विधायक पन्नालाल ने कसा अब व्यवस्था पर तंज

विधायक पन्नालाल ने कसा अब व्यवस्था पर तंज.

पढ़ाई लिखाई से कुछ नहीं होगा, पंचर की दुकान खोल लो जैसे विवादित बयान से चर्चा में आए भाजपा विधायक ने फिर व्यवस्था को कटघरे में खड़ा किया है। अब उन्होंने कहा कि पंक्चर की दुकान मत खोलो… जाओ, लोग अगर तुम्हें बनने दें तो कलेक्टर बन जाओ…। मैंने तो विधायक बनने के लिए सात जन्मों का लक्ष्य बनाया था, लेकिन इसी जन्म में बन गया…। भाजपा विधायक पन्नालाल शाक्य ने पिछले पंचर वाले बयान पर मचे बवाल को लेकर अपनी बात बदली जरूर, लेकिन इसमें भी व्यवस्था पर तंज दिखाई दे रहा है। उन्होंने कहा कि अगर मेरे कहने से आप कलेक्टर बन सकते हो, तो मैं अपने शब्द वापस लेता हूं… जाओ, अब तुम सब कलेक्टर बन जाओ… आप यह बताओ कि क्या लोग तुम्हें-हमें आसानी से कलेक्टर बनने देंगे..? शाक्य ने कहा कि मैं कह दूं कि तुम सब एमएलए बन जाओ, सांसद बन जाओ… अरे! इतना आसान है क्या कुछ भी बन जाना। मुझे ही देख लो मैं 1977 से लगातार लगा था, तब जाकर 2013 में मौका मिला।

इंदौर के कुलदीप पवार बने एनसीपी के प्रदेश अध्यक्ष
मप्र में पार्टी संगठन को मजबूत करने की दृष्टि से राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अजित पवार गुट ने कुलदीप सिंह पवार को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। पवार एनसीपी के इंदौर शहर अध्यक्ष रहने के साथ प्रदेश प्रवक्ता भी रह चुके हैं। 2022 में इंदौर मेयर चुनाव में पवार तीसरे स्थान पर रहे थे। अभी छिंदवाड़ा के हेमंत पटेल एनसीपी प्रदेश अध्यक्ष थे। पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव बृजमोहन श्रीवास्तव ने कहा कि पवार को निर्देश दिए हैं कि जल्द प्रदेश कार्यकारिणी के गठन की कार्यवाही करें। नवनियुक्त अध्यक्ष ने भास्कर से – फोन पर चर्चा में कहा कि वो मप्र में पार्टी संगठन को मजबूत करने पर काम करेंगे।

हमारे अफसरों को इंसानों के साथ व्यवहार का तरीका आना ही चाहिए: कोचर
तकरीबन अस्पतालों में मानवीयता जैसे खत्म सी हो गई है। निजी अस्पतालों में यह व्यवसाय की तरह है तो सरकारी अस्पतालों में कर्मचारियों के लिए निर्धारित समय तक ड्यूटी से ज्यादा कुछ नहीं। ऐसे में किसी अफसर का संवेदनशील व्यवहार देखने को मिलता है, तो उसकी तारीफ होनी ही चाहिए। दमोह कलेक्टर सुधीर कोचर ने ऐसा ही करके दिखा दिया। अब सोशल मीडिया के सभी प्लेटफार्म पर उनकी खूब तारीफ हो रही है। दरअसल, एक मेडिकल कैंप में निरीक्षण के समय एक महिला को कराहते हुए जमीन पर देखा तो वे रूंआसे हो गए। उन्होंने यहां तक कह दिया कि यदि किसी अफसर को इंसानों के साथ व्यवहार का सलीका नहीं है तो उसे उस पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। उन्होंने कहा कि इंसानों के साथ व्यवहार का तरीका आना चाहिए। यदि ऐसा नहीं है तो उसे उस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं है। मुझे दुख होता है कि कोई गर्भवती महिला जमीन पर नीचे बैठी है, उसके लिए बैठने तक की जगह नहीं है।

हाईकोर्ट ने कलेक्टर सोनिया मीणा के खिलाफ जताई गहरी नाराजगी
मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम की कलेक्टर सोनिया मीणा को एक मामले की सुनवाई के दौरान न सिर्फ कड़ी फटकार लगाई है, बल्कि एडीएम डीके सिंह पर भी नाराजगी जाहिर की। कोर्ट ने कहा कि इनके लिए सब कुछ कलेक्टर साहब हो गए। कलेक्टर के नाम की चि_ी लेकर आते हैं और कोर्ट में लहराते हैं। दरअसल, हाईकोर्ट ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कलेक्टर सोनिया मीणा को हाजिर होने को कहा था। लेकिन कलेक्टर ने खुद आने की बजाय एडीएम के हाथों सीधे हाईकोर्ट जज के नाम एक चि_ी भेज दी। हाईकोर्ट ने कहा कि कोई भी अधिकारी अपनी बात सरकारी वकील के जरिए ही कोर्ट में रख सकता है, इस तरह सीधे जज को चि_ी नहीं भेज सकता। कोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर के इस रवैये पर उनके खिलाफ कार्रवाई की बात की है। हाईकोर्ट ने नर्मदापुरम कलेक्टर पर कार्रवाई को लेकर आदेश सुरक्षित रखा है।