नेताओं के बीच रार से संगठन भी नाराज, भोपाल बुलाकर दी समझाइश.
भोपाल/मंगल भारत। चाल, चरित्र और चेहरे वाली भाजपा में इनदिनों नेताओं में वर्चस्व की जंग छिड़ी हुई है। मप्र के बुंदेलखंड क्षेत्र में पूर्व मंत्री व भाजपा विधायक कामाख्या प्रताप सिंह के पिता मानवेन्द्र सिंह, छतरपुर भाजपा विधायक ललिता यादव व केन्द्रीय सामाजिक न्याय मंत्री वीरेन्द्र कुमार खटीक के बीच चल रही तनातनी से प्रदेश संगठन खुश नहीं है। प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने दोनों नेताओं को भोपाल बुलाकर बातचीत की है। बताया जाता है कि इस दौरान नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष के सामने केंद्रीय मंत्री की मनमानी की पोल खोलकर रख दी। सूत्रों का कहना है कि प्रदेश अध्यक्ष से बातचीत में इन नेताओं ने केंद्रीय मंत्री व क्षेत्रीय सांसद पर उनके काम में जबरन हस्तक्षेप और पार्टी से बाहर के लोगों को सांसद प्रतिनिधि बनाने का आरोप लगाया है। गौरतलब है कि तीन दिनों पहले मानवेन्द्र सिंह ने मीडिया से चर्चा में इशारों ही इशारों में सांसद पर आरोप लगाया था कि उन्होंने ऐसे लोगों को सांसद प्रतिनिधि बना दिया, जिन्होंने चुनाव में भाजपा के खिलाफ काम किया था। उन्होंने यह भी कहा था कि हर व्यक्ति अपना काम करे तो बेहतर होगा, किसी को किसी के काम में हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए। इसके बाद छत्तरपुर विधायक ललिता यादव ने भी वीरेन्द्र खटीक पर ऐसे लोगों को बढ़ावा देने का आरोप लगाया था जिन्होंने पार्टी के खिलाफ काम किया। उन्होंने यह भी कहा था कि जो बूथ में हमारे खिलाफ बैठे, उन्हें सांसद प्रतिनिधि बनाया जा रहा है। संगठन को इस पर ध्यान देना चाहिए। इसके बाद मानवेन्द्र सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा था कि मुझे आयातित लोगों से सीखने की जरूरत नहीं है।
सांसद प्रतिनिधियों की सूची सौंपी
पार्टी के नेताओं द्वारा खुलकर मीडिया के सामने की जा रही बयानबाजी को गंभीरता से लेते हुए संगठन ने ललिता यादव और मानवेन्द्र सिंह को प्रदेश कार्यालय बुलाया। यहां दोनों नेताओं से प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने काफी देर तक बात की। बताया जाता है कि दोनों नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को सांसद प्रतिनिधियों की सूची दी और दावा किया कि इनमें से कई तो पार्टी के सदस्य ही नहीं हैं। इसके बाद वीडी शर्मा ने केंद्रीय मंत्री से फोन पर बात की। उन्हें विधायकों की शिकायत से अवगत कराया और तीनों नेताओं को आपसी समन्वय बनाने को कहा। शर्मा ने इन नेताओं से यह भी कहा कि जो भी बात कहनी है वह संगठन फोरम पर कहें। मीडिया के बीच जाने की जरूरत नहीं है। पूर्व मंत्री मानवेंद्र सिंह का कहना है कि मुझे प्रदेश अध्यक्ष जी ने बुलाया था। मैंने उनके सामने अपनी पूरी बात रख दी है और कुछ कागज भी उन्हें दिए हैं। गौरतलब है कि वीरेन्द्र खटीक मूलरूप से सागर के रहने वाले हैं। वह पहले सागर लोकसभा से चुनाव लड़ते थे पर सागर लोकसभा के सामान्य सीट बन जाने के बाद से पार्टी उन्हें सुरक्षित सीट छतरपुर-टीकमगढ़ से चुनाव लड़वा रही है। वहीं छतरपुर का मामला अभी पूरी तरह शांत नहीं हुआ था कि टीकमगढ़ के पूर्व विधायक राहुल लोधी और राकेश गिरी ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सांसद महोदय ने सारे प्रतिनिधि गलत नहीं बनाए हैं पर कुछ ऐसे लोगों को प्रतिनिधि बना दिया है जो भाजपा में ही नहीं हैं और जिन्होंने विधानसभा चुनाव में पार्टी के खिलाफ काम किया है। हम उनसे मिलकर इन लोगों को पद से हटाने की मांग करेंगे। प्रदेश अध्यक्ष भाजपा वीडी शर्मा का कहना है कि जब कभी संगठन स्तर पर इस तरह की बात होती है तो नेता हों या कार्यकर्ता उनको बुलाकर चर्चा की जाती है। दोनों नेताओं से बात की गई है। वीरेन्द्र जी से भी बात की है। नेताओं के बीच कोई मतभेद नहीं है। कुछ छोटी मोटी बातें थी। जिनका समाधान हो गया है। अब किसी को कोई समस्या नहीं है।