सरकार को करोड़ों की चपत लगाकर कर रहे मौज

10 साल से भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई नहीं…

मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। मप्र में सरकारें भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की बातें तो खूब करती हैं, लेकिन भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करने में पीछे रह जातीं हैं। नगरीय निकायों में नपा अध्यक्ष और सीएमओ की जुगलबंदी से सरकार को करोड़ों रुपए की चपत लगाई जा रही है। भ्रष्टाचार करने वाले मौज कर रहे हैं, लेकिन आरोपियों के खिलाफ 10 साल बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
जानकारों का कहना है कि मप्र में भ्रष्टाचार की जड़े इतनी मजबूत हो गई है कि सरकार भी कुछ करने की स्थिति में नहीं है। आला अफसरों से लेकर इंजीनियर, नपा अध्यक्ष, सीएमओ भी इसमें गले-गले डूबे हैं। ऐसे 100 अधिकारियों के खिलाफ लोकायुक्त में 36 प्रकरणों में करोड़ों के घोटाला होने और उनके विरुद्ध अपराध दर्ज होने के बाद दस सालों से अभियोजन की मंजूरी नहीं मिलने से भ्रष्टाचारी बचे हुए हैं। मप्र सरकार के अधिकांश विभागों में घोटाले, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं में शामिल अमले पर कार्रवाई कर पाना मुश्किल नजर आ रहा है।
अभियोजन की नहीं मिल रही मंजूरी
नगरीय निकायों में जमकर भ्रष्टाचार में लिप्त अधिकारियों ने एक समय चांदी तो काटी, लेकिन आरोप सिद्ध होने के बाद भी सरकार से सालों से अभियोजन की मंजूरी नहीं मिल सकी। ऐसे ही भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे आकोड़ा के तत्कालीन सीएमओ रामेश्वर दयाल यादव, उपयंत्री मुरारीलाल शर्मा के विरुद्ध अपराध क्रमांक 409/13 में भ्रनिअ में 420, 467, 468, 471, 120 बी भादवि में प्रकरण दर्ज होने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई है। लोकायुक्त ने शासन से इनके विरुद्ध 2018 में अभियोजन की मंजूरी मांगी है। वहीं, फूफ के तत्कालीन सीएमओ अरविंद मिश्रा, सुरेशचंद्र जैन तथा रामविलास गुप्ता पर भी भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। इसी तरह भ्रष्टाचार के आरोप में तत्कालीन सीएमओ अकोड़ा प्रमोद कुमार अष्आं, रामेश्वर दयाल शर्मा, सुरेशचंद्र शर्मा के खिलाफ भी 408/13 से अपराध दर्ज है। करेली नपा के सहायक ग्रेड-3 कमलेश चौरसिया पर अभियोजन की अनुमति अमान्य होने के बाद पुनर्विचार प्रस्ताव पेंडिंग है। सबलगढ़ नप के तत्कालीन सीएमओ मुन्नालाल करौजिया, सतीश बंसल, राजस्व निरीक्षक अंतर सिंह रावत, अधीक्षक रोशनलाल, तत्कालीन अध्यक्ष सुशीला धाकड़, सीएमओ प्रदीप शर्मा के विरुद्ध भ्रष्टाचार के मामले में क्रमांक 91/13 भ्रनिअ अपराध दर्ज है। नगर पालिक निगम सागर के उपयंत्री लखनलाल साहू पर 79/12 भ्रष्टाचार का मामला दर्ज है। दमोह नपा की तत्कालीन अध्यक्ष शिवकुमारी शिवहरे, उपयंत्री कपिल खरे, सहायक ग्रेड-2 जगदीश श्रीवास्तव तथा मस्टरकर्मी गोविंद खत्री के खिलाफ अपराध क्रमांक 387/13 में भ्रष्टाचार का मामला दर्ज होने के बाद भी अभियोजन की मंजूरी नहीं दी गई है। विजयराघौगढ़ के नपा अधिकारी आरके पटेल के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 401/16 में मामला दर्ज है। कोठी के राजस्व निरीक्षक हीरालाल मिश्रा पर भ्रनिअ में 63/15 में मामला दर्ज होने पर कोई कार्रवाई नहीं की गई। पिछोर के सीएमओ सुधीर मिश्रा के विरुद्ध अपराध क्रमांक 147/19 में अपराध दर्ज है। सुसनेर के तत्कालीन स्वच्छता प्रभारी कमल किशोर शर्मा, नैनपुर के सहायक ग्रेड-2, राजपुर के तत्कालीन अध्यक्ष राजेंद्र मालवीय पर अपराध क्रमांक 193/13 में भ्रनिअ में प्रकरण लंबित है। गुढ के सीएमओ संजय सिंह, सहायक ग्रेड-2 दिनेश सिंह पर 194/18 में मामला दर्ज है। दमोह के मनोज कुमार तंतुवाय पर 202 में मामला दर्ज है। ब्यौहारी के सहायक राजस्व निरीद्वाक हरीश नामदेवा, दीपक चतुर्वेदी, मोहम्मद इदरीश उर्फ राजू खान के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप में 122/22 में प्रकरण दर्ज होने के बाद अभी तक सरकार ने अभियोजन की मंजूरी नहीं दी है। नगर परिषद थांदला की अध्यक्ष सुनीता बसावा, सीएमओ एमआर निंगवाल, सहायक ग्रेड-2 शीतल जैन, अशोक चौहान, रिटायर्ड राजस्व निरीक्षक प्रहलाद अमचरिया, आदि के विरुद्ध अपराध क्रमांक 336/15 अनिअ के तहत मामला दर्ज है। इसी तरह इनके विरुद्ध अपराध क्रमांक 337/15 में, 338/15, अपराध क्रमांक 340/15, 341/15, 342/15 में भ्रष्टाचार के प्रकरण दर्ज है। वहीं थांदला के तत्कालीन सीएमओ एलएस डोडिया, राजस्व निरीक्षक अशोक चौहान, तत्कालीन लेखापाल पंकज कुमार गौड़, दमोह के नगर पालिका अध्यक्ष शिवकुमार शिवहरे के विरुद्ध अपराध क्रमांक 524/13 में अनिअ के तहत 420, 409, 467, 469, 120बी भादवि में मामला दर्ज होने पर भी अभियोजन की नहीं मिलीं है.