डॉ. मोहन के एक्शन का… मुरीद हुआ संघ

मप्र सरकार की नीतियों का दूसरे राज्यों में भी होगा क्रियान्वयन.

मुख्यमंत्री की कुर्सी संभालने के बाद सीएम डॉ. मोहन यादव एक्शन में नजर आ रहे हैं। अपने नौ माह के शासनकाल में मुख्यमंत्री ने जिस तरह सुशासन के लिए प्रयास किए है उसकी सर्वत्र सराहना हो रही है। वहीं प्रदेश में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए जिस तरह औद्योगिक विस्तार खासकर रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए जा रहे हैं उससे राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ काफी प्रभावित है। सूत्रों का कहना है कि अब संघ ने मप्र सरकार के एक्शन और नीतियों का आकलन करने में जुटा हुआ है। इसके पीछे संघ की मंशा है कि मप्र सरकार की नीतियों का दूसरे राज्यों में भी क्रियान्वित की जाए।
गौरतलब है कि 2023 में भाजपा ने तीन राज्यों में अपने नई पीढ़ी को सत्ता संभालने की जिम्मेदारी दी, जिसकी सबसे पहली अग्निपरीक्षा लोकसभा चुनाव थी। इस चुनावी परीक्षा में मोहन यादव डिस्टिंग्सन के साथ पास हुए हैं। इससे सबसे अधिक संघ प्रभावित हुआ है। दरअसल सत्ता संभालने के बाद मोहन यादव ने अब तक जिस अंदाज में काम किया उससे यह साफ था कि वह भाजपा और संघ के विजन पर काम कर रहे हैं। मोहन सरकार के अब तक फैसलों को देखा जाए तो भाजपा की कोर लाइन हिंदुत्व से लेकर ब्यूरोक्रेसी, ट्राइबल, ओबीसी और गरीब वर्ग पर सरकार का सबसे ज्यादा फोकस हैं। मोहन यादव खुद संघ से जुड़े हैं, ऐसे में हिंदुत्व उनके भी एजेंडे में रहा है। जबकि कलेक्टरों को हटाने से लेकर अधिकारियों को सख्त हिदायत देने के मामले में वह ब्यूरोक्रेसी को भी साफ संकेत दे चुके हैं कि निजाम अब बदल चुका है।
सरकार के कामकाज की समीक्षा
गौरतलब है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ इन दिनों युवाओं के लिए स्वरोजगार और स्वावलंबन जैसे विषयों पर बेहद गंभीर है। मोहन सरकार के नौ महीने का कार्यकाल पूरा होने के बाद संघ ने इसका रोडमैप तैयार करने पर गतदिवस बातचीत की। विधानसभा और लोकसभा चुनाव में भारी-भरकम जीत के बाद संघ और सरकार के बीच हुई पहली समन्वय बैठक में सुरक्षा से जुड़े मुद्दे लव जिहाद, आतंकवाद और कानून व्यवस्था के साथ पाठ्यक्रम में बदलाव, नई शिक्षा नीति में प्रगति, मदरसों में व्याप्त भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर भी चर्चा कर अलग-अलग समूह गठित किए गए हैं।
ये समूह अगली बैठक में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेंगे। इस समन्वय बैठक में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के क्षेत्र प्रचारक स्वपनिल कुलकर्णी और राष्ट्रीय सह संपर्क प्रमुख दीपक विस्पुते, मध्य क्षेत्र से यशवंत इंदापुरकर, सहित सरकार की ओर से मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव, उपमुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, राजेंद्र शुक्ल और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा, राष्ट्रीय सह संगठन मंत्री शिवप्रकाश, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, संगठन महामंत्री हितानंद, सह प्रदेश प्रभारी सतीश उपाध्याय सहित कई बड़े नेता इस बैठक में मौजूद थे। सूत्रों के मुताबिक संघ और सरकार के बीच हुई इस हाईलेवल बैठक में कई मुद्दों पर चर्चा हुई, जिसमें सुरक्षा से जुड़े मुद्दे पर भी चिंता की गई। खासतौर से लब जिहाद, आतंकवाद और आंतरिक सुरक्षा जैसे विषय पर चर्चा की गई। कई जिलों में दंगे जैसे हालात बनने के दौरान प्रशासन की कार्रवाई पर भी चर्चा की गई।
