जम्मू: एक और लक्षित आतंकवादी हमले में एक सैनिक शहीद, तीन अन्य घायल

चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में रविवार का हमला उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर किया गया था, जहां 7 नवंबर को सुरक्षा बलों ने दो विलेज डिफ़ेंस गार्ड के गोलियों से छलनी शव बरामद किए थे.

नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर से एक और लक्षित हमले की खबर रविवार (10 नवंबर) को सामने आई, जिसमें सेना के एक जूनियर कमिश्नर अधिकारी (जेसीओ) की मौत हो गई और तीन अन्य सैनिक घायल हो गए हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक, ये हमला चिनाब घाटी के किश्तवाड़ जिले में हुआ, जहां सुरक्षा एजेंसियां ​​आतंकवादियों के एक समूह की तलाश कर रही थीं. ये वही समूह है, जो पिछले हफ्ते किश्तवाड़ जिले के मुंजला धार जंगलों में दो ग्राम रक्षा रक्षकों (वीडीजी) की हत्या में शामिल थे.

एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि रविवार सुबह केशवान इलाके के जंगलों में जम्मू-कश्मीर पुलिस और सेना की एक संयुक्त टीम द्वारा आतंकवाद विरोधी अभियान चलाया जा रहा था. इस दौरान आतंकवादियों के एक समूह ने सुरक्षा बलों पर गोलीबारी की, जिसके चलते सेना के चार जवान घायल हो गए.

पीड़ितों में से एक पैराट्रूपर की पहचान 2 पैरा के राकेश कुमार के रूप में हुई है, जिन्होंने चोटों के कारण दम तोड़ दिया. ये एक जूनियर कमिश्नर ऑफिसर (नायब सूबेदार) रैंक के सैनिक थे.

इस संबंध में जम्मू स्थित सेना की रणनीतिक ह्वाइट नाइट कोर ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में उनकी मृत्यु की पुष्टि की है.

एक्स पर लिखे पोस्ट के अनुसार, ‘ह्वाइट नाइट कोर के जीओसी (जनरल ऑफिसर कमांडिंग) और सभी रैंक के जवान 2 पैरा (एसएफ) के बहादुर नायब सूबेदार राकेश कुमार के सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं. सूबेदार राकेश भारत रिज किश्तवाड़ के सामान्य क्षेत्र में शुरू किए गए संयुक्त सीआई (आतंकवाद विरोधी) अभियान का हिस्सा थे. हम दुख की इस घड़ी में शोक संतप्त परिवार के साथ हैं.’
रिपोर्ट में कहा गया है कि अन्य तीन घायल सैनिकों की हालत स्थिर मानी जा रही है और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है. अधिकारी ने आगे बताया कि फिलहाल, आतंकियों को ढूंढने का ऑपरेशन जारी है. इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है और जंगली इलाके के आसपास निगरानी बढ़ा दी गई है, जहां माना जा रहा है कि आतंकवादी छिपे हुए हैं.

मालूम हो कि रविवार का ये ताज़ा हमला उस स्थान से कुछ किलोमीटर की दूरी पर किया गया था, जहां 7 नवंबर को सुरक्षा बलों ने दो विलेज डिफ़ेंस गार्ड के गोलियों से छलनी शव बरामद किए थे.

सेना का कहना है कि यह आतंकवादियों का वही समूह था, जो अपहरण और हत्या में शामिल था .

गौरतलब है कि जम्मू-कश्मीर में 7 नवंबर को अपहरण के बाद दो विलेज डिफ़ेंस गार्ड के रूप में काम करने वाले दो नागरिकों की हत्या कर दी गई थी. ये जम्मू संभाग में एक पखवाड़े के भीतर दूसरा ऐसा लक्षित हमला था. ये लोग अपने मवेशियों के साथ किश्तवाड़ की चतरू तहसील के कुंतवाड़ा के ऊंचे जंगली इलाकों में गए थे. इन हत्याओं की जिम्मेदारी कश्मीर टाइगर्स (केटी) ने ली थी, जिसे अधिकारी प्रतिबंधित पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद संगठन की एक शाखा मानते हैं.

