कानपुर में भी कोलकाता जैसा कांड: नर्सिंग छात्रा को अस्पताल में बंधक बनाकर दुष्कर्म

कानपुर में भी कोलकाता जैसा कांड: नर्सिंग छात्रा को अस्पताल में बंधक बनाकर दुष्कर्म.

कोलकाता दुष्कर्म कांड जैसा शर्मनाक मामला कानपुर में भी सामने आया है। कल्याणपुर स्थित एक निजी अस्पताल के संचालक ने नाइट शिफ्ट में ट्रेनिंग पर गई नर्सिंग छात्रा से दुष्कर्म किया। विरोध पर जान से मारने की धमकी दी। सोमवार सुबह थाने पहुंची नर्सिंग छात्रा ने संचालक के खिलाफ तहरीर दी। देर रात पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर आरोपी संचालक को गिरफ्तार कर छात्रा को मेडिकल के लिए भेज दिया। सचेंडी थाना क्षेत्र की 22 वर्षीय युवती एक नर्सिंग कॉलेज में जेएनएम सेकेंड ईयर की पढ़ाई कर रही है। पिछले कुछ दिनों से वह नेपाली मंदिर के पास डबल रोड पर बने एक निजी अस्पताल में ट्रेनिंग कर रही थी। छात्रा ने बताया कि रविवार रात उसकी अस्पताल में नाइट शिफ्ट थी। सुबह चार बजे झपकी आने पर वह अस्पताल के रेस्ट रूम में लेट गई। आरोप है कि इसी बीच शिवराजपुर के सकरेज निवासी अस्पताल संचालक इम्तियाज उर्फ सीटू दबे पांव रेस्ट रूम पहुंचा। इसके बाद रेस्ट रूम का दरवाजा बंद कर उसके साथ छेडखानी की। विरोध पर जान से मारने की धमकी देते हुए उसके मुंह में कॉटन ठूंस कर दुष्कर्म किया। सोमवार सुबह जब अन्य स्टाफ अस्पताल पहुंचा तो युवती ने घटना की जानकारी साथ में काम करने वाली नर्स समेत अन्य स्टॉफ को दी।

न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं: सीजेआई
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि न्यायपालिका की स्वतंत्रता का मतलब हमेशा सरकार के खिलाफ फैसले देना नहीं है। एक कार्यक्रम में सीजेआई चंद्रचूड़ ने कहा कि कुछ प्रेशर ग्रुप हैं जो मीडिया का उपयोग करके अदालतों पर दबाव डालते हैं और अपने अनुकूल फैसले लेने की कोशिश करते हैं। उन्होंने न्यायपालिका की निष्पक्षता और पारदर्शिता को समझाते हुए कहा, परंपरागत रूप से, न्यायिक स्वतंत्रता को कार्यपालिका से स्वतंत्रता के रूप में परिभाषित किया गया था। न्यायपालिका की स्वतंत्रता का अर्थ अब भी सरकार के हस्तक्षेप से स्वतंत्रता है। एक जज की अंतरात्मा कानून और संविधान द्वारा निर्देशित होती है, इसमें कोई शक नहीं। जब फैसला सरकार के खिलाफ आता है और चुनावी बांड योजना रद्द कर दी जाती है तो न्यायपालिका बहुत स्वतंत्र होती है, लेकिन अगर फैसला सरकार के पक्ष में जाता है, तो न्यायपालिका स्वतंत्र नहीं रह जाती… यह मेरी स्वतंत्रता की परिभाषा नहीं है। लेकिन न्यायिक स्वतंत्रता के संदर्भ में यह एकमात्र
चीज नहीं है।

कनाडा में हिंदू मंदिर पर खालिस्तानियों के हमले से नाराजगी, विदेश मंत्री बोले- ये बेहद चिंताजनक
कनाडा में हिंदू मंदिर और हिंदू समुदाय के लोगों पर खालिस्तानियों के हमले की पूरी दुनिया में आलोचना हो रही है। अब विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस हमले को लेकर अपनी प्रतिक्रिया दी है और घटना को बेहद चिंताजनक बताया। कनाडा में हिंदू समुदाय के लोगों पर हमले की यह घटना ऐसे समय हुई है, जब भारत और कनाडा के संबंध पहले ही तनावपूर्ण हैं और इस घटना ने संबंधों में और खटास ला दी है। हालांकि घटना को लेकर कनाडा सरकार दबाव में है और खुद पीएम जस्टिन ट्रूडो ने भी इसकी आलोचना की है। विदेश मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर ने मंगलवार को अपने बयान में कहा कि सोमवार को खालिस्तानी झंडे लिए प्रदर्शनकारियों द्वारा टोरंटो के पास कनाडा के ब्रैम्पटन में हिंदू सभा मंदिर में की गई हिंसा बेहद चिंताजनक है। विदेश मंत्री एस जयशंकर इन दिनों ऑस्ट्रेलिया के आधिकारिक दौरे पर हैं और वहीं से उन्होंने यह बयान दिया। इसके अलावा सोशल मीडिया पर साझा एक पोस्ट में भी विदेश मंत्री ने कनाडा की घटना पर नाराजगी जाहिर की।

सूर्योपासना का चार दिवसीय छठ पर्व नहाय खाय के साथ आज से, घाटों पर की गई व्यवस्था
चार दिन तक चलने वाले छठ पर्व की आज से शुरुआत हो रही है। छठ पर्व से करोड़ों लोगों की आस्था जुड़ी है। हालांकि बिहार, झारखंड और पूर्वी उत्तर प्रदेश में छठ महापर्व प्रमुखता के साथ मनाया जाता है। इस महापर्व में सूर्य देव और छठी मैया की पूजा का विधान है। छठ का व्रत महिलाएं संतान की लंबी उम्र और सुख-समृद्धि के लिए रखती हैं। इस वर्ष यह महापर्व 5 नवंबर से लेकर 7 नवंबर तक मनाया जाएगा। इसकी शुरुआत 5 नवंबर को नहाए-खाए से होती है। शास्त्रों के अनुसार, कार्तिक मास में सूर्य अपनी नीच राशि में होता है, इसलिए सूर्यदेव की विशेष उपासना की जाती है। ताकि स्वास्थ्य की समस्याएं परेशान ना करें। षष्ठी तिथि का सम्बन्ध संतान की आयु से होता है, इसलिए सूर्य देव और षष्ठी की पूजा से संतान प्राप्ति और उसकी आयु रक्षा दोनों हो जाती है। नहाए-खाए छठ महापर्व के पहले दिन की विधि होती है, जिसमें व्रती अपने शरीर और मन को शुद्ध करने के लिए इस प्रक्रिया का पालन करते हैं। यह दिन मुख्यत: शुद्धता और सरल भोजन के लिए होता है।