अब आईपीएस बेनीवाल को पिता के नाम पर किया ट्रोल

अब आईपीएस बेनीवाल को पिता के नाम पर किया ट्रोल

महाराष्ट्र कैडर की ट्रेनी आईएएस पूजा खेडकर फर्जी मेडिकल और कास्ट सर्टिफिकेट दिखाकर यूपीएससी में रैंक हासिल करने को लेकर सुर्खियों में हैं। अब मप्र कैडर की ट्रेनी आईपीएस अनु बेनीवाल को भी उनके पिता के नाम पर ट्रोल किया जा रहा है। सोशल मीडिया पर आईपीएस संजय बेनीवाल को अनु का पिता बताया जा रहा है। ईडब्ल्यूएस का फर्जी सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी पाने का आरोप भी लग रहा है। आईपीएस अनु बेनीवाल से बात करने पर पता चला कि उनके पिता का नाम भी संजय बेनीवाल है। वे पेशे से किसान हैं। ये इत्तेफाक ही है कि आईपीएस संजय बेनीवाल और अनु के पिता का नाम एक ही है। दोनों के बीच खून का कोई रिश्ता नहीं है। अनु बेनीवाल ने ईडब्ल्यूएस सर्टिफिकेट के गलत इस्तेमाल की बात को भी खारिज किया है। उन्होंने मामले की शिकायत ग्वालियर साइबर सेल में भी की है। अनु बेनीवाल ग्वालियर के बिजौली थाने में बतौर एसएचओ पदस्थ थीं। इस दौरान उन्होंने खनन माफिया पर नकेल कसी। फिलहाल, वे इन दिनों हैदराबाद में ट्रेनिंग पर हैं। 30 अगस्त 2024 को ट्रेनिंग पूरी कर ग्वालियर में ही पदस्थ होकर आएंगी।

आईएएस नियाज की पोस्ट से बवाल, मुस्लिमों पर साधा निशाना
मप्र कॉडर के वरिष्ठ आईएएस अफसर नियाज खान के एक्स पर किए गए एक पोस्ट से बवाल मच गया है। उन्होंने बिना किसी हिचक अपने पोस्ट में मुल्ला मौलवियों की शिक्षा को अतार्किक बताया है। उन्होंने कहा कि दुनियां में जिस तरह मुस्लिम आबादी बढ़ी है, उसने बड़ी समस्या पैदा कर दी है। अफ्रीका में तो दस-दस बच्चे हो रहे हैं। हमारे देश में भी निचले तबके में यही हाल है। जब तक मौलवी-मदरसा सिस्टम चलेगा, तब तक तार्किक सोच नहीं आएगी। केवल सही शिक्षा ही इसे नियंत्रण कर सकती है। आईएएस खान इस्लाम को मानते हैं, किंतु उनकी सोच आधुनिकतावादी व तार्किक होती है। इससे पहले उन्होंने एक अन्य पोस्ट में कहा था कि इस्लाम में पर्यावरण को लेकर कुछ भी खास नहीं कहा गया है। यदि विश्व में पर्यावरण संकट को दूर करना है तो इसका उपचार सिर्फ सनातन धर्म में है। यहां पशु, पक्षी से लेकर पेड़ों व समूचे आकाश मंडल की पूजा अर्चना की जाती है। इसके लिए उन्होंने कई तरह के तर्क देते हुए पर्यावरण संरक्षण के लिए सनातन की पद्धति पर गौर करने की वकालत की है।

नीना वर्मा को हाईकोर्ट से मिली बड़ी राहत
धार की भाजपा विधायक नीना वर्मा के निर्वाचन को चुनौती देने वाली चुनाव याचिका हाई कोर्ट ने गुरुवार को निरस्त कर दी। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाए थे कि वर्मा ने नामांकन में जानकारी छुपाई है। पुरानी चुनाव याचिका में उन पर 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगी थी, जिसका ब्योरा उन्होंने नहीं दिया। वहीं वर्मा की ओर से जवाब में बताया कि हाई कोर्ट ने वर्मा पर जो 10 हजार रुपए की कॉस्ट लगाई थी उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी। इस वजह से नामांकन में यह जानकारी नहीं दी गई थी। फिलहाल इसे वर्मा के लिए बड़ी राहत के रूप में देखा जा रहा है।

डॉ. गोविंद सिंह के घर नापजोख करने पहुंची प्रशासनिक टीम
लहार में स्थित पूर्व नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह के घर पर अतिक्रमण का आरोप लगा है। आरोप लगने के बाद गुरुवार की सुबह प्रशासनिक अमला, नगर पालिका और राजस्व की टीम नापजोख करने के लिए पहुंच गई थी। जैसे ही इसकी खबर उनकी पार्टी तथा अन्य शुभचिंतकों को हुई वैसे ही वहां पर भारी भीड़ जमा होना शुरू हो गई थी। देर शाम तक टीम के द्वारा नापजोख की जाती रही । ज्ञात हो कि डॉ गोविंद सिंह के घर पर अतिक्रमण होने की शिकायत के बाद प्रशासन हरकत में आया और वस्तु स्थिति का पता लगाने के लिए नगर पालिका सहित राजस्व अमला वहां पर पहुंच गया था। विपरीत स्थिति की आशंका पर चार थाना क्षेत्रों की पुलिस को भी बुला लिया गया था।