विंध्य में उद्योगों के लिए पहले से की जा रही जमीन की व्यवस्था

भोपाल/मंगल भारत। उज्जैन, ग्वालियर, जबलपुर और सागर


में हो चुकी रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के अच्छे परिणाम आने के बाद अब मोहन सरकार विंध्य में इसी माह होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव को लेकर बेहद उत्साहित है। यही वजह है कि अब रीवा में पांचवीं रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। इसके पहले ही प्रदेश सरकार इस अंचल में 5000 हेक्टेयर का भूमि बैंक तैयार करा रही है, जिससे उद्योगों के लिए जमीन का कोई संकट नहीं रहे। 23 अक्टूबर को विंध्य क्षेत्र के रीवा में होने वाले इस आयोजन की तैयारियां तेजी से जारी हैं। माना जा रहा है कि इस अंचल में खासतौर पर वनौषधि, सीमेंट, कृषि और खनिज आधारित उद्योगों के लिए निवेश आ सकता है। इस आयोजन की सफलता की तैयारियों को जिम्मा सरकार ने उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला को सौंपी है। शुक्ल का कहना है कि विंध्य में प्राकृतिक संसाधन भरपूर हैं। अधोसंरचना का भी तेजी से विकास हुआ है। विंध्य में औद्योगिक विकास की प्रबल संभावनाएं हैं। कॉन्क्लेव से इस क्षेत्र के विकास को गति मिलेगी। रीवा और शहडोल संभाग के सभी जिलों में उद्योगों की स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन, पानी की उपलब्धता और पर्याप्त संख्या में श्रमिक उपलब्ध हैं। वनों में हजारों औषधीय पौधे उपलब्ध हैं। वनोपज संग्रहण समितियों के माध्यम से इनका संग्रहण किया जा रहा है। बाणसागर बांध का निर्माण पूरा होने तथा संभाग भर में नहरों से सिंचाई की सुविधा मिलने से कृषि में तेजी से विकास हुआ है। कृषि आधारित उद्योगों की अपार संभावना है। औषधीय पौधों की खेती और उद्यानिकी फसलों की भी काफी संभावनाएं हैं।
निवेश आमंत्रित करने हैदराबाद जाएंगे सीएम
प्रदेश में निवेश आमंत्रित करने के सिलसिले में अब सरकार तेलंगाना को राजधानी हैदराबाद जाएगी। यहां इन्वेस्ट एमपी रोड शो और इंटरेक्टिव सेशन का आयोजन होगा। सीएम डॉ. मोहन यादव तेलंगाना और आंध्रप्रदेश के उद्योगपतियों से वन-टू-वन चर्चा कर मप्र में निवेश और फरवरी में भोपाल में होने वाली ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में भागीदारी के लिए आमंत्रण देंगे। हैदराबाद शहर सूचना प्रौद्योगिकी का गढ़ है, इसलिए आइटी पर फोकस रहेगा। यहां प्राकृतिक मोती उद्योग, फार्मास्युटिकल, इलेक्ट्रॉनिक्स और बायोटेक्नोलोजी उद्योग भी बड़ी संख्या में हैं।
पर्याप्त व्यावसायिक बुनियादी ढांचा
– 115 से अधिक औद्योगिक क्षेत्रों में 30,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि।
– 112 विकसित या विकासशील औद्योगिक क्षेत्र और 14 ग्रीनफील्ड स्थल।
– 5 वाणिज्यिक हवाई अड्डे और 26 हवाई पट्टियां।
– 3 लाख किलोमीटर से अधिक विस्तृत सडक़ नेटवर्क।
– व्यापक उत्तर-दक्षिण और पूर्व-पश्चिम रेल संपर्क।
पांच नए औद्योगिक क्षेत्र
संभागायुक्त बीएस जामोद के अनुसार कॉन्क्लेव के लिए तैयारी जारी है। सभी जिलों में औद्योगिक विकास केंद्रों के निर्माण के लिए लगभग एक हजार हेक्टेयर जमीन सुरक्षित कर ली गई है। औद्योगिक विकास के लिए पांच हजार हेक्टेयर जमीन का भूमि बैंक बनाया जा रहा है। संभाग में पांच नए औद्योगिक केंद्र विकसित किए जा रहे हैं।