अफसर सरकारी योजनाओं का घर-घर जाकर देंगे लाभ

जन कल्याण पर्व पर प्रदेश को मिलेगी 18 हजार करोड़ के विकास कामों की सौगात.

मनीष द्विवेदी। मंगल भारत। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव आज से शुरु हो रहे जन कल्याण पर्व के अवसर पर एक पखवाड़े में प्रदेश को 18 हजार करोड़ रुपए की सौगात देंगे। यह पर्व आज 11 दिसंबर से 26 दिसंबर तक एक पखवाड़े तक मनाया जाएगा। इस दौरान प्रदेशभर में नगरीय और ग्रामीण क्षेत्रों में अधिकारियों और पार्षदों के माध्यम से घर-घर जाकर पात्र हितग्राहियों को लाभ प्रदान किया जाएगा। 63 शासकीय सेवाओं से संबंधित समस्याओं का शिविर लगाकर मौके पर निराकरण भी किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश को नदी जोड़ो अभियान अंतर्गत 2 बड़ी परियोजनाएं दी है। इसमें बुंदेलखण्ड क्षेत्र की केन-बेतवा वृहद परियोजना और पार्वती- कालीसिंध-चंबल परियोजना है। इन दोनों परियोजनाओं से मध्यप्रदेश के साथ उत्तरप्रदेश और राजस्थान भी लाभान्वित होंगे। उन्होंने बताया कि शीघ्र ही केन-बेतवा परियोजना का भूमि-पूजन प्रधानमंत्री मोदी द्वारा किया जायेगा। केन-बेतवा परियोजना से मध्यप्रदेश के बुंदेलखण्ड क्षेत्र में वृहद स्तर पर सिंचाई होगी। साथ ही पेयजल भी उपलब्ध होगा। इससे पूरे क्षेत्र में समृद्धि आयेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि गत् दो दशकों से लंबित पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना का हल निकालकर प्रधानमंत्री ने मध्यप्रदेश के 10 और राजस्थान के 13 जिलों को अनूठी सौगात दी है। साथ ही भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. अटल बिहारी वाजपेयी की नदी जोड़ो परियोजना के स्वप्न को साकार किया है। सीएम ने कहा कि सरकार ने सभी 55 जिलों में पुन: पुलिस बैंड के प्रबंधन समेत अन्य महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं। इसके अलावा, प्रदेश में सभी त्योहारों को धूमधाम से मनाने का भी निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आने वाले 5 सालों में प्रदेश का बजट 7 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसके लिए सभी योजनाओं को जारी रखते हुए विकास की नई दिशा तय की जाएगी।
मेडिकल कॉलेजों की संख्या होगी 50
मुख्यमंत्री ने बताया कि मध्यप्रदेश में अब तक 30 मेडिकल कॉलेज संचालित हो रहे हैं और आने वाले एक साल में इनकी संख्या 50 तक पहुंचाई जाएगी। इसके साथ ही, 5 नए आयुर्वेदिक मेडिकल कॉलेज भी खोले जाएंगे। उन्होंने बताया कि किसानों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए प्रदेश सरकार ने साइबर तहसील व्यवस्था लागू की है, जो देश में पहली बार मध्यप्रदेश में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार एविएशन के क्षेत्र में कई विकास कार्य कर रही है, जिससे रीजनल एयर कनेक्टिविटी में सुधार हुआ है और हवाई यातायात के साथ-साथ पर्यटन को भी बढ़ावा मिल रहा है।
बेरोजगारों के लिए खुशखबरी
प्रदेश में एक लाख पदों पर सीधी भर्ती की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसकी शुरुआत ऊर्जा विभाग ने की है। विभाग ने एमपी ऑनलाइन के जरिए तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 2573 रिक्त पदों के लिए मंगलवार को विज्ञापन भी जारी कर दिया है। यह भर्ती पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी के जरिए की जा रही है। इसमें कैंडिडेट्स 24 दिसंबर 2024 से 23 जनवरी 2025 तक अप्लाई कर सकते हैं। बता दें कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सोमवार को कहा है कि एक लाख पदों पर भर्ती के लिए एमपीपीएससी और कर्मचारी चयन मंडल को रिक्वॉयरमेंट भेज दी गई है। सीएम के फैसले के तहत विभागों ने भर्ती संबंधी प्रस्ताव भेजने का काम तेज कर दिया है। जल्द ही विज्ञापन निकाले जाने की तैयारी है। शिक्षा विभाग में भी 35,357 पद भरे जाएंगे। दूसरी ओर राज्य सरकार द्वारा विभागवार रिक्त पदों की जानकारी मांगे जाने के बाद अब तक 55 हजार 410 पदों की जानकारी सामने आ चुकी है। इन पर भर्तियों की तैयारी चल रही हैं। ऊर्जा विभाग के अपर मुख्य सचिव नीरज मंडलोई ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की मंशा के मुताबिक पदों की भर्ती के प्रस्ताव सबसे पहले भेजने और विज्ञापन जारी कराने का काम किया है। उधर, जीएडी में विभागों की ओर से पहुंची रिपोर्ट के अनुसार सबसे ज्यादा 24,614 पद स्कूल शिक्षा विभाग में रिक्त हैं। इसके बाद उच्च शिक्षा विभाग में 6,407 और तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास व रोजगार विभाग में 4,336 पद रिक्त हैं। वहीं, वन विभाग में भी 4,088 पद खाली हैं।
पौने तीन लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में 6 रीजनल कॉन्क्लेव का आयोजन किया गया, जिनमें अभी तक पौने तीन लाख करोड़ रुपए रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले है। इसके अलावा 16 जनवरी को शहडोल में आगामी रीजनल इंडस्ट्रियल कॉन्क्लेव और फरवरी में भोपाल में जीआईएस प्रस्तावित है। मुख्यमंत्री ने कृषि क्षेत्र में मध्यप्रदेश की सफलता का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य कृषि उत्पादकता को बढ़ावा देने के लिए निरंतर काम कर रहा है। साथ ही, प्रदेश का दुग्ध उत्पादन 9 प्रतिशत से बढ़ाकर 20 प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है।