1990 बैच के राजस्थान कैडर के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिन्होंने आरबीआई में छह साल तक काम किया है. मल्होत्रा वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
नई दिल्ली: राजस्थान कैडर के 1990 बैच के आईएएस अधिकारी संजय मल्होत्रा को 11 दिसंबर, 2024 से शुरू होने वाले तीन साल के कार्यकाल के लिए भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का नया गवर्नर नियुक्त किया गया है. वे वर्तमान में वित्त मंत्रालय में राजस्व सचिव के पद पर कार्यरत हैं.
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्व सचिव के रूप में मल्होत्रा ने प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों से संबंधित कर नीतियों को संभाला है. उनका व्यापक करियर बिजली, वित्त, कराधान (taxation), सूचना प्रौद्योगिकी और माइनिंग सहित विभिन्न क्षेत्रों में फैला हुआ है.
मल्होत्रा ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर से कंप्यूटर विज्ञान इंजीनियरिंग में डिग्री और प्रिंसटन विश्वविद्यालय, अमेरिका से सार्वजनिक नीति में स्नातकोत्तर की डिग्री प्राप्त की है.
मल्होत्रा शक्तिकांत दास की जगह लेंगे, जिन्होंने आरबीआई में छह साल तक काम किया है. शक्तिकांत दास को 12 दिसंबर, 2018 को पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल के अचानक पद से हटने के बाद आरबीआई का 25वां गवर्नर नियुक्त किया गया था.
बता दें कि पटेल ने 5 सितंबर 2016 को आरबीआई के 24वें गवर्नर के रूप में पद संभाला था. भाजपा नेतृत्व वाली सरकार द्वारा पूर्व गवर्नर रघुराम राजन को दूसरा कार्यकाल देने से इनकार के बाद उन्हें यह पद मिला था. उनके कार्यकाल में आरबीआई और सरकार के बीच लगातार तनाव बना रहा.
इसके बाद पटेल ने 10 दिसंबर, 2018 को अचानक केंद्रीय बैंक के गवर्नर पद से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने अपना इस्तीफा केंद्रीय बैंक के बोर्ड की महत्वपूर्ण बैठक से पहले दिया था, जिसमें सरकार के साथ मतभेदों को दूर करने पर बातचीत होनी थी.
शक्तिकांत दास ने अपनी हालिया मौद्रिक नीति समिति की बैठक में आरबीआई ने बेंचमार्क रेपो रेट को अपरिवर्तित रखा, लेकिन सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए नकद आरक्षित अनुपात (सीआरआर-Cash Reserve Ratio) में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती की.
नए आरबीआई गवर्नर को उच्च महंगाई के आंकड़ों के साथ विकास की उम्मीदों को संतुलित करने की चुनौती का सामना करना पड़ेगा, क्योंकि जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर 5.4% हो गई है, जो सात तिमाहियों में सबसे कम विकास दर है.