मुख्यमंत्री बताएं, जो अपराध घटित हो रहे वह क्या कम हैं: जीतू.
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने राज्य अपराध अभिलेख ब्यूरो (एससीआरबी) द्वारा अपराधों का ब्योरा दिए जाने पर प्रदेश सरकार से सवाल किया है कि जो आंकड़े जारी किए गए हैं, अपराधों के मामले में क्या वह संख्या कम हैं। पटवारी ने सीएम से प्रतिप्रश्न किया कि 2024 में सात माह में हत्या के 1090, हत्या का प्रयास करने के 968, डकैती के 31, लूट के 618, बलात्कार के 2319, छेड़छाड़ के 1939, चोरी के 20407, पाक्सो 2376, महिलाओं के साथ अपराध के 11941 मामले घटित हुए हैं। वे बताएं कि क्या यह आंकड़ें भी कम हैं। कुल अपराधों की संख्या 182714 पर सरकार का ध्यान केंद्रित किया जाए तो सात माह में क्या यह आंकड़े कम हैं?
मंत्री दर्जा प्राप्त भाजपा नेता नंदकिशोर ने बहू को पीटा, शिकायत
कैबिनेट मंत्री दर्जा प्राप्त केश शिल्पी आयोग के अध्यक्ष और भाजपा नेता नंदकिशोर वर्मा के खिलाफ राऊ पुलिस ने बहू से मारपीट मामले में सोमवार को केस दर्ज किया। उनके छोटे भाई की पत्नी ने शिकायत दर्ज करवाई थी। वहीं मारपीट का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। थाना प्रभारी राजपाल सिंह राठौर के मुताबिक नंदकिशोर वर्मा, उनके छोटे भाई हरिनारायण के बीच संपत्ति विवाद चल रहा है। यश ढाबा पर कब्जा जमाने को लेकर विवाद सामने आया है। सोमवार को दोनों परिवारों में फिर विवाद हुआ, जिसमें बहू से गुस्साए नंदकिशोर ने बदसलूकी कर दी। बहू ने शिकायत में आरोप लगाया कि नंदकिशोर ने अश्लील भाषा का प्रयोग करने के साथ ही धमकी दी कि यहां आई तो जान से खत्म कर देंगे।
बड़ामलहरा विधायक के भाई ने की मारपीट, एफआईआर दर्ज
बड़ामलहरा की कांग्रेस विधायक रामसिया भारती के मुंहबोले भाई तुलसी लोधी सहित उसके साथी पर मारपीट का आरोप है। बाजना थाना अंतर्गत ग्राम छायन के गोविन्द सेन ने पुलिस को शिकायत में बताया कि वह बस स्टैंड पर हेयर सैलून चलाता है। रविवार दोपहर तुलसी लोधी अपने साथी चाली यादव के साथ आया और गाली-गलौज कर मारपीट कर दी। भाई महेन्द्र और भूपेन्द्र ने उसे बचाया। मारपीट में गोविंद के हाथ की अंगुलियों, पीठ और सिर में चोट आई है। तुलसी ने जान से मारने की धमकी भी दी। पुलिस ने विधायक के कथित भाई सहित दो पर केस दर्ज कर जांच शुरू की है।
काबिलियत के आधार पर ही, मिले सरकारी नौकरी : हाई कोर्ट
सरकारी नौकरी में निर्धारित योग्यताओं से समझौता न किया जाए। सभी अर्हताओं को अनिवार्य रूप से पूर्ण किया जाए। इस टिप्पणी के साथ हाईकोर्ट ने एक अपील निरस्त कर दी। मामले में आवेदन के साथ जीवित रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र न होने के कारण अयोग्य करार दिए जाने पर हाई कोर्ट में अपील दायर की गई थी। अपील में कहा गया था कि शैक्षणिक योग्यता में जीवित रजिस्ट्रेशन प्रमाण-पत्र नहीं आता है। हाई कोर्ट ने इस तर्क को नकार दिया। याचिका में कहा गया था कि स्वास्थ्य विभाग ने नेत्र सहायक पद के लिए विज्ञापन जारी किया था। नियुक्ति के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता 12 वीं पास और मध्यप्रदेश पैरामेडिकल काउंसिल का रजिस्ट्रेशन प्रमाणीकरण जरूरी था। योग्यता के अनुसार उसे नियुक्ति प्रदान कर दी गई थी। जिसे चुनौती देते हुए याचिका दायर की गई थी।