स्वावलंबन और स्वरोजगार पर फोकस
सूत्रों का कहना है कि सत्ता, संगठन और संघ की समन्वय बैठक में स्वावलंबन और स्वरोजगार के मुद्दे पर संघ ने सुझाव दिया कि अधिक से अधिक स्वरोजगार के अवसर तैयार कर युवाओं को इसके ( लिए प्रशिक्षित किया जाना चाहिए। इसके लिए विभागीय मंत्री, संघ के आनुषांगिक संगठन के प्रतिनिधि के साथ एक समूह का गठन कर अगले चार वर्ष के लिए एक रोडमैप तैयार किया जाए। स्वदेशी जागरण मंच की अगुआई में संघ परिवार द्वारा चलाए जा रहे महत्वाकांक्षी स्वावलंबी भारत अभियान की प्रगति पर भी चिंता व्यक्त की गई। अन्य राज्य में अब तक लाखों युवाओं को इससे जोड़ा जा चुका है। उन्हें अभियान के तहत स्वरोजगार लिए प्रशिक्षित किया गया है। इसी तरह भारतीय मजदूर संघ, विद्यार्थी परिषद, लघु उद्योग भारती, ग्राहक पंचांयत, सेवा भारती, भारतीय किसान संघ समेत 11 आनुषांगिक संगठनों की अलग- अलग समस्या और मुद्दों पर भी सरकार के साथ साझा रणनीति तय की गई।
जनता ही असली शासक
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मप्र ने पिछले नौ माहों के सुशासन के प्रयासों से यह जाहिर कर दिया है कि प्रदेश की जनता ही असली शासक है। इसका प्रमाण इससे मिलता है कि अगर किसी अफसर ने आमजन के सामने अपनी अफसरी दिखाने की कोशिश की तो उसे कुर्सी से उतारने में तनिक भी देरी नहीं की गई। वहीं माफिया, अपराधी ने अगर कानून-व्यवस्था तोडऩे की कोशिश की तो सरकारी बुल्डोजर ने इसका जवाब दिया। ऐसे में प्रदेश की करीब साढ़े आठ करोड़ जनता को इस बात का अहसास हो रहा है जैसे प्रदेश में उसी का शासन चल रहा है। संवेदनशील मुखिया का ऐसा भरोसा जनता में भी नई आशा को जगाता है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का स्वभाव ऐसा है कि वह जनता की समस्याओं के प्रति हर पल बेहद संवेदनशील रहते हैं। जनता की सेवा के लिए वह देर रात में भी औचक निरीक्षण करने से भी परहेज नहीं करते। जनता को किसी भी तरह का कष्ट न हो, इसके लिए उनकी मुस्तैदी देखते ही बनती है। वह खुद गरीबी में पले हैं और जनता के कष्टों को अपना कष्ट समझते हैं। साथ ही उनकी संवेदना इसमें जुड़ जाती है। साथ ही सामाजिक सहभागिता के अवसर भी जुटाते हैं। कुल मिलाकर मोहन सरकार ने अपने एक माह के कार्यकाल में कई साहसिक फैसलों के द्वारा जनता के दिल में विशेष छाप छोडऩे में सफलता पाई है। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के लिये सरकार ने प्रतिबद्धता जाहिर की है। सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास तथा सबका प्रयास का नारा वंचितों के जीवन में सुधार लाने के उद्देश्य से नीतियों की आधारशिला बन गया है। जरूरतमंदों को बुनियादी सुविधाएं प्रदान कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायता दी जा रही है। मोहन यादव ने उच्च शिक्षा में गुणवत्ता के उद्देश्य से हर जिले में प्रधानमंत्री एक्सीलेंस कॉलेज खोलने का निर्णय भी लिया है। यही नहीं, सरकार उच्च शिक्षा में प्रदेश के सभी सरकारी और निजी विश्वविद्यालय में डिजी लॉकर सिस्टम लाकर छात्र-छात्राओं की समस्याओं के निवारण हेतु गंभीर दिखी है।