकारी कौशल विकास एवं रोजगार राज्य मंत्री गौतम टेटवाल ने विधानसभा में दी थी।