संसद में कांग्रेस का मोदी-अडानी बैग लेकर प्रदर्शन, अडानी-रेवंत टी-शर्ट पर बीआरएस नेता हिरासत में

टी-शर्ट और मास्क के बाद कांग्रेस सांसदों ने मंगलवार को संसद के बाहर नरेंद्र मोदी और गौतम अडानी के कैरिकेचर वाले ‘मोदी-अडानी’ बैग के साथ प्रदर्शन किया. वहीं, हैदराबाद में गौतम अडानी के साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की तस्वीरों वाली टी-शर्ट पहने बीआरएस विधायकों को हिरासत में लिया गया.

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसदों ने टी-शर्ट और मुखौटे (मास्क) के बाद मंगलवार को संसद के बाहर ‘मोदी-अडानी’ बैग पकड़कर विरोध प्रदर्शन किया. बैग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अरबपति गौतम अडानी के कैरिकेचर छपे थे और साइड में ‘मोदी अडानी भाई भाई’ लिखा था.

वहीं, हैदराबाद पुलिस ने सोमवार को भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कई विधायकों, जिनमें पार्टी के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव, उनकी बहन और एमएलसी कविता और उनके चचेरे भाई टी. हरीश राव शामिल हैं, को तब हिरासत में लिया गया, जब उन्होंने सत्र के दौरान उद्योगपति गौतम अडानी के साथ मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी की तस्वीरों वाली टी-शर्ट पहनकर राज्य विधानसभा परिसर में प्रवेश करने की कोशिश की थी.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस बलों ने बीआरएस विधायकों को रोका और टी-शर्ट पहनने पर आपत्ति जताई, जिस पर ‘रेवंत-अडानी भाई भाई’ का नारा भी लिखा था और कहा कि इस तरह के विरोध से विधानसभा में तनावपूर्ण माहौल पैदा होगा.

केटीआर ने कहा कि बीआरएस विधायकों को अपनी पसंद के कपड़े पहनने का पूरा अधिकार है और उन्होंने पुलिस के उनके पहनावे पर रोक लगाने के अधिकार को चुनौती दी. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के सांसदों ने भी हाल ही में लोकसभा में प्रवेश करते समय अडानी की तस्वीरों वाले टी-शर्ट पहने थे.

बीआरएस विधायकों के शांत न होने पर पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया और सैफाबाद पुलिस थाने ले गई, हालांकि बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया.

संसद में हंगामा
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, संसद में विपक्ष ने आरोप लगाया है कि सरकार अमेरिका में अडानी से जुड़े रिश्वतखोरी के आरोपों पर चर्चा से बच रही है.

कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट किया, ‘इंडिया गठबंधन की पार्टियां अडानी महाघोटाले पर चर्चा करना चाहती हैं, लेकिन मोदी सरकार लगातार इससे भाग रही है. आज इंडिया गठबंधन के नेताओं ने मोदी सरकार की इस तानाशाही के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया.’

संसद में लगातार हो रहे व्यवधानों के लिए कौन जिम्मेदार है, इस पर सरकार और विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है. केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह ऐसे स्टंट कर रही है, जिससे व्यवधान पैदा हो रहा है, जबकि कांग्रेस ने पलटवार करते हुए दावा किया कि सरकार चर्चा से बच रही है और विपक्ष इसके लिए जिम्मेदार नहीं है.

इस बीच, राहुल गांधी ने संसद सत्र पर चर्चा के लिए कांग्रेस के लोकसभा सांसदों की बैठक की अध्यक्षता की. बैठक में कांग्रेस की सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी शामिल थीं, जिन्होंने बाद में कहा कि, ‘हम हर दिन चर्चा करने की कोशिश करते हैं, लेकिन वे इसमें शामिल नहीं होना चाहते. इसलिए वे सदन को स्थगित करने का कोई न कोई बहाना ढूंढ़ लेते हैं.’

एक दिन पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने मॉक इंटरव्यू के लिए कांग्रेस नेता राहुल गांधी की आलोचना करते हुए कहा कि जहां टीएमसी, सपा जैसे अन्य दलों के सांसद संसद में बहस और चर्चा में शामिल होना चाहते हैं, वहीं राहुल गांधी ‘तमाशा’ करके कार्रवाई को ठप करना चाहते हैं.

रिजिजू ने कहा, ‘राहुल गांधी को तमाशा खड़ा करने और प्रधानमंत्री को गाली देने में आनंद आता है, लेकिन अन्य सांसदों की उन लोगों के प्रति जिम्मेदारी है जिन्होंने उन्हें चुना है.’

उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा, ‘चाहे जो भी मुद्दे हों, हमें संसदीय कार्रवाई को बाधित नहीं करना चाहिए. समाजवादी पार्टी, टीएमसी और कांग्रेस के सांसदों सहित कई सांसद मेरे पास आए हैं. राज्यसभा में पूरी कांग्रेस पार्टी सदन में बहस और चर्चा चाहती है. केवल राहुल गांधी ही हैं जो संसदीय कार्रवाई में भाग नहीं लेना चाहते हैं. लेकिन अन्य सभी सांसद सदन में बहस और चर्चा करने में बहुत रुचि रखते हैं. हर सांसद अपने निर्वाचन क्षेत्र के बारे में चिंतित है.’

इससे पहले सोमवार को ‘इंडिया’ ब्लॉक के कुछ नेताओं ने अडानी विवाद को लेकर संसद परिसर में विरोध प्रदर्शन किया, जिसमें राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर एक मॉक इंटरव्यू आयोजित किया, जिसमें कांग्रेस के सदस्यों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उद्योगपति गौतम अडानी के मास्क पहने हुए थे.

हालांकि, तृणमूल कांग्रेस पार्टी (टीएमसी) और समाजवादी पार्टी के सदस्य विरोध प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी-एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले भी विरोध प्रदर्शन में मौजूद नहीं थीं.

ज्ञात हो कि पिछले महीने अमेरिकी न्याय विभाग और सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज कमीशन (एसईसी) ने अडानी पर भारत में सौर ऊर्जा अनुबंधों को हासिल करने के लिए साल 2020 से 2024 के बीच 265 मिलियन डॉलर की रिश्वतखोरी मामले में व्यक्तिगत रूप से शामिल होने का आरोप लगाया था. अनुमान है कि उन अनुबंधों से अडानी ग्रुप को 20 सालों में 2 अरब डॉलर का मुनाफा हो सकता है.

अमेरिकी अभियोग में आरोप लगाया गया है कि अडानी के अधिकारियों, जिनमें स्वयं अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी और अडानी ग्रीन के प्रबंध निदेशक विनीत जैन शामिल थे, ने बिजली अनुबंधों के लिए भारतीय अधिकारियों को रिश्वत देने और अमेरिकी निवेशकों को गुमराह करने की योजना बनाई थी.

बता दें कि अडानी मामले को लेकर शुरू से संसदीय कार्यवाही पूरी तरह से ठप रही है. विपक्षी दल अडानी मामले पर चर्चा की मांग कर रहे हैं, जिससे सत्ताधारी दल से टकराव हुआ है, जिसके कारण लोकसभा और राज्यसभा दोनों में बार-बार कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी है. सत्ताधारी दल ने विपक्ष पर जानबूझकर विधायी कामकाज में बाधा डालने का आरोप लगाया है.