ज्ञात हो कि चिनाब घाटी, जिसमें पहाड़ी किश्तवाड़, डोडा और रामबन जिले शामिल हैं, में हाल के महीनों में आतंकवादी गतिविधियों में बढ़ोत्तरी देखी गई है. अधिकारियों के अनुसार, दो और तीन में आतंकवादियों के लगभग एक दर्जन समूह चिनाब घाटी और निकटवर्ती पीर पंजाल क्षेत्र में सक्रिय हैं, जिन्होंने पिछले तीन वर्षों में सुरक्षा बलों पर बड़े हमले किए हैं.

किश्तवाड़ में हुआ ताज़ा हमला जम्मू संभाग में एक पखवाड़े में तीसरा आतंकवादी हमला है. ये इलाका पीर पंजाल क्षेत्र की एक सेना डिवीजन को 2020 में लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गलवान झड़प के बाद चीनी आक्रामकता से निपटने के लिए स्थानांतरित करने के बाद जम्मू-कश्मीर में संघर्ष का एक नया क्षेत्र बनकर उभरा है.

हाल ही में 29 अक्टूबर को भी जम्मू के बट्टल इलाके में आतंकवादियों द्वारा सेना की एम्बुलेंस पर असफल हमला किया गया था. इस विफल हमले में शामिल सभी तीन आतंकवादियों ने हाल ही में नियंत्रण रेखा के पास अखनूर सेक्टर से जम्मू में घुसपैठ की थी. इन सभी को इस क्षेत्र में 15 घंटे से अधिक समय तक चले उग्रवादी विरोधी अभियान में मार गिराया गया.

इस मुठभेड़ में फैंटम नाम का सेना का एक कुत्ता भी घायल हो गया था, जिसने बाद में चोटों के कारण दम तोड़ दिया.

किश्तवाड़ में ये हत्याएं सुरक्षा बलों द्वारा अनंतनाग के एक मुठभेड़ में पीपुल्स एंटी फासिस्ट फ्रंट (पीएएफएफ) के एक ऑपरेशनल कमांडर अरबाज मीर को मार गिराने के कुछ दिनों बाद सामने आई हैं.

उसी दिन एक अन्य मुठभेड़ में उस्मान भाई, जो लश्कर-ए-तैयबा से संबद्ध और पाकिस्तान से था, को भी मार गिराया गया था.

सुरक्षा बलों ने इन आतंकियों की हत्याओं को लश्कर और पीएएफएफ के लिए एक बड़ा झटका करार दिया था. पीएएफएफ जैश की एक और संदिग्ध शाखा है, जिसने 2021 से जम्मू के पीर पंजाल क्षेत्र में सशस्त्र बलों पर कई घातक हमले किए हैं.

इस बीच, पिछले तीन दिनों में कश्मीर घाटी की पांचवीं मुठभेड़ सुरक्षा बलों और संदिग्ध आतंकवादियों के बीच रविवार सुबह राजधानी श्रीनगर में हुई. रिपोर्टों में कहा गया है कि सुरक्षा बलों की एक संयुक्त टीम ने श्रीनगर शहर के किनारे ज़बरवान जंगल में एक तलाशी अभियान शुरू किया था, जब संदिग्ध आतंकवादियों ने उन पर गोलीबारी शुरू कर दी.

खबरों के मुताबिक, सुरक्षा बलों ने गोलीबारी का जवाब दिया, जिसके चलते दोनों पक्षों के बीच क्षेत्र में थोड़ी देर तक गोलीबारी हुई. ज़बरवान पर्वत सिंध और लिद्दर घाटियों की परिधि पर आते हैं, जहां 2019 में केंद्र सरकार द्वारा अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के बाद उग्रवादी गतिविधियां बढ़ गई हैं.

कथित तौर पर भारी गोलीबारी के बाद आतंकवादी पास के जंगल में भाग गए, जिसके बाद इलाके में अतिरिक्त सुरक्षा बलों को तैनात किया गया है. रिपोर्ट में कहा गया है, ‘गोलीबारी रुक गई है लेकिन तलाशी जारी है.’