कलेक्टर और एसपी भी होंगे जिम्मेदार.
मंगल भारत। मनीष द्विवेदी। अगर, आप बिजली का बिल नहीं चुका रहे हैं तो यह नहीं माने की आपसे वूसली नहीं होगी, बल्कि इस मामले में अब बिजली विभाग बेहद सख्त हो गया है। यही वजह है कि उसके द्वारा हर हाल में बिजली बिलों की राशि वसूलने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं। इसके तहत उपभोक्ता से संबंधित सभी तरह की जानकारी जुटाई जा रही है। इसमें उपभोक्ता के परिवार की भी जानकारी शामिल है। इस वसूली में जिला प्रशासन से लेकर पुलिस तक की मदद ली जाएगी। यह बात अलग है कि इससे भी बिजली विभाग का घाटा कम होने वाला नही है। दरअसल जब तक विभाग बिजली चोरी पर अंकुश नहीं लगाता है तब तक उसका घाटा कम होने वाला नही है। जिस तरह से बिल वसूली पर फोकस किया जा रहा है। अगर इसी तरह से बिजली चोरी पर फोकस किया जाए तो बिजली कंपनियों को होने वाले घाटे से मुक्ति मिल सकती है।
दरअसल, इस समय तीनों कंपनियों के उपभोक्ताओं पर 11,560 करोड़ रुपए बकाया हैं। इस पर 3173 करोड़ रुपए का अधिभार भी है। बकाया बिलों की वसूली के लिए अब तय किया गया है कि बिजली बिल बकाया है तो इसकी वसूली आपके साथ आपके घर में रहने वाले पिता, मां, भाई, बहन, पत्नी में से किसी एक के बैंक अकाउंट से की जाएगी। इसके लिए मध्यप्रदेश में बिजली कंज्यूमर्स और उनके परिवार के सदस्यों के बैंक अकाउंट्स की जानकारी अब सभी जिलों के कलेक्टर और एसपी को रखनी होगी। इन बैंक अकाउंट की जानकारी मिलने के बाद सरकार कलेक्टर्स के जरिए बिजली बिल जमा नहीं करने वाले उपभोक्ताओं की बकाया वसूली कराएगी। राज्य शासन ने इसके लिए जिला स्तरीय कमेटी गठित करने के निर्देश दिए हैं। यह कमेटी कंज्यूमर्स की केवाईसी कराएगी। डेटा एनालिसिस के आधार पर ऐसे कंज्यूमर्स की पहचान की जाएगी, जो सक्षम होने के बाद भी बिजली का पूरा बिल नहीं देकर गलत लाभ ले रहे हैं। हालांकि, कितना बकाया होने पर इस तरह की कार्रवाई की जाएगी और परिवार के सदस्यों से बैंक अकाउंट से वसूली किस तरह की जाएगी। इसको लेकर अभी तय नही है।
बिजली डेटा बेस से लिंक होगी उपभोक्ताओं की प्रॉपर्टी
मध्यप्रदेश में 1.77 करोड़ बिजली उपभोक्ता हैं। बिजली कंपनी के पास 1.1 करोड़ से ज्यादा उपभोक्ताओं के आधार नहीं हैं। इसके चलते अब बिजली कंपनी केवाईसी को अपडेट करने के लिए लोगों की प्रॉपर्टी को बिजली डेटा बेस से लिंक करेगी। विभागीय स्तर पर यह प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है।
अनुदान कम करने की तैयारी
मध्यप्रदेश में अटल गृह ज्योति स्कीम में मिल रही बिजली सब्सिडी को भी सरकार घटाने की तैयारी में है। अभी हर घरेलू उपभोक्ता को 100 रुपए में 100 यूनिट बिजली दी जा रही है। अब इतनी ही यूनिट बिजली 150 रुपए में देने का प्रस्ताव है। इसके अलावा सब्सिडी घटाने के लिए दो और बदलाव की तैयारी है। पहला- अभी सब्सिडी की पात्रता 150 यूनिट तक है। इसे 100 यूनिट पर सीमित किया जाएगा। दूसरा- 100 से 150 यूनिट तक की मासिक खपत वाले घरेलू उपभोक्ता को ‘पीएम मुफ्त बिजली घर-सूर्य लक्ष्मी योजना’ से लाभ दिया जाएगा। इसका असर यह होगा कि सब्सिडी के दायरे से करीब 62 लाख घरेलू उपभोक्ता बाहर हो जाएंगे। अभी 108 लाख उपभोक्ताओं को लाभ मिलता है। यह संख्या 46 लाख
रह जाएगी।
कलेक्टर होंगे कमेटी के अध्यक्ष
पांच सदस्यीय कमेटी के अध्यक्ष कलेक्टर होंगे। पुलिस आयुक्त या पुलिस अधीक्षक, सीईओ जिला पंचायत, नगर निगम आयुक्त और मुख्य नगर पालिका अधिकारी कमेटी के सदस्य होंगे। विद्युत वितरण कंपनी के अधीक्षण अभियंता, महाप्रबंधक शहर (संचालन और संधारण) को सदस्य और कमेटी संयोजक की जिम्मेदारी दी गई है। इस समिति का काम विभाग द्वारा दी जा रही सब्सिडी का गलत इस्तेमाल पर रोक लगाना होगा। बिजली चोरी पकडऩे और बकाया बिल जमा कराने के दौरान बिजली कर्मचारियों के साथ होने वाली मारपीट की स्थिति में कानूनी कार्रवाई करने के साथ सुरक्षा देने का भी जिम्मा होगा। सरकारी विभागों में बिजली कंपनी की बकाया राशि का पेमेंट कराने की भी जिम्मेदारी भी कमेटी की ही होगी। कमेटी की हर महीने बैठक होगी।