भाजपा की राह पर कांग्रेस, हर गांव में 100 मतदाता जोडऩे का लक्ष्य

भोपाल/मंगल भारत। मध्य प्रदेश में लगातार हार रही कांग्रेस
पार्टी उपचुनाव के बाद अब नया प्रयोग करने जा रही है। इसी तरह से पार्टी की स्थिति सुधारने के लिए प्रदेश में कांग्रेस कमेटी लगातार बैठकें भी कर रही है और युवाओं से लेकर बुजुर्ग नेताओं से तक सलाह ली जा रही है। आने वाले कुछ समय में प्रदेश के तीन विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव होने की संभावना है, जिसे लेकर कांग्रेस अभी से तैयारी में जुट गई है। हालांकि छिंदवाड़ा के अमरवाड़ा में हुए उपचुनाव में कांग्रेस को पराजय का सामना करना पड़ा है। अब तीन विधानसभा उपचुनावों वाली सीटों पर कांग्रेस ने संभावित उम्मीदवारों को भाजपा की तरह, 25 परिवार और 100 मतदाता जोडऩे का लक्ष्य दिया है। फिलहाल यह प्रयोग तीन विधानसभा सीटों में पायलेट प्रोजेक्ट की तरह चलाया जाएगा इसके परिणाम आने के बाद इसे पूरे प्रदेश में चलने की तैयारी है।
हार दर हार
दरअसल प्रदेश में नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनावों में कांग्रेस महज 66 सीटों पर ही सिमटकर रह गई थी, जबकि भाजपा ने 163 सीटों के साथ बंपर जीत हासिल की थी। प्रदेश में कुल 230 सीटें हैं। वहीं, हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सभी 29 सीटें भाजपा ने जीती हैं, कांग्रेस ने अपनी एकमात्र सीट छिंदवाड़ा भी गंवा दी। यही नहीं कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह को भी हार का सामना करना पड़ा है। इसी तरह से हाल ही में अमरवाड़ा में हुए उपचुनाव में फिर कांग्रेस को पराजय का मुंह देखना पड़ा है।
भाजपा की तर्ज पर बना रहे रणनीति
कांग्रेस पार्टी ने अब अपनी रणनीति बदलने पर काम शुरु कर दिया है। कांग्रेस की रणनीति अब भाजपा की तर्ज पर ही होगी। गौरतलब है कि आने वाले समय में प्रदेश में तीन विधानसभा सीटों में उप चुनाव होने जा रहा है, जिसको लेकर कांग्रेस की तरफ से लगातार बैठकें कर रणनीति तैयार की जा रही है। अब कांग्रेस ने जिस प्रकार से योजना तैयार की है, उसके तहत बुदनी, विजयपुर और बीना विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस नया प्रयोग करेगी। कांग्रेस ने पायलेट फेज में सीहोर,सागर और श्योपुर जिलों की इन तीनों क्षेत्रों को चुन कर संगठन में जमीनी स्तर के सुधारों पर काम शुरु कर दिया है।
प्रत्याशियों के सुझाव पर कर रहे प्रयोग
कांग्रेस पार्टी यह प्रयोग उन सुझावों के आधार पर कर रही है,जो विधायकों,विधानसभा चुनाव में हारे प्रत्याशियों के साथ हुई मंथन बैठकों में निकल कर आए थे। विधानसभा क्षेत्र में रहने वाले हर पार्टी पदाधिकारी और टिकट के दावेदार को 10-10 गांवो में दौरे करने और पार्टी कार्यकर्ताओं से संपर्क करने का जिम्मा सौंपा गया है। पहले चरण में हर बूथ पर 25 परिवारों को कांग्रेस से जोडऩे और 100 नए मतदाता जोडऩे की रणनीति बनाई गई है। ठीक वैसे ही जैसे भाजपा ने विधानसभा चुनाव में पहले हर बूथ पर 375 मतदाता जोडऩे की रणनीति पर काम किया था। पिछले सप्ताह 12 से 14 जुलाई के बीच कांग्रेस ने तीनों विधानसभा के स्थानीय नेताओं को भोपाल बुलाकर पीसीसी की ओर से यह काम सौंपा दिया है। सभी को 15 दिन के भीतर यह काम करने के लिए कहा गया है। इसके आधार पर ही दावेदारों के टिकट तय किए जाएंगे।
पॉलिटिकल अफेयर बैठक में शामिल होना चाहते थे लक्ष्मण सिंह

पूर्व विधायक लक्ष्मण सिंह पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के सदस्य ना होने के बावजूद बैठक में शामिल होना चाहते हैं। सोशल मीडिया पर कांग्रेस के सीनियर नेता अजय सिंह राहुल से सवाल पूछा है। लक्ष्मण सिंह ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा हमें क्यों नहीं बुलाया साहेब। गौरतलब है कि दिग्विजय सिंह के भाई लक्ष्मण सिंह पीसीसी चीफ जीतू पटवारी से लेकर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व तक पर सवाल उठा चुके हैं। क्या लक्ष्मण सिंह की मंशा है कि उन्हें पॉलिटिकल अफेयर कमेटी में शामिल किया जाए। बता दें कि पॉलिटकल अफेयर कमेटी में लक्ष्मण सिंह के भाई पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह और भतीजे जयवर्धन सिंह पहले से ही सदस्य हैं।