गुजरात पुलिस ने कसा शराब माफिया रमेश चंद्र राय पर शिकंजा

राजनैतिक व प्रशासनिक रसूख के चलते इंदौर में रहता था सफेदपोश बनकर .

इंदौर के जिस शख्स की शोहरत शराब और भू माफिया के रुप में हैं , लेकिन वही माफिया अपने राजनैतिक और प्रशासनिक रसूख की वजह से सफदपोश बनकर रह रहा था, लेकिन गुजरात पुलिस ने उसकी पूरी पोल खोलकर रख दी है। हाल ही में गुजरात की पुलिस इंदौर आयी और उसे चुपचाप उठाकर ले गई। दरअसल, वह इंदौर में बैठकर गुजरात में अवैध रुप से शराब का बड़ा कारोबार कर रहा था। इसकी वजह से गुजरात में शराबबंदी लगातार फैल हो रही थी। उसकी गिरफ्तारी की गूंज अब भोपाल तक में सुनाई देने लगी है। शराब तस्करी मामले में गुजरात पुलिस ने लम्बे समय बाद प्रदेश के नामी शराब कारोबारी और भूमाफिया रमेश चन्द्र रॉय को गिरफ्तार किया है। उस पर आयकर चोरी, सरकारी निर्माणों के ठेकों में गड़बड़ी पर ईओडब्ल्यू की जांच जैसे कई मामले प्रचलित हैं। कथित गैंगस्टरों से संबंधों के नाम पर दादागिरी और शराब ठेकों के नाम पुत्र व बहु सहित खुद पर कई प्रकरण दर्ज हैं।
सूत्रों का कहना है कि रमेश चंद्र राय पर गुजरात में शराब तस्करी के मामले वर्षों से पुलिस रिकार्ड में दर्ज थे। अब तक मध्य प्रदेश में अपनी तगड़ी पकड़ के चलते बचते आए परंतु गुजरात पुलिस प्रशासन पर बढ़ते दबाव के चलते उक्त कार्रवाई की गई है। गौरतलब है कि गुजरात में शराब पूर्ण रूप से प्रतिबंधित है और वर्षों से गुजरात में मध्यप्रदेश के शराब ठेकेदार मोटा मुनाफा कमाने के चक्कर में गुजरात सीमा से लगे मध्यप्रदेश के जिलों में ठेकों के नाम पर शराब की तस्करी करते आ रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक प्रतिदिन मध्यप्रदेश के धार, इंदौर, खरगोन, बड़वानी से लेकर झाबुआ, अलीराजपुर आदि जिलों से करोड़ों रुपए की अवैध शराब गुजरात भेजी जाती है। जिससे शराब ठेकेदार प्रतिदिन लाखों करोड़ों की काली कमाई करते हैं। सूत्रों का कहना है कि इस पूरे खेल में आबकारी विभाग सहित पुलिस प्रशासन का भी पूरा -पूरा सहयोग रहता है।
जमीनों की सौदेबाजी भी
सूत्रों का कहना है कि मक्सी में बियर फैक्ट्री के मालिक रमेश चंद्र राय झांसी में 500 एकड़ की कॉलोनी भी काट रहे हैं। झांसी, सतना और ग्वालियर में भी कई अन्य प्रकरण इन पर दर्ज है। रॉय की यूपी के बड़े माफियाओं और गैंगस्टर से संबंधों की बात भी सामने आई है। इन पर इनकम टैक्स और ई.ओ.डब्ल्यू की जांच भी चल रही है। बताया जाता है कि वर्ष 2019 और 20 में इंदौर और झाबुआ क्षेत्र में इनकी लाइसेंस शराब दुकानों का करोड़ों रुपया बाकी चल रहा है। फिलहाल उनके नाम पर महाकाल वाइन शॉप का ठेका धार में है।
प्रदेश में भी कई मामलों का दोषी रॉय
सूत्रों का कहना है कि रमेश चंद्र राय पर पूर्व में भी मध्य प्रदेश में ही कई मामले पुलिस में दर्ज हुए और अपनी कार्यशैली को लेकर ये खासे बदनाम रहे हैं। बताया जाता है कि रमेश चंद्र राय की अपने पार्टनर ठेकेदारों से ही अनबन बनी रहती है। जिसके चलते इनकी गिरफ्तारी के बाद शराब कारोबारियों में हडक़ंप मचा हुआ है।
झांसी से इंदौर आकर बन गया बड़ा शराब माफिया
रमेशचंद्र राय मूलत: झांसी का रहने वाला था। वह झांसी से इंदौर आकर शराब के धंधे में ऐसा कूदा कि कम समय में ही नाम कमा लिया। 2019 में जब शराब कारोबारियों का सिंडिकेट बना, तब करीब 42 प्रतिशत शेयर के साथ उसका मुखिया बन बैठा। शहर के जितने भी प्रमुख ब्लैकर हैं ,उनका इन्वेस्टमेंट रमेश चंद्र राय ने शराब के धंधे में कर रखा था। 2019 में विजय नगर थाना क्षेत्र में हुए सिंडिकेट गोलीकांड में भी रमेश चंद्र राय की भूमिका को लेकर पुलिस ने गोपनीय जांच की थी।
कपड़ा कारोबारी से बना शराब माफिया
जानकारी के मुताबिक मध्य प्रदेश के बड़े शराब कारोबारी में शुमार होने वाले रमेश चंद्र रॉय की शुरुआत कपड़ों के छोटे व्यवसाय से हुई थी। फिर इन्होंने प्रॉपर्टी के काम में हाथ डाला और वहीं से शराब ठेकेदारी भी शुरू की। ये सरकारी निर्माण ठेकों में भी संलग्न हैं। जानकारी के अनुसार झांसी विकास प्राधिकरण में एक करोड़ से अधिक रुपए की बकाया राशि के चलते इन्हें एक बार हवालात भी भेजा जा चुका है। इंदौर सहित अन्य जिलों में खासकर गुजरात से सटे जिलो में शराब के मामले में उनकी हुकूमत चलती है, झाबुआ में उनके बेटे मनीष राय के नाम से भी कई शराब दुकान थी, जिसमें शासकीय ड्यूटी न भरने के चलते मनीष को डिफाल्टर घोषित किया गया था और वारंट भी जारी हुए थे।