शिक्षकों के रिक्त पदों को भी पोर्टल बता रहा है भरा

मैदानी अफसर हो रहे परेशान, नहीं किया जा रहा अपडेट.

भोपाल/मंगल भारत। राज्य शिक्षा केन्द्र का कामकाज कैसा चल रहा है इससे ही समझा जा सकता है कि विभाग का पोर्टल तक अपडेट नहीं किया जाता है। इसकी वजह से रिक्त पद भी भरे हुए बताए जा रहे हैं। इस पोर्टल में वे शिक्षक भी पड़ाई कराते और नौकरी करते हुए दिख रहे हैं , जो या तो अब इस दुनिया में नही हैं या फिर सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में प्रदेश के कई स्कूलों में पढ़ाई तक में भारी परेशानी का समना करना पड़ रहा है। अहम बात यह है कि इसमें भी सुधार तब नहीं हो रहा है जबकि , प्रदेश के करीब डेढ़ दर्जन अफसर इस गंभीर लापरवाही की शिकायत तक लिखित रुप से कर चुके हैं। यह शिकायतें छोटे मोटे नहीं बल्कि जिला शिक्षा अधिकारियों द्वारा की गई है। इन शिकायतों में कहा गया है कि शिक्षक के दिवंगत या सेवानिवृत्ति उपरांत पद खाली होने के बाद भी उसे पोर्टल में भरा दिखाया जा रहा है। इसकी वजह से दूसरे शिक्षक की भी पदस्थापना नहीं हो पा रही है। इसका सीधा असर शैक्षणिक व्यवस्था पर पड़ रहा है। रायसेन, जबलपुर, विदिशा, होशंगाबाद, हरदा, राजगढ़, कटनी, छतरपुर, पन्ना, दमोह, सागर, भिंड, मुरैना, ग्वालियर, मंदसौर, रतलाम, नीमच, ग्वालियर जैसे जिलों से शिक्षकों ने पत्र के माध्यम से इस सबंध में लिखा जा चुका है। इस पत्र में यहां तक लिखा गया है कि अगर पोर्टल में सुधार नहीं किया गया तो स्थितियां बिगड़ जाएंगी। क्योंकि शिक्षकों की जरूरत है। सिस्टम में सुधार नहीं होने की वजह से पदस्थापना बाधित हो रही है। इससे पढ़ाई चौपट हो रही है। जिला शिक्षा अधिकारियों की पीड़ा यह है कि एजुकेशन पोर्टल में वह शिक्षक दिख रहे हैं जो कई साल पहले सेवानिवृत्ति हो चुके या दिवंगत हो गए हैं। अब दिक्कत यह आ रही है कि यदि उस शिक्षक की खाली जगह दूसरे की पदस्थापना होना है तो वह भरा हुआ दिखाई दे रहा है। बताया गया है कि वैकल्पिक तौर पर यदि अतिथियों को ही रखने की तैयारी की जा रही तो वह पोस्ट रिकार्ड में रिक्त नहीं है।
इस वजह से नहीं हो रहा अपडेट
अधिकारियों का कहना है कि इस मामले में संकुल प्राचार्यों की बड़ी लापरवाही है। जब लोक सेवक रिटायर्ड या दिवंगत होता है तो उसका सैलरी सिस्टम बंद किया जाता है। यह काम करने की जवाबदारी संकुल प्राचार्य की होती है। सैलरी का लॉगिन बंद नहीं होने के कारण वह पद निरंतर पोर्टल पर बना रहता है। जिससे परेशानी बन रही है। बताया जा रहा है कि अब इस संबंध में इस संबंध में भी लोक शिक्षण संचालनालय को अवगत कराया गया। कलेक्टरों तक भी बात पहुंचाई गई, लेकिन इस मामले में कोई एक्शन नहीं हुआ।
भोपाल में ही दर्ज हैं कई नाम
रिटायर्ड लेक्वरार एवं मप्र राज्य कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष विश्वजीत सिंह सिसौदिया का कहना है कि दो साल पहले जो शिक्षक दिवंगत हो गया है। अभी भी पोर्टल में काम करते हुए दिखाई दे रहा है। यह समस्या विभाग के ध्यान में लाई गई। उसके बाद भी कोई ध्यान नहीं दिया गया। राजधानी भोपाल में भी इस प्रकार की समस्या है। यहां पर एक दर्जन ऐसे मृत और रिटायर्ड शिक्षक हैं जो पोर्टल पर काम कर रहे हैं, जबकि विद्यालयों में पद रिक्त पड़ा हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि लोक शिक्षण संचालनालय में जिनके हाथों में पोर्टल की व्यवस्था है। उनसे विभाग को जवाब लेना चाहिए।