इसी महीने तय हो जाएगा अगले… सीएस और डीजीपी का नाम

राजौरा या जैन बनेंगे मुख्य सचिव.

मप्र की मुख्य सचिव वीरा राणा के एक्सटेंशन का कार्यकाल अगले माह 30 तारीख को समाप्त हो रहा है। अटकलें हैं कि वीरा राणा को छह माह के लिए एक और एक्सटेंशन दिया जा सकता है, लेकिन इस बीच सीएस के लिए अनुराग जैन और डॉ. राजेश राजौरा के नाम दिल्ली पहुंचे हैं। 1989 बैच के अनुराग जैन हैं, जो अभी दिल्ली में ही प्रतिनियुक्ति पर सडक़ परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय में सचिव हैं। दूसरे 1990 बैच के डॉ. राजेश राजौरा हैं। राजौरा वर्तमान में सीएम के अपर मुख्य सचिव हैं। इन दो नामों के आगे आने से स्पष्ट हो गया है कि मौजूदा मुख्य सचिव व 1988 बैच की वीरा राणा का एक्सटेंशन बढ़ाए जाने की संभावना कमजोर पड़ गई हैं। वीरा राणा सितंबर में ही रिटायर होने वाली हैं।
नए मुख्य सचिव को लेकर जो नए समीकरण सामने आए हैं उसमें से अनुराग जैन डेपुटेशन पर दिल्ली में पदस्थ हैं और पीएम नरेंद्र मोदी की पसंद हैं, तो राजेश राजौरा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के एसीएस हैं। इन दो नामों के आगे आने से मुख्य सचिव वीरा राणा को एक्सटेंशन दिए जाने की संभावना पर विराम से लगता नजर आ रहा है। अनुराग जैन का नाम मुख्य सचिव की दौड़ में इससे पहले भी शामिल हुआ था, लेकिन दिल्ली से वापसी की सहमति नहीं बन पाई थी। माना जा रहा है इस बार दिल्ली से हरी झंडी है। वहीं डॉ. राजेश राजौरा के सीएम के साथ अच्छे समीकरण हैं। लिहाजा इन दोनों नामों में से एक पर मुहर लगती नजर आ रही है। हालांकि 1990 बैच के ही अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा के नाम को लेकर भी चर्चाओं का बाजार गरम है। मिश्रा का नाम आगे आता है तो मप्र के चार अधिकारी मो. सुलेमान, विनोद कुमार, जेएन कंसोटिया और राजेश राजौरा सुपरसीड होंगे। विनोद और कंसोटिया पहले ही मंत्रालय से बाहर पदस्थ हैं। मिश्रा को लेकर उच्च स्तर पर आमराय बनाना होगा। सूत्रों का कहना है कि अनुराग जैन और राजौरा की मुख्यमंत्री से मुख्य सचिव के मसले पर अलग-अलग बात हो चुकी है। सीएम ने भी नाम दिल्ली आलाकमान तक पहुंचा दिए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम से दिल्ली एक बार और बात कर सकती है, इसके बाद मुख्य सचिव के नाम को हरी झंडी दे दी जाएगी। सूत्रों का कहना है कि अनुराग जैन और राजौरा की मुख्यमंत्री से मुख्य सचिव के मसले पर अलग-अलग बात हो चुकी है। सीएम ने भी नाम दिल्ली आलाकमान तक पहुंचा दिए हैं। बताया जा रहा है कि सीएम से दिल्ली एक बार और बात कर सकती है, इसके बाद मुख्य सचिव के नाम को हरी झंडी दे दी जाएगी। राजौरा सीएस बनते हैं कि मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव का पद रिक्त होगा। ऐसे में मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) का कामकाज बदलेगा। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव संजय शुक्ला और राघवेंद्र सिंह में से एक की भूमिका बदलेगी। अनुराग जैन मुख्य सचिव बनते हैं तो सीएमओ में बदलाव होने की संभावना कम हो जाएगी।
नए डीजीपी के लिए तीन नाम
उधर, प्रदेश के पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना नवंबर में सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इसको देखते हुए उनके स्थान पर नए पुलिस महानिदेशक के लिए विशेष महानिदेशक स्तर के अधिकारियों के नाम का प्रस्ताव गृह मंत्रालय ने मांगा है। प्रस्ताव अगले सप्ताह भेजा जा सकता है। इसमें उन अधिकारियों के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे, जिनकी सेवानिवृत्ति में कम से कम छह माह बाकी हों। इस आधार शैलेष सिंह, सुधीर कुमार शाही और विजय कटारिया दौड़ से बाहर हो गए हैं। गृह विभाग के अधिकारियों ने बताया कि प्रदेश में विशेष पुलिस महानिदेशक स्तर के 11 अधिकारी हैं। इनमें से शैलेष सिंह, विजय कटारिया फरवरी 2025, सुधीर कुमार शाही जनवरी 2025 में सेवानिवृत्त हो जाएंगे, इसलिए इनके नाम प्रस्ताव में शामिल नहीं होंगे। 1998 बैच के अरविंद कुमार, कैलाश मकवाना, 1989 बैच के अजय कुमार शर्मा, गोविंद प्रताप सिंह, 1991 बैच के वरुण कपूर, उपेंद्र जैन, आलोक रंजन और प्रज्ञा रिचा श्रीवास्तव के नाम प्रस्तावित किए जाएंगे। संघ लोक सेवा आयोग विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक करके सेवा अभिलेख और 10 वर्ष के जांच एजेंसियों में काम करने के अनुभव के आधार पर तीन अधिकारियों के नाम का पैनल बनाकर सरकार को देगा, जिसमें मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव नए महानिदेशक का चयन
करेंगे।
कई अधिकारी दौड़ से हो गए बाहर
नए डीजीपी की नियुक्ति के लिए प्रक्रिया शुरू हो गई है। नए नियमों के तहत, डीजीपी पद के लिए उन्हीं अधिकारियों के नाम यूपीएससी को भेजे जाएंगे, जिनकी सेवा अवधि कम से कम छह माह शेष हो। मौजूदा डीजीपी सुधीर सक्सेना नवंबर 2024 में सेवानिवृत्त हो रहे हैं। इस कारण कई अधिकारी जैसे कि 1987 बैच के शैलेष सिंह और 1990 बैच के विजय कटारिया, जो जनवरी 2024 तक रिटायर हो रहे हैं, रेस से बाहर हो गए हैं। उल्लेखनीय है कि पुलिस महानिदेशक के सेवानिवृत्त होने से तीन माह पहले नई नियुक्ति के लिए प्रक्रिया प्रारंभ करने का प्रविधान है। उधर, कैलाश मकवाना की लोकायुक्त संगठन में पदस्थापना के दौरान गोपनीय चरित्रावली में प्रतिकूल टिप्पणी कर दी गई थी। इसे सुधारने के लिए उन्होंने अभ्यावेदन दिया, जिसे लेकर मुख्य सचिव वीरा राणा, अपर मुख्य सचिव गृह एसएन मिश्रा और पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना की बैठक हुई। सूत्रों का कहना है कि मकवाना की गोपनीय चरित्रावली में दर्ज प्रतिकूल टिप्पणी में सुधार किया जा सकता है। शासन को इसका अधिकार है।