नशे के कारोबार पर भडक़े कैलाश विजयवर्गीय

अब दिन रात सक्रियता दिखा रही पुलिस.

भोपाल/मंगल भारत। वैसे तो प्रदेशभर में इन दिनों नशे का अवैध कारोबार जोरों पर है, लेकिन प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में नशे के बढ़ते कारोबार से अब आमजन भी परेशान है। यही वजह है कि हाल ही में जब महिलाओंं ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पास शिकायत पहुंचायी तो वे पुलिस पर जमकर भडक़ गए। विजयवर्गीय भडक़े तो पुलिस की भी नींद टूटी और अब पुलिस नशे के कारोबारियों पर दिन रात कार्रवाई करती हुई नजर आने लगी है। इस दौरान कई ड्रग पेडलर और नशेडिय़ों को हवालात में डाला जा चुका है।
दरअसल, नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बीते शनिवार को इंदौर पुलिस को दो टूक शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा था कि तीन दिन के अंदर उनकी विधानसभा क्षेत्र से नशे का कारोबार खत्म नहीं हुआ, तो फिर पुलिस अधिकारियों की खैर नहीं। नतीजतन विजयवर्गीय के गुस्से के कारण इंदौर पुलिस की सुस्ती दूर हो गई है। काश पुलिस इसी तरह की सक्रियता पहले ही दिखाती तो विजयवर्गीय को गुस्सा नहीं दिखानी पड़ती।
लोगों ने जताई थी नाराजगी
इंदौर की एक नंबर विधानसभा क्षेत्र में नशाखोरी, ब्राउन शुगर और चरस आदि की बिक्री के कारण स्थिति यह हो गई है कि महिलाओं और बच्चियों के साथ छेड़छाड़ होने से उनका रास्तों से गुजरना मुश्किल हो चुका है. विजयवर्गीय ने अपनी विधानसभा क्षेत्र में सदस्यता अभियान के दौरान इस मामले को लेकर स्थानीय लोगों की नाराजगी का सामना किया, तो वे इस मामले में अपने आप को भी नहीं रोक पाए. उन्होंने स्वीकार किया कि उनके क्षेत्र में व्याप्त नशाखोरी चरम पर है। लिहाजा उन्होंने भागीरथपुरा पुलिस चौकी पर आयोजित कार्यक्रम में ही पुलिस अधिकारियों को खुले शब्दों में चेतावनी देते हुए कहा था कि तीन दिन में यहां से नशे का कारोबार खत्म नहीं हुआ, तो पुलिस के खिलाफ चौथा दिन उनका होगा।
पूरा अमला सडक़ों पर उतरा
यह पहला मौका है, जब एक-एक इलाकों में 5-5 थाना प्रभारी की टीम ड्रग तस्करों और नशा करने वालों के खिलाफ सघन चेकिंग अभियान चल रही है। पुलिस ने पहली बार नशा करने वालों के क्षेत्र की मैपिंग की है, इसके बाद ऐसे लोगों का चिन्हित किया गया है, जो नशे के सौदागर हैं। वही मैपिंग के अनुसार पुलिस अधिकारियों का एक दल गठित किया गया है। जो एक साथ पांच-पांच थाना प्रभारी के साथ ऑपरेशन चला रहा है। जिसमें घर-घर जाकर दबिश दी जा रही है। गांजा, ब्राउन शुगर के साथ हथियार मिलने पर आर्म एक्ट की कार्रवाई की जा रही है। वहीं नशे करते पाए जाने पर प्रकरण बनाए जा रहे हैं।
नशा कारोबारियों की उड़ी नींद
नतीजन मंत्री विजयवर्गीय के गुस्से का असर ऐसा हुआ कि पुलिस दिन-रात नशा के खिलाफ अभियान चला रही है। वहीं पुलिस के ताबड़तोड़ एक्शन के चलते नशा करने वालों की भी नींद उड़ गई। आलम यह है कि नशाखोर और नशे के सौदागर पुलिस से बचने के लिए नदी नालों में भी कूदने से परहेज नहीं कर रहे हैं। वहीं पुलिस नशा करके सडक़ों से गुजरने वाले लोगों को गिरफ्तार कर उनके वाहन भी जब्त कर रही है। प्रदेश के किसी विधानसभा क्षेत्र में यह पहला मौका है। जब नशाखोरों के अलावा नशे के धंधे से जुड़े लोग और खुद नशेड़ी रातों-रात इंदौर से पलायन कर चुके हैं।