तीसरी आंख से 24 घंटे आला अफसरों की रहेगी रेलवे स्टेशनों पर नजर

भोपाल/मंगल भारत। रेलवे प्रशासन ने प्रदेश के उन 15 रेलवे


स्टेशनों पर लगातार 24 घंटे निगरानी करने का फैसला किया है, जो पश्चिम मध्य रेलवे जोन के तहत आते हैं। इन पर अब रेलवे के आला अफसरों की नजर रखने से यात्रियों को बेहतर सुविधाएं और सुरक्षा का संभावना बढ़ गई है। इसके जोन के तहत आने वाले 15 रेलवे स्टेशनों का चयन किया गया है।
यह वे स्टेशन हैं, जहां पर यात्री दबाव ज्यादा रहता है और अपराध सहित अन्य घटनाएं व शिकायतें अधिक आती हैं। ेअहम बात यह हे कि इन स्टेशनों में भोपाल के दोनों स्टेशनों को भी शामिल किया गया है। इन नई व्यवस्था की वजह से अब गार रेलवे स्टेशनों पर कुछ गलत, नियम विरुद्ध होता है या फिर यात्री सुविधा में कमी नजर आएगी, तो सीधा रेलवे बोर्ड व पमरे जोन के अधिकारी तत्काल सक्रिय हो जाएगें। यही वजह र्है कि अब जल्द ही स्टेशनों के वीडियो सर्विलांस सिस्टम को रेलवे बोर्ड व पमरे जोन मुख्यालय से जोड़ने की योजना बनाई गई है।

गौरतलब है कि रेलवे बोर्ड भोपाल मंडल सहित करीब 700 से अधिक स्टेशनों पर इस योजना को लागू करने जा रहा है। इन स्टेशनों को ऑनलाइन कैमरा मॉनिटरिंग से जोड़ा जा रहा है। यह काम रेलवे का रेलटेल उपक्रम कर रहा है। इनकी मदद से 24 घंटे मंडल और जोन के अधिकारी दफ्तर से बैठे-बैठे नजर रख सकेंगे। अभी लगभग सभी स्टेशनों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हुए हैं, लेकिन इनकी मदद से स्थानीय प्रबंधन ही स्टेशनों पर नजर रखते हैं। अब इन्हें वीडियो सर्विलांस सिस्टम से जोड़ा जा रहा है। यह काम अगले 6 महीने में पूरा हो जाएगा। इसके बाद मंडल और जोन के अधिकारी इन स्टेशनों पर यात्रियों को दी जाने वाली सुविधा और सुरक्षा पर सीधा नियंत्रण रख सकेंगे। रेलवे स्टेशनों पर वीडियो सर्विलांस सिस्टम लगाने का काम शुरु हो चुका है।
इन स्टेशनों की होगी निगरानी
पश्चिम मध्य रेलवे जोन के तहत आने वाले भोपाल मंडल के बीना, रानी कमलापति, नर्मदापुरम, विदिशा, जबलपुर मंडल के पिपरिया, जबलपुर, कटनी, मैहर, सतना, रीवा, दमोह एवं सागर तथा कोटा मंडल के भरतपुर, सवाईमाधोपुर एवं कोटा रेलवे स्टेशनों को शामिल किया है। भोपाल मंडल के 10 प्रमुख स्टेशनों में 502, जबलपुर मंडल के 11 प्रमुख स्टेशनों में 257, कोटा मंडल के 8 प्रमुख स्टेशनों में 240 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं।
यह होगा फायदा
इस नई योजना से रेल सुरक्षा बल अधिकारियों को बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित करने में एक तरह की अतिरिक्त सहायता मिल सकेगी। सीसीटीवी कैमरों से मिलने वाली वीडियो फीड की रिकॉडिंग 30 दिनों के लिए स्टोर की जा सकेगी। इनकी मदद से अपराधों के अनुसंधान में भी मदद मिलेगी। फिलहाल अब तक पश्चिम मध्य रेल में 29 प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर कुल 999 सीसीटीवी कैमरे लगाए जा चुके हैं।