मप्र में लागू होगा किसान कल्याण मिशन

एक जनवरी से मिशन मोड में काम करेगी मोहन सरकार

भोपाल/मंगल भारत.
मप्र में सरकार का फोकस खेती-किसानी को लाभ का धंधा बनाने पर है। इसके लिए सरकार लगातार खेती-किसानी को बढ़ावा दे रही है। अब इस दिशा में मप्र सरकार मिशन मोड में काम करने जा रही है। इसके लिए 1 जनवरी से मप्र में किसान कल्याण मिशन लागू किया जाएगा। ताकि खेती को लाभ का धंधा बनाया जा सके।
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के संकल्प को पूरा करने वाला मप्र पहला राज्य होगा। यहां एक जनवरी से चार नए मिशन प्रारंभ किए जाएंगे। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार युवा, नारी, किसान और गरीब वर्ग के आर्थिक सशक्तीकरण के लिए मिशन मोड में काम करेगी। खेती को लाभ का धंधा बनाने के लिए किसान कल्याण मिशन संचालित किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने जिन चार जातियों (युवा, नारी, किसान और गरीब) पर फोकस किया था, उस पर आधारित चार मिशन प्रदेश में एक नवंबर से लागू करने की घोषणा मुख्यमंत्री डा. यादव ने 15 अगस्त को थी, पर आवश्यक तैयारियां नहीं हो पाईं। अब सरकार ने तय किया है कि एक जनवरी 2025 से इन्हें लागू किया जाएगा।
दोगुना किया जाएगा बजट
मुख्यमंत्री ने चारों मिशन को लेकर कहा कि प्रधानमंत्री ने युवाओं, नारी, किसानों और गरीबों के अभावग्रस्त जीवन के आर्थिक उन्नयन के साथ उनमें आत्मविश्वास भरने और उनके जीवन को बेहतर बनाने का संकल्प लिया है। इन्हें पूरा करने की पहले करना वाला मप्र पहला राज्य है। सरकार इन वर्गों के आर्थिक विकास के लिए एक जनवरी 2025 से युवा शक्ति, गरीब कल्याण, किसान कल्याण और नारी सशक्तीकरण मिशन प्रारंभ करने जा रही है। प्रदेश का बजट अभी साढ़े तीन लाख करोड़ से अधिक है, जिसे अब दोगुना किया जाएगा। प्रदेश को सशक्त बनाने जनता की सहभागिता भी सुनिश्चित की जाएगी। गौरतलब है कि युवा शक्ति मिशन के तहत युवाओं को रोजगार, कौशल विकास और नेतृत्व के अवसर प्रदान कर सशक्त बनाना है। गरीब कल्याण मिशन के तहत गरीब व वंचित वर्गों को सामाजिक सुरक्षा, रोजगार और बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराना है। नारी सशक्तीकरण मिशन के तहत महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के साथ आर्थिक, सामाजिक और शैक्षणिक रूप से सशक्त बनाना है। किसान कल्याण मिशन के तहत किसानों की आय में वृद्धि करने के साथ कृषि को और अधिक लाभकारी व्यवसाय बनाना है।
नदियों का कटाव रोकेगी सरकार
मप्र की नदियों के कटाव को रोकने के लिए राज्य सरकार, केंद्र सरकार से वित्तीय मदद लेगी। मध्य प्रदेश के गृह विभाग ने सभी कलेक्टरों को इस संबंध में निर्देश जारी कर कहा है कि नदियों के कटाव को रोकने के लिए केंद्र सरकार द्वारा बनाई गाइडलाइन का पालन किया जाए। जिला कलेक्टरों से कहा गया है कि वे नदियों के कटाव रोकने की परियोजना बनाए, ताकि केंद्र सरकार के फंड से धनराशि मांगी जा सके। प्रदेश की नदियों के कटाव को रोकने के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अधीन निर्मित राष्ट्रीय आपदा शमन कोष यानी नेशनल डिजास्टर मिटिगेशन फंड से धन राशि दी जाएगी। इसके अलावा मप्र जल संसाधन विभाग ने भी अपने सभी मैदानी मुख्य अभियंताओं से कहां है कि वे कटाव रोकने की परियोजना बनाने में कलेक्टरों को सहयोग करें। केंद्र की गाइड लाइन में बताया गया है कि नदियों का कटाव रोकने के लिए दो स्तर पर कार्रवाई की जा सकती है। पहला उपाय नदी किनारों पर कांक्रीट दीवार आदि बनाई जाती है और दूसरा उपाय के तहत नदी किनारों पर पौधारोपण आदि किया जाता है। राज्य सरकार पौधारोपण पर अधिक जोर दे रही है।