मध्यप्रदेश में अब दिखेगा… सख्त प्रशासन

नए मुख्य सचिव अनुराग जैन ने संभाला पद.

मप्र कैडर के 1989 बैच के आईएएस अफसर अनुराग जैन ने आज सुबह 10 बजे मंत्रालय पहुंचकर पदभार संभाल लिया है। इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री राजेश राजौरा, अपर मुख्य सचिव सामान्य प्रशासन विभाग संजय दुबे, सचिव जीएडी एम सेलवेन्द्रन समेत वरिष्ट अधिकारी मौजूद रहे। उन्होंने मुख्य सचिव को बधाई दी। जैन आज सुबह ही दिल्ली से भोपाल पहुंचे। राजाभोज हवाई अड्डे पर संभागायुक्त, भोपाल कलेक्टर समेत मंत्रालय के अफसरों ने उनकी अगवानी की। मुख्य सचिव का कार्यभार संभालने के बाद जैन ने तत्काल सभी विभागों के अधिकारियों की बैठक ली। इसके साथ ही उन्होंने अफसरों को संदेश भी दे दिया कि अब मप्र में सख्त प्रशासन देखने को मिलेगा।
गौरतलब है कि अनुराग जैन की पहचान कुशल प्रशासक और बड़े योजनाकार के रूप में होती है। मप्र के लोक सेवा गारंटी कानून और केंद्र की जन धन योजना को आकार देकर उन्होंने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। वहीं अपने सख्त फैसलों के कारण वे शुरू से ही चर्चा का केंद्र बिंदु रहे हैं। अपनी करीब 35 साल लंबी सेवा में जैन ने जिन भी विभागों या मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाली, उसे नई ऊंचाई तक पहुंचाया है।
राजधानी की बदल दी तस्वीर
नए मुख्य सचिव अनुराग जैन जहां भी पदस्थ रहे हैं वहां उन्होंने अपनी छाप छोड़ी है। 2001 से 2004 तक जैन भोपाल कलेक्टर रहे। तब उनके द्वारा किए गए बड़े फैसलों का लाभ शहर को आज मिल रहा है। अब नई जिम्मेदारी में शहर फिर से पुरानी सख्ती की उम्मीद कर रहा है। बिजली कंपनी के रिटायर्ड चीफ इंजीनियर एमएस अत्रे बताते हैं, जब में डीजीएम के पद पर था। धार्मिक त्योहारों के बाद पूरा विसर्जन बड़ा तालाब में होता था, कोई रोक टोक नहीं थी। उस समय तत्कालीन कलेक्टर जैन ने सख्त निर्णय लिया और तालाब की बजाए अलग विसर्जन घाट बनाए। इससे बड़े तालाब को काफी लाभ हुआ। 2001 में ईदगाह हिल्स की 650 एकड़ जमीन को सरकारी खाते में दर्ज किया था। ये मर्जर मामला था, जिस पर ये कवायद की गई। इसे लेकर कई तरह की बातें हुई। ईदगाह हिल्स के साथ जिले के 13 अन्य गांवों की कुल 2800 एकड़ जमीन को सरकारी दर्ज किया था। पहली बार महसूस हुआ कि सरकारी जमीन पर निर्माण करना कितना खतरनाक साबित हो सकता है। भोपाल के रिटायर्ड प्रशासनिक अधिकारी सुरेश वर्मा का कहना है कि भोपाल जिले में बैरसिया और हुजूर तहसील थी। पूरा शहर इनमें ही बंटा था और लोगों को अपने काम कराने इतने में लंबी कागजी प्रक्रिया करना पड़ती थी। जैन ने कलेक्टर रहते हुए नजूल में एसडीएम स्तर के अफसर को तय कर लोगों को जल्द काम कराने का प्रस्ताव दिया। धीरे-धीरे बड़ी तहसीलों को आरआई एरिया आधारित नजूल बनाकर एसडीएम नियुक्त किया। अभी आठ नजूल क्षेत्र है।
अवैध कब्जों पर चलवाया बुल्डोजर
भोपाल कलेक्टर रहते अनुराग जैन ने राजधानी की खुबसूरती पद दाग लगाने वाले अतिक्रमणों पर लगातार कार्रवाई की। जैन शहर की एक बड़ी कॉलोनी में बने बड़े शॉपिंग मॉल के अवैध हिस्से को जमींदोज करने के लिए भी जाने जाते हैं। लोगों ने मॉल को अपनी आंखों से ढहाते हुए दृश्य देखा है। शहर में गुमठी आज बड़ी समस्या है, लेकिन ये इससे भी बड़ी होती, यदि जैन 2002 में रोड किनारे विकसित बाजारों को हटाकर हॉकर्स कॉर्नर व इसी तरह से विस्थापन शुरू न कराते। तत्कालीन कांग्रेस सरकार में तमाम विरोध के बावजूद उन्होंने रोड साइड से गुमठियों की परिपाटी बिल्कुल बंद की, झुग्गियों को विस्थापित करने योजना बनाकर एजेंसियों से काम कराना शुरू किया।
बड़े योजनाकार
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कार्यकाल में लाए गए लोक सेवा गारंटी कानून की बात हो या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सराही गई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जन धन योजना, इनका श्रेय अनुराग जैन को ही जाता है। फिर पीएम गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के लिए अनुराग जैन को अप्रैल 2023 में एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवॉर्ड भी मिल चुका है। इन उपलब्धियों की वजह से अनुराग जैन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विश्वस्त माना जाता है। अनुराग जैन की पहली पोस्टिंग जून 1990 में असिस्टेंट कलेक्टर के तौर पर सागर में हुई। फिर खुरई, कांकेर (अब छत्तीसगढ़), छिंदवाड़ा, दुर्ग (अब छत्तीसगढ़) में विभिन्न भूमिकाओं का निर्वाहन किया। जुलाई 1997 में उन्हें पहली बार कलेक्टर के तौर पर मंडला का चार्ज मिला। फिर मंदसौर और भोपाल में भी कलेक्टर रहे। जब सितंबर 2005 में उन्हें मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सचिव बनाया तो यह जैन के लिए गेमचेंजर साबित हुआ। यहां उन्होंने लोक सेवा गारंटी कानून को अमलीजामा पहनाया, जिसे मप्र की देखादेखी करीब-करीब 15 से अधिक राज्यों में जस का तस लागू किया गया है। आईटी एंड टेक्नोलॉजी विभाग में प्रमुख सचिव रहते हुए उन्होंने निविदाओं के लिए ई-टेंडरिंग को लागू किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फ्लैगशिप योजना पीएम जन धन योजना का श्रेय भी काफी हद तक जैन की झोली में ही आता है। फिर जब उन्हें डिपार्टमेंट फॉर प्रमोशन ऑफ इंडस्ट्री एंड इंटरनल ट्रेड में सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई तो उन्होंने पीएम गति शक्ति का नेशनल मास्टर प्लान बनाया। इसके लिए 2023 में जैन को एक्सीलेंस इन पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन के क्षेत्र में पीएम अवॉर्ड से नवाजा गया है। इसके बाद उन्हें अप्रैल 2023 से सडक़ परिवहन एवं राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय में सचिव पद की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।