भोपाल/मंगल भारत। प्रदेश में समय के साथ -साथ सिंचाई
की निर्भरता तालाबों और नहरों पर बढ़ी है, इस बीच सरकार ने अब किसानों को खेती के लिए पानी उपलब्ध कराने के लिए सरकारी नलकूप भी ठेके पर देने का निर्णय किया है। यह नलकूप दस साल के लिए ठेके पर दिए जाएंगे। ऐसा प्रदेश में पहली बार होने जा रहा है। लीज पर दिए जाने वाले नलकूप से सरकार को हर वर्ष 1500 से 3000 हजार रुपए की राशि मिलेगी। पायलट प्रोजेक्ट के रूप में यह काम नर्मदापुरम जिले में शुरू किया जा रहा है। मप्र सरकार प्रदेश में करीब 40 लाख हेक्टेयर में किसानों को सिंचाई की सुविधा मुहैया कराती है। किसानों को खेती करने सिंचाई के लिए बांध- नहर, नदियों और बावडिय़ों तथा कुओं से पानी मिलता है। साथ ही पॉवर प्रोजेक्ट, उद्योगों को भी पानी मुहैया कराने के एवज में सरकार जल कर की राशि वसूलती है। अभी तक सरकारी नलकूप का उपयोग पीने के पानी के लिए किया जाता रहा है। लेकिन अब 7.5 एचपी पंप से लेकर 18 एचपी पंप लगाने के लिए नलकूप भी दिए जाएंगे। इसके लिए नलकूप का उपयोग करने वाले किसानों, व्यावसायिक संस्थानों को नलकूप लीज पर लेने के लिए प्रतिभूति के रूप में 20 साल के लिए 7500 रुपए से लेकर 20 हजार रुपए तक की राशि जमा करनी होगी, जो लीज अवधि समाप्त होने पर वापस की जाएगी। सरकारी नलकूप लीज पर लेने के लिए बोली लगानी होगी और इसका प्रपत्र 100 रुपए जमा करने पर उपलब्ध हो सकेगा। यह काम प्रदेश में जल संसाधन विभाग द्वारा प्रारंभ किया जा रहा है। यानि सरकार अब हर प्रकार के टैक्स वसूलने की तैयारी में जुट गई है। वैसे जल कर के रूप में सरकार को करीब 400 करोड़ से ज्यादा की आय हर साल होती है। दरअसल , सरकार ने यह निर्णरू अपनी आय बढ़ाने के लिए है।
लीज पर देने टेंडर जारी किया
जल संसाधन विभाग ने नलकूप दस साल के लिए लीज पर देने टेंडर जारी कर दिया है। नर्मदापुरम के ग्राम गुजरखेड़ी, रेसलपुर, कन्हवार, गढ़ाघाट, खमरिया, बकाज, महुआखेड़ा, खपरिया किशोर, महाराजागंज, कोडपरडई, हनोतिया, बांसखेडा, जोगीवाड़ा, जुनहेटा, खापरखेड़ा, झालौन-2, पचलावरा, घपाडा, कपूरी, चदौन, पांजरा, मालनवाड़ा, रहटवाड़ा, राईखेड़ी, पंजरा, शोभापुर, मेदाखेड़ा, रामपुर, बुधनी, हथवास, दरिगा, झालोन, माछा, काजलखेड़ी आदि 51 गांवों में स्थित सरकारी नलकूप लीज पर देने टेंडर जारी किया है। निविदा फार्म 14 अक्टूबर तक उपलब्ध रहेगा और 15 अक्टूबर को निविदा डाली जा सकेगी। यह टेंडर जल संसाधन विभाग के बेवसाइट पर भी उपलब्ध है।
जमीन, भवन ही लीज पर देने का प्रावधान
मप्र में उद्योगों को 99 साल के लिए भूमि लीज पर दिए जाने का प्रावधान है। पहले यह 30 साल के लिए लागू था। बाद में सरकार ने इसकी अवधि बढ़ा दी। फिर सरकारी भवन संपत्तियों को भी लीज पर दिए जाने लगा। अब सरकार शासकीय नलकूप को लीज पर देने जा रही है। कुंए एवं नलकूप मध्य प्रदेश में सिंचाई के अब भी प्रमुख स्रोत है और कुल सिंचित क्षेत्र के 66.42 प्रतिशत में इसका उपयोग किया जाता है।